यूरिन पास करने में तकलीफ, कपकपी होकर बुखार चढ़ना और घुटनों व पैरों में दर्द और सूजन। ये भी लक्षण इस बात को दर्शाते हैं कि आपके शरीर का यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है। डेली रूटीन में सामान्य बदलाव और खान पान की सही आदतें, आपको इन समस्याओं से बाहर निकालने में मददगार साबित हो सकती है। सरल आहार के ज़रिए आप बढ़े हुए यूरिक एसिड (uric acid) को कम कर सकते हैं (Tips to control uric acid during fasting)।
यूरिक एसिड एक सफेद रंग का स्मेललेस क्रिस्टलीय तत्व है, जो प्रोटीन मेटाबॉलिज्म का एक हिस्सा है। ये तत्व ब्लड और यूरिन में पाया जाता है। शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने से ये छोटे पत्थर या क्रिस्टल का निर्माण करता है। ये खून में पाए जाने वाले वो टॉक्सिंस है, जो स्टोन में बदल जाते हैं।
जोड़ों में गाउट यानि गठिया का दर्द हो सकता है
यूरिन पास करने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
थकान और बॉडी पेन रहती है। साथ ही ठंड लगकर बुखार चढ़ने लगता है।
किडनी से जुड़ी कोई समस्या होने पर
ओवरवेट या मोटापा बढ़ने के कारण
बहुत देर तक कुछ न खाने से यूरिक एसिड बढ़ने लगता है।
डायबिटीज के मरीजों को यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है।
इस बारे में की हेल्थ एक्सपर्ट नेहा कावा का कहना है कि उपवास के दौरान यूरिक एसिड(uric acid) को कम करने के लिए लो फैट डेयरी प्रोडक्टस (Dairy products) का सेवन करें। इसके अलावा होल ग्रेन, ब्राउन राइस और किनोआ लें। यूरिक एसिड बढ़ने के वक्त हाई प्यूरीन को अवाइड करें। खासतौर से ये रेड मीट (red meat), ऑर्गन मीट (Organ meat) और सीफूड (sea food) में पाया जाता है। हाई प्यूरीन डाइट को ये लोग डाइजेस्ट नहीं कर पाते है। ऐसे में इन्हें खाने से बचें।डाइट में शुगरी चीजों और अधिक आयॅली चीजों को खाने से अवॉइड करें।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर विटामिन सी यूरिक एसिड को आपके ब्लड में डिज़ॉल्व होने में मददगार साबित होता है। आप जितनी ज्यादा मात्रा में विटामिन सी से समृद्ध खाद्य पदार्थों को अपनी मील का हिस्सा बनाएंगे, उतनी ही जल्दी आपको इस समस्या से राहत मिलेगी। 19 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को एक दिन में 75 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है।
हर्बल टी को अपनी डेली डाइट में सम्मिलित करने से यूरिक एसिड न केवल कम होता है बल्कि बॉडी भी डिटॉक्स हो जाती है। इसे रेगुलर पीने से स्टोन बनने का खतरा न के बराबर रहता है। अगर आप दिन में दो से तीन दफा हर्बल टी पीते हैं, तो आपको ढेर सारे एंटी ऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है।
इस समस्या से निपटने के लिए मौसमी फलों का सेवन करें। इसके लिए आप फाइबर रिच सेब, केला, ऑरेंज और कच्चे नारियल को अपनी मील में शामिल कर सकते हैं।
सेब का सिरका पीने से ब्लड में पी एच लेवल बढ़ता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेंटरी गुण यूरिक एसिड को कम करने का काम करते है। दिन में एक बार दो चम्मच इसको ज़रूर पीएं। खासतौर से मधुमेह के रोगियों को इसके बढ़ने का खतरा रहता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए प्रचुर मात्रा में पानी पीएं। कोकोनट वॉटर, नींबू पानी, डिटॉक्स पेय पदार्थ समेत हेल्दी ड्रिंक्स लें। वहीं सॉफ्ट ड्रिंक और शुगर कंटेट वाले ड्रिंकस को लेने से परहेज करें। इससे समस्या बढ़ने का खतरा रहता है। अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर से यूरिन बार बार पास होता है, जिससे बॉडी खुद ब खुद क्लीन हो जाती है।
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