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विटामिन डी की कमी बढ़ा सकती है खराब कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज का जोखिम, यहां जानिए कैसे

मौसम बदलने के साथ ही आपको अपने विटामिन डी इंटेक पर खास ध्यान देना होगा। क्योंकि इसकी कमी कई स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकती है।
विटामिन डी की कमी से बालों की समस्या हो सकती है। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 26 Oct 2022, 18:15 pm IST
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हमारे शरीर के लिए कुछ ऐसे आवश्यक तत्व हैं, जो एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। जैसे कि कैल्शियम और विटामिन डी। किसी एक की कमी से दूसरा तत्व भी प्रभावित हो जाता है। पर सिर्फ कैल्शियम और विटामिन डी ही नहीं, कोलेस्ट्रॉल भी इससे जुड़ा हुआ है। विशेषज्ञ मानते हैं कि विटामिन डी की कमी कोलेस्टॉल के बढ़ने (vitamin d and cholesterol relationship) का भी जोखिम बढ़ा सकती है। जानना चाहती हैं कैसे? तो इसे अंत तक पढ़ें।

विटामिन डी की कमी कैसे कोलेस्ट्रॉल लेवल और हार्ट हेल्थ को प्रभावित करती है, यह जानने के लिए हमने बात की नोएडा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में डायटीशियन डॉ. नीलम अली से।

एलडीएल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल क्या हैं

डॉ. नीलम कहती हैं, इसके लिए हमें सबसे पहले कोलेस्ट्रॉल को अच्छी तरह समझना होगा। मानव शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल बहुत जरूरी पदार्थ है। पर जब यह अधिक मात्रा में होता है, तो हानि पहुंचाता है। कोलेस्ट्रॉल के दो मुख्य प्रकार हैं: लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (LDL) और हाई डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (HDL)। एचडीएल को आमतौर पर गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एचडीएल का स्तर 60 मिलीग्राम से ऊपर होना चाहिए।

दूसरी ओर, एलडीएल को बैड कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल का एक प्रकार है, जो धमनियों की भीतरी सतह पर जमा हो कर उन्हें बंद कर सकता है। यह हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है। एलडीएल का स्तर 100 मिलीग्राम से कम होना चाहिए।

सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकता है विटामिन डी को अवरुद्ध

डॉ. नीलम कहती हैं, ‘हमें विटामिन डी को भी अच्छी तरह समझना होगा। विटामिन डी शरीर के भीतर कई उद्देश्यों को पूरा करता है। आप इसे कई अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त कर सकती हैं। विटामिन डी का मुख्य कार्य शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देना है। आहार के माध्यम से विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन सबसे अधिक इसे धूप से प्राप्त किया जा सकता है। सनस्क्रीन (विशेषकर एसपीएफ 8 या उससे अधिक) स्किन से विटामिन डी के अवशोषण को अवरुद्ध करता है।’

कुछ शोधों ने यह साबित किया है कि विटामिन डी की कमी से अवसाद, उच्च रक्तचाप, कैंसर, मधुमेह, अस्थमा, और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी हो सकती है।

विटामिन डी की कमी बढ़ा सकती है बैड कोलेस्ट्रॉल

डॉ. नीलम बताती हैं कि जनसंख्या अध्ययन से पता चलता है कि विटामिन डी का लेवल कम होने पर लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल होने की संभावना अधिक होती है। हालांकि सभी मामलों में ऐसा नहीं है।

2014 के एक शोध में पाया गया कि कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक एक साथ लेने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार हुआ है। खासकर पोस्टमेनोपॉज़ल, अधिक वजन वाली और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार देखा गया।

क्या है बचाव का तरीका

1 सही मात्रा में धूप लें

सप्ताह में कम से कम दो बार, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सूर्य के प्रकाश में 5 से 30 मिनट तक रहना चाहिए। विटामिन डी की आदर्श मात्रा प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि स्किन पर सनस्क्रीन लगाने से इस मात्रा को पाने में दिक्कत होती है।

हालांकि, बिना सनस्क्रीन के बाहर लंबे समय तक रहने पर स्किन को नुकसान पहुंच सकता है और परिणामस्वरूप स्किन कैंसर और अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं। विटामिन डी के फायदे के लिए थोड़ी धूप में निकलें, लेकिन ध्यान रखें कि एक घंटे के बाद सनस्क्रीन लगा लें, ताकि त्वचा की क्षति को रोका जा सके।

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2 विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का करें सेवन

सही खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना भी विटामिन डी की कमी से बचने में मददगार हो सकता है –

1. दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी पाए जाते हैं।
2. विटामिन डी के लिए दूध से बना दही और पनीर
सबसे अच्छा आहार होता है।
3. मशरूम को विटामिन डी का अच्छा स्रोत माना जाता है।

मशरूम को विटामिन डी का अच्छा स्रोत माना जाता है। चित्र :शटरस्टॉक।

4. संतरे में प्रचुर मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है।
5. केला भी विटामिन डी का अच्छा सोर्स माना जाता है।
6. पपीता एक ऐसा फल है, जो साल भर मिलता है।
7. अंडा खाया जा सकता है, लेकिन कम मात्रा में लें।
8. हफ्ते में एक बार समुद्री मछली (साल्मन, टूना, मैकरेल) लें।
9 विटामिन बी12 के लिए सलाद, फल और दही का प्रयोग किया जा सकता है।

3 फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ हो सकते हैं लाभदायक

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए फोर्टिफाइड खाद्य भी लाभकारी हो सकते हैं। एनसीबीआई के एक रिसर्च के अनुसार, 4000 ईसा पूर्व से ही विभिन्न खाद्यों का फोर्टिफिकेशन होने लगा था। इन्हीं के तहत ऐसे कई खाद्य है, जिनमें विटामिन डी का भी फोर्टिफिकेशन किया जाता है।

अगर बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल लेवल तो क्या खाएं

ओट्स दलिया, जौ का आटा , साबुत अनाज और दालें।
बिना तले बेसन से तैयार भोजन, बैंगन और भिंडी, सभी प्रकार की फलियां, पालक को छोड़ कर सभी हरे पत्ते वाली सब्जियां, लौकी, तोरी, परवल, पेठा इत्यादि को खाने में शामिल करें।

कम से कम 400 ग्राम कच्ची सब्जी रोज खानी चाहिये।
रोज 400 ग्राम मौसम वाले फल खाना चाहिये।
आटे में चने या ज्वार का आटा मिलाकर चपाती खानी चाहिए।

कोलेस्ट्राॅल लेवल बढ़ने पर हरगिज न करें इन फूड्स का सेवन

तले-भुने भोजन जैसे पकौड़ी, पराठा, पूरी, कचौड़ी, टिक्की
अधिक नमक न खाएं।
सलाद, रायता, आटे में अलग से नमक न मिलायें।
सेंधा नमक और सादा नमक आधी आधी मात्रा में मिला कर रखें और उसी का प्रयोग करें।

सेंधा नमक और सादा नमक आधी आधी मात्रा में मिला कर रखें और उसी का प्रयोग करें। चित्र : शटरस्टॉक

बाजार के अचार, पापड़, चिप्स, कुरकुरे, नमकीन आदि नहीं खाना चाहिए।
कोई भी मिठाई नहीं खानी चाहिए।
मैदा से बना कोई पदार्थ नहीं खाना चाहिए।
चाय और काफी जयादा नहीं पीनी चाहिए।
कोई जूस नहीं पीना है बस सब्जियों का जूस पी सकते हैं। किसी भी प्रकार की कोल्ड ड्रिंक और बाजार का पैकेट वाला जूस न पिएं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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