पहले अक्सर फिल्मी मैग्जीन में ये खबरें आती रहती थीं कि फलां एक्ट्रेस की आंखें खराब हैं। इसलिए वे कॉन्टैक्ट लेंसेज लगाती हैं। इससे उनकी आंखें और ज्यादा खूबसूरत लगती हैं। जानकारी के अभाव में कुछ लोगों के मन में यह सवाल होता था कि क्या कॉन्टैक्ट लेंस आंखों में चुभते नहीं हैं? कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोगों को किसी प्रकार का आंखों में इन्फेक्शन तो नहीं होता होगा? क्या इससे कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोगों के लिए ड्राइविंग, खेल और यहां तक कि रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कत नहीं होती होगी। हालांकि अब पहले से काफी उन्नत लेंसेज का प्रयोग हम कर रहे हैं। ये काफी आरामदायक भी होते हैं। इसलिए अब एक्सपर्ट से यह जानना और भी जरूरी हो गया है कि कॉन्टैक्ट लेंसेज आंखों पर कैसा प्रभाव डालते (Wearing contact lenses risks) हैं?
हालांकि विश्व भर में करोड़ों लोग अब कॉन्टेक्ट लेंस पहनने लगे हैं। इसलिए कॉन्टैक्ट लेंस बनाने वाली कंपनी कभी नहीं चाहेगी कि उनका प्रोडक्ट उपयोग करने वाले की आंखों को प्रभावित करे। कॉन्टेक्ट लेंस कई प्रकार के होते हैं। ये हार्ड, सॉफ्ट, रोजाना पहनने वाले और लंबे समय तक पहने जाने वाले भी होते हैं। ये सभी काफी सुरक्षित माने जाते हैं। कभी- कभी कुछ लोगों में कॉन्टैक्ट लेंसेज पहनने से समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
इसके कारण आंखों में जलन या दर्द, आंख के चारों ओर सूजन, धुंधली दृष्टि या लाइट के प्रति सेंसिटिविटी या पिंक आई या आंखों में संक्रमण हो सकता है। इसके कारण कॉर्नियल अल्सर यानी आंख के चिकने और आगे वाले भाग पर चोट लग सकती है। इसके कारण कॉर्निया की सूजन भी हो सकती है।
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. अनुषा सचान बताती हैं, ‘मामूली जलन एक या दो दिन में अपने आप दूर हो सकती है। यदि लक्षण गंभीर या लगातार बने रह रहे हैं, तो कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बंद कर दें। जल्दी से जल्दी आई एक्सपर्ट से बात करें। इसके कारण आंखों की रोशनी तो प्रभावित नहीं हो सकती है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी से आंखों में ड्राईनेस की समस्या लगातार बनी रह सकती है।’
डॉ. अनुषा सचान बताती हैं, ‘आंख की ट्रांसपेरेंट बाहरी परत है कॉर्निया। यह आंख की सुरक्षा करता है और प्रकाश को आंख के पिछले हिस्से पर केंद्रित करने में मदद करता है। इसके कारण हम स्पष्ट रूप से देख पाते हैं। यदि लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस पहने जाते हैं या रात में भी पहनकर सो जाती हैं, तो कॉर्निया संक्रमण या यहां तक कि अल्सर होने की अधिक संभावना (wearing contact lenses risks) हो सकती है। लगातार दो सप्ताह तक कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से दोनों आंखों में कॉर्निया संक्रमण हो सकता है। लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं से ही यह ठीक हो सकता है। गंभीर मामलों में आंखों की रोशनी जा भी सकती है।’
1 डॉ. अनुषा सचान के अनुसार, यदि रात भर पहनना चाहती हैं, तो विशेष रूप से बनाये और प्रमाणित एक्सटेंडेड-वियर कॉन्टैक्ट्स का ही उपयोग करें। फिर भी सोने से पहले उन्हें आंखों से बाहर निकालना सबसे सुरक्षित (wearing contact lenses risks) है।
2 अपने कॉन्टैक्ट लेंस को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह धो लें।
3 कॉन्टैक्ट लेंस को मुंह में न डालें या उन पर न थूकें।
4 हैंड क्रीम या मेकअप को लेंस के संपर्क में न आने दें। मेकअप लगाने से पहले लेंस लगा लें और मेकअप हटाने से पहले कॉन्टैक्ट्स (wearing contact lenses risks) निकाल लें।
5 उपयोग में नहीं है, तो लेंस केस को साफ और सूखा रखें । कम से कम हर 3-4 महीनों के बाद केस को बदल लें।
6 साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच कराएं।
7 यदि आंख में लालिमा या दर्द या दृष्टि में बदलाव जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं, तो तुरंत लेंस निकाल लें और आंखों के चिकित्सक को बताएं।
यह भी बताएं :- Side effects of perfume : आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है जरूरत से ज्यादा परफ्यूम का इस्तेमाल