Vitamin D Deficiency : जिसे आप गर्मियों की समस्या समझ रही हैं, कहीं वह विटामिन डी की कमी का संकेत तो नहीं? चलिए जानते हैं कैसे

विटामिन डी की कमी होने पर बाल एवं त्वचा विशेष रूप से प्रभावित हो जाती है। महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स पर खर्च करने से पहले अपनी सेहत की जांच करें, की क्या आपके शरीर में सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हैं!
hair loss kab hota hai
बच्चे के जन्म के पहले तीन महीनों तक होने वाला पोस्टपार्टम हेयरलॉस सामान्य कहलाता है। चित्र : अडोबीस्टॉक
Published On: 28 May 2024, 06:00 pm IST
  • 124

विटामिन डी एक बेहद महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो शरीर के अलग अलग फंक्शंस को रेगुलेट करने में मदद करता है। वहीं ये बाल एवं त्वचा की सेहत के लिए भी बहुत जरूरी होता है। विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में कई संकेत नजर आ सकते हैं। खासकर बाल एवं त्वचा विशेष रूप से प्रभावित हो जाती है। कई बार समस्याओं के लाख उपचार के बाद भी इन्हें नियंत्रित कर पाना संभव नहीं होता, क्युकी हम समस्याओं के असल कारण का पता नहीं लगा पाते हैं। महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स पर खर्च करने से पहले अपनी सेहत की जांच करें, की क्या आपके शरीर में सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हैं!

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ सु उर्फ डॉ सुयोमि ने शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर बाल एवं त्वचा पर नजर आने वाले कुछ कॉमन लक्षणों पर बात की है। तो चलिए जानते हैं इस स्थिति में कौन से लक्षण नजर आते हैं, साथ ही जानने शरीर में विटामिन लेवल मेंटेन करने के टिप्स।

जानें विटामिन डी की कमी बालों को कैसे प्रभावित करती है?

विटामिन डी की कमी त्वचा और बालों के साथ ही शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकती है। नए हेयर फॉलिकल्स के निर्माण में विटामिन डी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हेयर फॉलिकल्स छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिनसे नए बाल निकलते हैं। नए रोम बालों को घना बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और मौजूदा बालों को समय से पहले झड़ने से रोक सकते हैं। ऐसे में शरीर में विटामिन डी की प्रयाप्त मात्रा हेल्दी हेयर ग्रोथ को बढ़ावा देती है और हेयर फॉल जैसी समस्याओं में कारगर होती है।

Vitamin-D-deficiency
विटामिन डी की कमी से त्वचा पर क्या लक्षण नजर आते हैं. चित्र : एडॉबीस्टॉक

1. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया

ब्लड में विटामिन डी सीरम की कमी से एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया हो सकता है। एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया बालों के झड़ने का एक सामान्य प्रकार है। इसे पुरुष पैटर्न में गंजापन और महिला पैटर्न में बालों का झड़ना कहा जाता है।

2. एलोपेशिया एरियाटा

2017 के एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी के निम्न स्तर और एलोपेसिया एरीटा के बीच संबंध पाया गया। अध्ययन में पाया गया कि एलोपेसिया एरीटा से पीड़ित लोगों में बिना एलोपेसिया एरीटा वाले लोगों की तुलना में विटामिन डी का स्तर कम था। एलोपेसिया एरीटा एक ऑटोइम्यून स्थिति है जो तब विकसित होती है, जब कोई चीज इम्यूनिटी को हेयर फॉलिकल्स पर हमला करने के लिए उत्तेजित करती है।

अब जानें विटामिन डी की कमी से त्वचा पर क्या लक्षण नजर आते हैं

1. एक्ने

शरीर में विटामिन डी की कमी होने से बार-बार मुंहासे की समस्या हो सकती है। विटामिन डी के एंटीऑक्सीडेंट गुण मुंहासों को रोकने में मदद करते हैं। विटामिन डी के निम्न स्तर के कारण हार्मोन में परिवर्तन आ सकता है जिसकी वजह से एक्ने की समस्या हो सकती है।

Yaha jaane kuch common toxic skin care trends ke baare me.
तवचा पर पड़ता है नकारात्मक असर. चित्र- अडोबी स्टॉक

2. प्रीमेच्योर एजिंग

उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, परंतु यदि यह समय से पहले होने लगे तो उसे प्रीमेच्योर एजिंग कहते हैं। विटामिन डी का निम्न स्तर आपकी त्वचा की उम्र तेजी से बढ़ा सकता है। विटामिन डी की कमी के कारण शरीर के फंक्शंस कुछ इस प्रकार कार्य करते हैं, जिससे कि आपकी स्किन उम्र से पहले बूढ़ी होने लगती है। उम्र बढ़ने से आपके शरीर की विटामिन डी पैदा करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

पोल

क्या ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है?

यह भी पढ़ें: डायबिटीज और हार्ट डिजीज से बचाता है करेला, मगर पहले जान लें इसे बनाने और खाने का सही तरीका

3. एग्जिमा

विटामिन डी की कमी को इम्यूनिटी और त्वचा अवरोधक कार्य को प्रभावित करने के लिए
जाना जाता है, जो एक्जिमा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक्जिमा पुरानी त्वचा स्थितियों का एक समूह है, जो त्वचा में सूजन, जलन का कारण बनती है।

जानें विटामिन डी लेवल मेंटेन करने के टिप्स

जैसा कि आप सभी जानती हैं, सूरज की किरणों के संपर्क में रहने से बॉडी में विटामिन डी लेवल मेंटेन करने में मदद मिलती है। इसलिए कम से कम हफ्ते में दो बार घर के बाहर निकलें और धूप का आनंद लें। हालांकि, इस दौरान अपने चेहरे, हाथ, पैर पर सनस्क्रीन अप्लाई करना न भूले। इसके अलावा कई खाद्य स्रोत हैं, जो इसकी पूर्ति करने में मदद करते है।

vitamin d supplements muscles ko majboot bnaate hain.
विटामिन डी का हाई लेवल कई तरह के हृदय रोगों का कारण बन सकता है। चित्र : एडॉबी स्टॉक

शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए दूध, संतरे का रस योगर्ट, और मशरूम का सेवन करें। इन सभी खाद्य पदार्थों में विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि फैटी फिश, अंडा और मीट का सेवन करें। यू एस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताबिक 100 ग्राम मैकेरल मछली में 643 आईयू विटामिन डी होता है।

नोट: शरीर में विटामिन डी की कमी होने की वजह से यदि लक्षण दिन प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे हैं और आप इनपर नियंत्रण नहीं बना पा रही हैं, तो डॉक्टर से मिले और अपनी स्थिति के अनुसार डॉक्टर द्वारा सुझाए गए डाइट प्लान और विटामिन डी सप्लीमेंट्स लें।

यह भी पढ़ें: Indian vs foreign food : विदेशी फूड्स के पीछे क्यों भागना जब आपकी रसोई में पहले से मौजूद हैं इनके हेल्दी विकल्प

  • 124
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख