विटामिन डी (Vitamin D) ऐसा महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जिसकी आवश्यकता शरीर की हडि्डयों को मजबूत रखने के अलावा अन्य कई प्रकार से होती है। सूर्य की रोशनी (Sunshine) विटामिन डी का प्रमुख स्रोत है। हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणों को सोखकर उन्हें पोषक तत्वों में बदलती है।
लेकिन बहुत से लोगों में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) भी होती है। ऐसा आमतौर पर वृद्धों और स्वास्थ्यवर्धक भोजन नहीं करने वाले लोगों में होता है। विटामिन डी की कमी होने पर कोविड-19 वायरस से गंभीर रूप से ग्रस्त होने का जोखिम बढ़ जाता है।
दूसरे, यह भी देखने में आया है कि महामारी के दौरान जब ज्यादातर लोग घरों के अंदर रहे थे, तो उनके शरीरों में विटामिन डी की कमी होने लगी थी।
विटामिन डी प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के अलावा शरीर को इंफ्लेमेशन से भी राहत दिलाता है। साथ ही, इसमें एंटीवायरल गुण होते हैं। अध्ययनों से यह सामने आया है कि विटामिन डी की कमी से प्रभावित लोगों में कोविड-19 से ग्रस्त होने की आशंका 7.2% अधिक होती है।
ऐसा भी देखा गया है कि विटामिन डी का अधिक स्तर होने से कोविड-19 के गंभीर संक्रमण का जोखिम कम होता है। हालांकि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जो यह सिद्ध करे कि विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने से कोरोनावायरस का इलाज या उससे बचाव होता है, लेकिन महामारी के दौरान इसके सेवन ने लोगों को पोषण के स्तर पर तंदुरुस्त बनाए रखा।
विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) से अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी जोखिम जैसे कि हृदय रोग (Heart Disease) बढ़ सकते हैं और वायरस संक्रमित होने पर और इनके बिगड़ने की आशंका भी रहती है। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्रतिदिन विटामिन डी की डॉक्टर द्वारा संस्तुत खुराक लेना बेशक, सुरक्षित होता है, लेकिन इससे अधिक का सेवन लंबे समय में खतरनाक भी हो सकता है।
1 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रतिदिन 50 माइक्रोग्राम से अधिक विटामिन डी का सेवन नहीं करना चाहिए।
शिशुओं को हर दिन 25 माइक्रोग्राम से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए।
वयस्कों को प्रतिदिन 10 माइक्रोग्राम से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए। अलबत्ता प्रतिदिन 10 माइक्रोग्राम मात्रा का सेवन उचित होता है।
हालांकि संतुलित भोजन लेने से प्रतिरक्षा तंत्र की सामान्य कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है, लेकिन कोई भी एक पोषक तत्व, भोज्य पदार्थ या सप्लीमेंट एक निश्चित सीमा से ज्यादा मजबूती नहीं दे सकता। साथ ही, विटामिन डी का स्तर सिर्फ खुराक से नहीं बढ़ाया जा सकता।
विटामिन डी की प्रचुरता वाले खाद्य पदार्थों में मछली और अंडे, अनाज, मार्जरीन तथा विटामिन डी युक्त योगर्ट प्रमुख हैं।
विटामिन डी की कमी के चलते कई तरह की स्वास्थ्य परेशानियां पैदा हो सकती हैं, इनमें निम्न शामिल हैं:
1 हृदय रोग
2 उच्च रक्तचाप
3 मधुमेह
4 प्रतिरक्षा तंत्र में संक्रमण
5 कोलन, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर
6 स्क्लेरॉसिस
7 निमोनिया
8 रक्त का थक्का जमना
जिंक वास्तव में, विटामिन डी का महत्वपूर्ण स्रोत है और अधिकांश लोगों को कुछ भोज्य पदार्थों से जिंक की आवश्यक मात्रा मिल जाती है। मगर शाकाहारी तथा नियमित रूप से शराब का सेवन करने वाले लोगों में जिंक की कमी होने का खतरा बढ़ जाता है और उन्हें सप्लीमेंट्स लेने चाहिए।
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