वक्त वह भी होता है जब आप बालों पर हाथ फेरकर ‘कूल’ दिखने की कोशिश कर सकते हैं और वक्त वह भी हो सकता है जब आप बालों पर हाथ फेरने से केवल इस वजह से डरें कि डैंड्रफ ना गिरे। सर्दियों में ये वाला वक्त अक्सर आता है और इसका इलाज़ है कैस्टर ऑयल। लेकिन इसके फ़ायदे यहीं तक सीमित नहीं हैं। आइए जानते हैं कैस्टर ऑयल के फायदे (Castor oil benefits) और इस्तेमाल (How to use castor oil) के बारे में सब कुछ।
कैस्टर ऑयल अन्य कई तेलों की तरह ही वनस्पति से मिलने वाला तेल ही है। जो कैस्टर यानी अरंडी के पौधे से मिलता है। अरंडी के बीजों से ये तेल तैयार किया जाता है। कैस्टर ऑयल में रिसिनोलेइक एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो एक तरह का फैटी एसिड है। यह एंटीऑक्सीडेंट और पेन किलर है।
नेचुरल थेरेपी के तौर पर कैस्टर ऑयल का यूज पहले से किया जाता रहा है। इजिप्ट में कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल सूखी आंखों को ठीक करने और कब्ज़ से राहत पाने के लिए होता था। आयुर्वेद में, कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल गठिया के दर्द को कम करने के लिए होता है। आज कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल मेडिकल और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में किया जाता है। इसका इस्तेमाल साबुन,शैम्पू बनाने में भी होता है।
रीजेंसी हॉस्पिटल, कानपुर में में स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर सौरव श्रीवास्तव के अनुसार “दरअसल अरंडी तेल यानी कैस्टर ऑयल में फैटी एसिड होता है। फैटी एसिड का काम यह भी है कि वह स्किन को हाइड्रेट और हेल्दी रखे। कैस्टर ऑयल वही काम करता है जो त्वचा में नमी रोककर उसे नरम और चिकना बनाए रखता है।”
कैस्टर ऑयल को मॉइस्चराइज़र की तरह अकेले भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, ये गाढ़ा होता है, तो आम तौर पर लोग इसको किसी तेल (बादाम, नारियल या जोजोबा तेल) के साथ लगाते हैं। इससे चेहरे पर मुंहासे के निशान यहां तक कि झुर्रियों को भी कम करने में मदद मिल सकती है।
आपने यह ज़रूर सुन रखा होगा कि अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल रूसी (Dandruff) को कम करने में मदद करता है। दरअसल, बालों में रूसी होने का प्रमुख कारण उसका सूखापन है।
तो लोग अपने बालों को नम रखने देने के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल करते हैं। ये ऑयल बालों को चिकना कर देते हैं ताकि बाल दोमुंहें होने से और टूटने से बचें। अरंडी का तेल एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक भी है जो सिर और बालों को फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचा सकते है।
एक स्टडी में यह प्रूव भी हुआ है कि चार हफ़्तों तक गठिया से पीड़ित व्यक्तियों पर टेस्ट के बाद ये मिला कि जिन व्यक्तियों ने कैस्टर ऑयल के कैप्सूल लिए थे,उनमें से 92% लोगों को दर्द में कमी महसूस हुई है। सूजन से लेकर दर्द तक कैस्टर ऑयल इसी तरह मददगार है।
कैस्टर ऑयल को पीना आपको डॉक्टरी सलाह पर ही है और इसकी डोज़ आपकी उम्र,आपकी मेडिकल कंडीशन पर ही डिपेंड करती है। जब भी इस तरह की कोई बात हो आप डॉक्टर्स के पास ही जाएं।
हालांकि, तमाम रिपोर्ट्स के अनुसार, 12 साल या उससे ज़्यादा उम्र के लोग पेट में गैस की समस्या के लिए 1 से 4 चम्मच ले सकते हैं।
ज़रूरत से बहुत ज़्यादा अरंडी का तेल लेने से दिक्कतों के ये लक्षण हो सकते हैं
दावे हैं कि कैस्टर ऑयल यानी अरंडी का तेल बाल, पलकें और भौहें बढ़ाने में मददगार है, लेकिन यह केवल कथ्य है, इसके सत्य होने का प्रमाण नहीं है। अब तक किसी भी प्रयोग में ये साबित नहीं हो सका है कि कैस्टर का तेल इन सब मे मददगार है।
तथ्य यह है कि अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल तमाम जतन के बाद ही बनता है। तमाम मेडिकल प्रक्रिया से गुज़रने के बावजूद। आप भी इसका इस्तेमाल मेडिकल प्रक्रियाओं से गुज़रने के बाद ही करें। यानी बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं। बिल्कुल नहीं।
ध्यान रखें
अरंडी के तेल को किसी गर्भवती स्त्री को बिना डॉक्टर की सलाह के ना दें। उन व्यक्तियों को भी ना दें जिनके लिवर या किडनी में किसी भी तौर पर सूजन हो।
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