आपके एजिंग पेरेंट्स की एक समस्या जो उनकी उम्र के साथ बढ़ती ही जा रही है, वह क्या है? जी हां, जोड़ों में दर्द (Joint pain)। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के बुजुर्ग इस समस्या का सामना करते हैं। इनमें पुरुष और महिलाएं दोनों ही शामिल हैं, जिन्हें बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों के दर्द का सामना करना पड़ता है। बदलते मौसम में यह समस्या और भी परेशान करने लगती है। जिससे उनका चलना-फिरना भी दुश्वार हो जाता है। आयुर्वेद (Ayurveda) में इस समस्या से राहत के लिए हल्दी के तेल (Turmeric oil) का इस्तेमाल बताया गया है। आइए जानते हैं कि यह कैसे आपके एजिंग पेरेंट्स को दर्द से प्राकृतिक तरीके से राहत दिला सकता है।
यह उम्र से संबंधित एक समस्या है, जो 40 की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलती है। एनसीबीआई के एक अध्ययन में पाया गया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में, 10 प्रतिशत से अधिक पुरुषों और 13 प्रतिशत महिलाओं में जोड़ों की समस्या रहती है।
घुटनों और जोड़ों में दर्द का मुख्य कारण हड्डियों के जोड़ के बीच में मौजूद कार्टिलेज की कमी होती है। इसके कारण हड्डियां आपस में घिसने लगती हैं और दर्द शुरू हो जाता है। इस समस्या से उबरने में हल्दी का तेल आपके एजिंग पेरेंट्स की मदद कर सकता है! आइए हम बताते हैं आयुर्वेद में मौजूद इस खास उपचार के बारे में, जो बोन और ज्वाइंट पेन (Bone and joint pain) से राहत दिलाने में मददगार होगा।
हल्दी एक ऐसी औषधि है, जिसका कण-कण सेहत के लिए लाभदायक है, फिर चाहे वह कच्ची हल्दी हो, पकी हल्दी या हल्दी का तेल। यह सेहत के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी लाभदायक है। असल में हल्दी का तेल जोड़ों के दर्द से लेकर मुंहासे ठीक करने, बालों के झड़ने को रोकने, उम्र के धब्बों को दूर करने और दाग-धब्बों से मुक्त करने के भी काम आता है।
हल्दी के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर हैं। इसके रोगाणुरोधी, घाव भरने वाले और एंटी-एजिंग गुण इसे औषधीय लाभ के लिए भी खास बनाते हैं। हल्दी के एसेंशियल ऑयल में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स इसे और भी खास बना देते हैं। हल्दी के तेल में अल्फा करम्यूमिन तत्व भी पाया जाता है, जिसके कारण इसकी मसाज हड्डियों और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मददगार है।
मेडिकल जर्नल ट्रायल्स में प्रकाशित एक अध्ययन ने हल्दी की प्रभावशीलता की तुलना डाइक्लोफेनाक नामक एक एंटी इंफ्लामेटरी दवा से की है। जिसमें दो गठिया (Arthritis) के रोगियों को शामिल किया गया। इनमें से एक को डाइक्लोफेनाक दवा दी गई और दूसरे को हल्दी। अध्ययन में पाया गया कि दोनों को ही दर्द से राहत मिली। हालांकि आयुर्वेद में हल्दी के तेल से जोड़ों के दर्द में राहत की बात कही गई है।
इसके लिए हल्दी के तेल को हल्का गुनगुना करके जोड़ों की मसाज करना बेहतर होगा। यदि दर्द ज्यादा हो रहा हो तो दिन में कई बार मसाज की जा सकती है। हालांकि सर्दियों के मौसम में खासकर धूप में बैठकर इसकी मसाज काफी फायदा पहुंचाती है।
1 हल्दी के तेल से मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो जाता है। शरीर की कई बीमारियां खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण होती हैं। हल्दी के तेल की मालिश इन समस्याओं के जोखिम से बचाती है।
2 यह बालों से संबंधित समस्याओं से राहत दिलाने में भी मददगार है। जिनमें रूसी, स्कैल्प पिंपल, सफेद बाल भी शामिल हैं। हालांकि हल्दी के तेल में हमेशा नारियल का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर सिर में लगाने की सलाह दी जाती है।
3 हल्दी के तेल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो शरीर में सूजन की समस्या को दूर करने के लिए जाने जाते है। पूरे शरीर की तेल मालिश के लिए भी हल्दी का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।
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