स्वस्थ नाखून हल्के गुलाबी रंग के होते हैं और इनकी ऊपर की टिप पर हल्का कर्व बना होता है। क्या आपको मालूम है नाखून की रंगत, टेक्सचर, आकर और साइज में आने बाले बदलाव आपकी सेहत का हाल बताते हैं। यह बदलाव न्यूट्रिशन डेफिशियेंसी, इन्फेक्शन और अन्य हेल्थ कंडीशंस को दर्शाते हैं। ठीक बालों की तरह नाख़ून भी केराटिन (प्रोटीन) से बने होते हैं ऐसे में इन्हे भी पूर्ण देखभाल की आवश्यकता होती है। देखभाल के बिना नाखून डल और ड्राई पड़ जाते हैं। हालांकि, कुछ कंडीशन जैसे की बदलता मौसम, प्रेगनेंसी, उम्र आदि नाखून की कंडीशन में बदलाव का कारण बन सकते हैं (causes of unhealthy nails)।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने नाखूनों में होने वाले बदलाव और हेल्थ कंडीशन के बिच के कनेक्शन के बारे में बताया है। तो चलिए जानते हैं आखिर किस तरह नाखून आपकी सेहत की स्थिति को दर्शाते हैं।
नाखून के आकार कई हेल्थ कंडीशंस को दर्शाते हैं, यदि आपके नाखून ऊपरी टिप से उल्टे दिशा में कर्व हो रहे हैं, तो यह आयरन डिफिसिएन्सी यानि की एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। यदि टिप से अंदर की ओर अधिक कर्व हो रहा है तो यह रेस्पिरेटरी और हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है। वहीं स्क्वायर और वाइड शेप्ड नेल्स हार्मोनल डिसऑर्डर और फ्लैट और पतले नाखून विटामिन बी12 का संकेत हो सकते हैं।
ऐसे में विटामिन बी12 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे की डेयरी, मीट, एग साथ ही आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे की हरी पत्तेदार सब्जियां और नट्स को डाइट में शामिल करें। वहीं इन्हे विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे की खट्टे फल नींबू आदि के साथ पेयर करें यह आपके शरीर में आयरन अवशोषण को बढ़ावा देता है।
नेल पीलिंग तब होती है जब नाख़ून के ऊपर का प्रोटेक्टिव लेयर केरेटिन डैमेज हो जाता है। बिना किसी प्रोटेक्शन के यदि नाखून अधिक गर्म हवा, पानी या अधिक ठंढी हवा के संपर्क में आते हैं तो पीलिंग की समस्या होना बिल्कुल आम है। इसके अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी भी इसका कारण बन सकती है। इसके लिए आपको अखरोट, फ्लैक्स सीड्स, बादाम, सनफ्लॉवर सीड्स और नट्स लेने की आवश्यकता है, इससे आपके नाख़ून स्वस्थ में सुधार होता है। इसके अलावा हैंड मॉइस्चराइजर भी नाखून के ऊपरी परैत को स्वस्थ रखते हैं।
नाख़ून का पीला पड़ता कई आंतरिक समस्यायों की शुरूआती निशानी है यह डायबिटीज, रेस्पिरेटरी और लिवर की समस्यायों को दर्शाती है। वहीं नाखूनों पर नजर आने वाले पिले धब्बे फंगस इन्फेक्शन और सोराइसिस का संकेत हो सकते हैं। इसके लिए आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से मिल सलाह लेनी चाहिए।
ब्रिटल नेल्स की शिकायत लगभग सभी महिलाओं को होती हैं। इस स्थिति में नाखून में मॉइस्चर की कमी हो जाती है और नाख़ून ड्राई होने लगते हैं, जिसकी वजह से इनमें क्रैक आ सकता है। इसके अलावा अंडर एक्टिव थयरॉइड भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं साथ ही कैल्शियम और प्रोटीन की कमी ब्रिटल नेल्स का कारण बनती हैं।
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इस स्थिति में आपको डाइट में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैस की मेथी, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि शामिल करने की आवश्यकता है। बायोटिन सप्लीमेंट और अंडों का सेवन भी नाखून को मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, तिल और डेयरी प्रोडक्ट्स की मदद से शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बनाये रखें।
नाखून पर नजर आने वाले व्हाइट स्पॉट्स फीवर, किडनी डिसऑर्डर, लिवर और हार्ट डिजीज खास कर आयरन और जिंक की कमी के संकेत हो सकते हैं। वहीं यह स्थिति एक्जिमा और सोराइसिस की स्थिति को भी दर्शाती है।
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कस्टमाइज़ करेंऐसे में योगर्ट, काबुली चना, ड्राइड बीन्स, किशमिश, डेयरी प्रोडक्ट, बादाम, दूध, चिकन, किडनी बीन्स और ओटमील को डाइट में शामिल करें।
नाखून के रंगत में बदलाव नजर आना फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन की निशानी हो सकते हैं। इसके आलावा यदि आपका ब्लड सर्कुलेशन संतुलित नहीं है तब भी यह समस्या हो सकती है। वहीं फॉलिक एसिड, विटामिन सी और प्रोटीन की कमी से नाखून की रंगत हल्के भूरे रंग में बदलने लगती है।
ऐसे में ब्रॉकली, मछली, खीरा, प्याज, सेब, अंगूर, लहसुन को डाइट में शामिल करें यह सर्कुलेशन को बेहतर कर आपके नाख़ून की सेहत को बनाये रखता है।
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