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हर रोज सुबह बंद हो जाती है नाक, तो अपने बेडरूम की इन बातों का रखें ख्याल

रोज सुबह बंद नाक के साथ उठना किसी के लिए भी परेशानी भरा हो सकता है। अगर आप इसका ठोस कारण नहीं ढूंढ पा रहे हैं, तो आपका बेडरूम हो सकता है इसके लिए जिम्मेदार।
मानसून के दौरान बढ़ी हुई नमी से फफूंदी के कारण नाक बंद हो सकती है। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 5 Jan 2022, 13:01 pm IST
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क्या आप अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद अपने बेडरूम की डस्टिंग, झाड़ू लगाना और पोंछकर उसे साफ रखते हैं? अगर यह आपके लिए संभव नहीं है, तो उस गंदगी का आपके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इन्हीं में से एक है बंद नाक। वर्क फ्रॉम होम के समय जब आप बाहरी प्रदूषण से दूर हैं, तब घरेलू प्रदूषण (Indoor Pollution) एलर्जी और संक्रमण का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं उन प्रदूषकों के बारे में जो आपके बेडरूम में मौजूद हैं। 

आखिरकार, बेडरूम वह कमरा है जिसमें आप घर का सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। कोविड- 19 के दौर में वर्क फ्रॉम होम (WFH) के कारण आप ज्यादातर समय अपने कमरे में बिताते हैं। बेडरूम के साथ यह आपका ऑफिस केबिन भी बन चुका है। इसलिए यदि आप सुबह बंद नाक या गले में खुजली के साथ जागते हैं, तो अपने बेडरूम की सफाई पर थोड़ा और ध्यान देने का समय आ गया है। 

इंडाेर पॉल्यूशन कम करने के लिए इन बेडरूम हैबिट्स को सुधारें 

1. वैक्यूम करने में कंजूसी न करें

विशेष रूप से यदि आपके बेडरूम में कार्पेट है, तो सप्ताह में कम से कम एक बार वैक्यूम करना आवश्यक है। केचुम ग्लोबल रिसर्च एंड एनालिटिक्स के अनुसार आपके घर में कितने लोग और पालतू जानवर रहते हैं, उसके अनुसार मशीन चलाना जरूरी हो जाता है। तो अगर आपके पास दो लोग और दो पालतू जानवर हैं, तो इसका मतलब है कि आपको सप्ताह में चार बार वैक्यूम क्लीन करना चाहिए।

बिस्तर को साफ रखना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

यह अधिक लग सकता है, लेकिन जीवविज्ञानी और पर्यावरण सलाहकारों का कहना है कि वैक्यूमिंग बेडरूम से बहुत सारे धूल कणों को हटाने में मदद करती है। गद्दे, फर्श और किसी भी सामान के बीच, गंदगी और छोटे कीड़ों जैसे घुनों के इकट्ठा होने के लिए कमरे में बहुत सारी सतहें होती हैं। संभावित रूप से इस प्रक्रिया में एलर्जी और श्वसन जलन पैदा हो सकती है।

2. बिस्तर को साफ रखें 

चूंकि आप अपने बिस्तर में इन दिनों अधिक समय बिता रहे हैं, आप उनमें बहुत सारा पसीना और डेड स्किन सेल्स छोड़ जाते हैं। इसका मतलब है कि बिस्तर को नियमित रूप से साफ करना आवश्यक है। खासकर ऐसे तापमान पर जो कीटाणुओं, जीवाणुओं और घुन को मारने के लिए पर्याप्त गर्म हो।

बिस्तर पर बिछी चादर हर 2 दिन में बदलना हाइजेनिक माना जाता है। चूंकि चादरें, गद्दे और तकिए को स्वच्छ रखने से बंद नाक की समस्या दूर हो सकती है। ये बहुत जल्दी धूल को खींचती हैं और सोते समय आप सबसे अधिक इनके करीब होते हैं। रात भर ये धूल आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित कर सकती है और सुबह आप बंद नाक के साथ उठते हैं। इसलिए इनका साफ होना बहुत जरूरी है।

3. अति-धूल वाले क्षेत्रों की करें विशेष सफाई 

बिस्तर और फर्श जैसे स्पष्ट स्थानों के साथ, कभी-कभी खिड़की के शीशे और बेसबोर्ड के शीर्ष से भी धूल को मिटा देना आवश्यक है। इन दोनों क्षेत्रों में जमी धूल पर कई बार किसी का ध्यान नहीं जाता। यह सुनने में मुश्किल लग सकता है, लेकिन अपने बिस्तर के नीचे के क्षेत्र को नियमित रूप से साफ करना महत्वपूर्ण है। यह एरिया सबसे अधिक गंदगी इकट्ठी कर सकता है।

4. बेडरूम में पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स को स्टोर न करें

कुछ भी जो बहुत ज्यादा सुगंधित है – चाहे वह मोमबत्ती हो, सौंदर्य उत्पाद हो, या क्लीनर हो – हवा में संभावित रूप से परेशान करने वाले वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOC) का उत्सर्जन कर सकते हैं। बेडरूम के वातावरण को अधिक सुरक्षित रखने के लिए, अपने सुगंधित उत्पादों को बेडरूम से बाहर कहीं स्टोर करना बेहतर होगा। 

खुसबू वाले प्रॉडक्ट को कमरे में न रखें। चित्र : शटरस्टॉक

5. कमरे को इलेक्ट्रॉनिक्स से लोड न करें

अंत में,  इलेक्ट्रॉनिक्स को बेडरूम से बाहर रखना स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकता है। इसके अलावा आप बिस्तर से कम से कम आठ फीट की दूरी पर इन उपकरणों को रख सकते हैं। कमरे को यथासंभव उपकरण-मुक्त रखने से आपका प्रलोभन काम होता है। इसके अलावा आप रात को पहले स्क्रॉल करके बाद में सोने या उठने के साथ ही स्क्रॉल करने की आदत से राहत पाते हैं।  

तो लेडीज, अपने बेडरूम में इन जरूरी बदलावों को तुरंत एक्शन में लाएं। यह आपके और परिवार वालों की सेहत का सवाल है! 

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अदिति तिवारी

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