अत्यधिक गर्मी आपके शरीर में ब्लड शूगर की मात्रा पर प्रतिकूल असर डालती है। इसकी वजह से ब्लड शूगर घट-बढ़ सकता है, जो कि इस पर निर्भर करता है कि आपने क्या खाया है, क्या आप सही ढंग से हाइड्रेटेड हो या नहीं, आप किस तरह की शारीरिक गतिविधियां कर रहे और क्या पहले से किसी किस्म की मधुमेह जनित जटिलताएं शरीर में मौजूद हैं।
गर्मी और शारीरिक गतिविधियों के चलते आपको बहुत पसीना आता है। आप डिहाइड्रेट हो सकते हैं, जिसके चलते ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है।
यानी अगर आप डिहाइड्रेट होते हैं, तो आपका ब्लड ग्लूकोज़ लेवल ऊपर जा सकता है। इसकी वजह से आपको बार-बार पेशाब की समस्या हो सकती है। यह आपको और भी अधिक डिहाइड्रेट करता है जिसके परिणामस्वरूप आपका ब्लड ग्लूकोज़ लैवल पहले से भी ज्यादा हो सकता है।
अगर आप इंसुलिन लेती हैं, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है, क्योंकि डिहाइड्रेशन आपकी त्वचा को रक्तापूर्ति कम करता है। इस तरह इंजेक्शन वाले स्थान से इंसुलिन को अवशोषित करने की आपके शरीर की क्षमता काफी घट जाती है।
अगर आपके शरीर में मधुमेह जनित जटिलताएं पहले से हैं, जिनकी वजह से हो सकता है कि पसीने की ग्रंथियां पहले से ही क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, तो संभव है कि आपको ठीक से पसीना नहीं आएगा।
ऐसे में बाहरी तापमान बढ़ने पर स्थिति गंभीर हो सकती है, जो हीट एग्ज़ॉस्शन (गर्मी की वजह से थकान) तथा हीट स्ट्रैस (गर्मी की वजह से तनाव) का कारण भी बन सकता है।
गर्म तापमान में इंसुलिन को रखने से उस पर प्रतिकूल असर पड़ता है और दवा निष्प्रभावी या प्रयोग न करने योग्य भी हो सकती है। इसी तरह, अधिक तापमान अन्य दवाओं तथा मधुमेह के उपचार में काम आने वाली टैस्ट स्ट्रिप्स, मॉनीटरिंग डिवाइसों आदि पर भी बुरा असर डालता है।
जब पारा बढ़ने लगे, तो खुद को इंडोर तक ही सीमित नहीं रखें। डायबिटीज़ के मरीज़ों को आउटडोर गतिविधियों में भाग लेना चाहिए और हर तरह के मौसम का आनंद लेना चाहिए। ऐसा करते हुए कुछ आसान उपायों पर अमल करें।
आउटडोर का आनंद लेने के लिए डायबिटीज़ मैनेज करने के इन उपायों को अपनाएं:
शारीरिक व्यायाम करने वाले हर व्यक्ति के लिए हाइड्रेट रहना महत्वपूर्ण है और अगर आप मधुमेह रोगी भी हैं, तो ऐसा करना काफी जरूरी होता है। अपने साथ पानी की एक छोटी बोतल, लो कैलोरी इलैक्ट्रोलाइट ड्रिंक जैसे कि नींबू पानी, नारियल पानी वगैरह रखें। फलों का जूस लेने से बचें।
गर्मियों के मौसम में किसी भी बाहरी गतिविधि को शुरू करने से अपने ब्लड ग्लूकोज़ की जांच अवश्य करें। यदि आपका ब्लड ग्लूकोज़ > 250 मिग्राम/प्रतिदिन से अधिक है, तो भारी शारीरिक गतिविधियों से पहले इसका समुचित प्रबंधन करें।
शारीरिक गतिविधियों की वजह से ब्लड ग्लूकोज़ का स्तर घट सकता है और यह आपकी इंसुलिन की आवश्यकता को घटा सकता है। इसलिए व्यायाम आदि अचानक बढ़ाने से आपको लो शूगर का जोखिम हो सकता है।
अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह करें कि व्यायाम आदि से पहले इंसुलिन की मात्रा को किस तरह से एडजस्ट किया जा सकता है। हो सकता है कि आपको व्यायाम से पहले कार्बोहाइड्रेट स्नैक्स अलग से लेने की जरूरत हो।
अधिक तापमान की वजह से ब्लड शूगर स्तर में उतार-चढ़ाव आ सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि आप इसकी जांच अक्सर करें ताकि इसे स्थिर बनाए रखने के लिए तत्काल और आवश्यक उपायों को अपनाया जा सके।
अपने साथ हमेशा ग्लूकोज़ टैबलेट/शूगर कैंडी रखें ताकि लो शूगर होते ही इनका सेवन कर सकें। अपने साथ कुछ स्नैक्स रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप तत्काल कुछ खा सकें।
किसी भी आउटडोर एक्टिविटी से पहले अपनी इंसुलिन को सुरक्षित रखने के पर्याप्त उपाय करें। आप अपनी इंसुलिन को आइस पैक में या छोटे थर्मस में रख सकते हैं जिससे कुछ समय के लिए तापमान स्थिर रह सके।
अगर आप इंसुलिन पंप पर हैं तो इसे अत्यधित ऊंचे तापमान से बचाकर रखें। यदि आप अधिक लंबे समय के लिए आउटडोर एक्टिविटीज़ की योजना बना रहे हैं तो अपने साथ ग्लूकोमीटर ले जाना न भूलें।
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