खराब लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों के कारण कब्ज की शिकायत हो जाती है। इससे बॉवेल मूवमेंट सही तरीके से नहीं हो पाता है। इसके कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होने लगती हैं। गैस, ब्लोटिंग आदि पेट की समस्या के अलावा, एक्ने, पिंपल्स भी कहीं न कहीं कब्ज के कारण होते हैं। इससे अनिद्रा की भी शिकायत हो सकती है। कब्ज होने पर लोग तरह-तरह के घरेलू उपाय आजमाने लगते हैं। इनमें से कुछ उपाय तो फायदेमंद होते हैं, तो कुछ असरकारक नहीं होते हैं। कब्ज को दूर करने के कई उपायों में से एक है कैस्टर ऑयल का प्रयोग। कब्ज को दूर करने में कैस्टर ऑयल (castor oil to relieve constipation) कितना प्रभावी है, आइए गुरुग्राम के पारस अस्पताल में चीफ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. रजनीश मोंगा के माध्यम से चेक करते हैं।
जब आपको कब्ज की समस्या होती है, तो आप या तो उतनी बार मोशन नहीं कर पाते जितनी बार आपको करना चाहिए या आपके लिए मल त्याग मुश्किल हो जाता है। कब्ज या कॉन्स्टिपेशन के बारे में आमतौर पर यह समझा जाता है कि हफ्ते में तीन से कम बार मल का त्याग हो।
हालांकि हर किसी के टॉयलेट जाने और उसका उपयोग करने का शेड्यूल अलग-अलग होता है। कुछ लोगों को हर दिन कई बार मल त्यागना पड़ता है। जबकि कुछ लोगों को केवल एक या हर दूसरे दिन मल त्याग करना भी काम करता है।
कब्ज का संकेत हमें तभी मिल पाता है जब किसी भी कमी के कारण बॉवेल मूवमेंट सामान्य पैटर्न से अलग हो जाता है। यदि स्टूल हार्ड है, तो आपको टॉयलेट का उपयोग करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। एब्डोमिनल पेन और ब्लोटिंग क्रॉनिक काॅन्सटिपेशन के लक्षण हैं।
डॉ. रजनीश मोंगा कहते हैं, ‘कभी-कभी अरंडी के तेल या कैस्टर ऑयल के उपयोग से बावेल मूवमेंट में मदद मिल सकती है। कैस्टर की फलियों से अरंडी का तेल मिलता है। यद्यपि इस तेल का उपयोग कई वर्षों से नेचुरल लैक्सेटिव के रूप में किया जाता रहा है।
वैज्ञानिकों ने हाल में यह पता लगाया है कि यह कैसे काम करता है। अन्य स्टिमुलेंट लैक्जेटिव की तरह इसमें मौजूद रिसिनोलिक एसिड इन मांसपेशियों को सिकुड़ने और रिसेप्टर्स से जुड़ने के बाद स्टूल को पास करने के लिए प्रेरित करता है। अरंडी के तेल का उपयोग पिछले कुछ वर्षों से लेबर पेन शुरू करने के लिए किया जाने लगा है, क्योंकि इसका यूट्रस पर समान प्रभाव पड़ता है।’
डॉ. रजनीश मोंगा के अनुसार, जो वयस्क कब्ज से पीड़ित हैं, वे प्रतिदिन 15 मिलीलीटर अरंडी का तेल ले सकते हैं। कैस्टर ऑयल की कूलिंग के लिए अरंडी के तेल को कम से कम एक घंटे के लिए रेफ्रिजरेटर में डाला जाता है। इसे एक गिलास फलों के रस में डालकर और मिलाकर लिया जा सकता है।
इनके अलावा, फ्लैवर्ड कैस्टर ऑयल की भी मांग होती है। कैस्टर ऑयल का असर तेजी से होता है। इसे लेने के दो से छह घंटे बाद असर दिखना शुरू हो जाता है। सोने से पहले यदि आप कैस्टर ऑयल लेती हैं, तो बीच रात में भी यह आपकी नींद को तोड़ सकता है।
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