देश के कुछ शहरों में पारा चढ़कर 49 डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं मौसम विभाग ने भी भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में गर्मी अभी और बढ़ेगी। बढ़ती गर्मी में चढ़ता पारा हीट वेव्स (Heat Waves) के साथ हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) और अन्य कई समस्याएं भी लेकर आता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपना और अपने अपनों का बहुत ख्याल रखें। हम यहां कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप हीट वेव्स (Tips to stay healthy in heat waves) में भी सुरक्षित रह सकती हैं।
इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट(India Meteorological Department) आईएमडी के अनुसार, जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है, तो हीट वेव्स या लू का प्रभाव पड़ने लगता है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान 30 डिग्री या उससे अधिक होने पर हीट वेव्स चलने लगते हैं। इन दिनों देश का ज्यादातर हिस्सा हीट वेव्स की चपेट में है।
हीट वेव्स का प्रभाव न सिर्फ घर से बाहर, बल्कि घर में रहने पर भी पड़ रहा है। यदि आपको और आपके परिवार को ऑफिस तथा बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा हो, तो ऐसी स्थिति में हीट वेव्स से अपना और अपने परिवार काे बचाए रखना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन जाती है। इसके लिए हमने बातचीत की इंदौर के डिवाइन फूड क्लिनिक की डाइटीशियन डॉ. रितु परमार से।
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सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन(Centre for disease control and Prevention) के अनुसार, गर्मी के कारण सबसे अधिक स्वास्थ्य समस्याएं नवजात बच्चों से लेकर 4 साल तक के बच्चों को होती है। इनके अलावा, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, मोटापे से परेशान लोग और गंभीर बीमारी के कारण अत्यधिक दवाइयों का सेवन करने वाले लोग हीट वेव्स से अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसी स्थिति में इन लोगों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
गर्मी के दिन में सबसे ज्यादा जरूरी सही वेंटिलेशन है। अपने पूरे घर में वेंटिलेशन की व्यवस्था दुरुस्त रखें। इसके लिए बॉक्स फैन और सीलिंग फैन का प्रयोग किया जा सकता है। बॉक्स फैन अंदर की गर्म हवा को बाहर करने का काम सबसे बढ़िया तरीके से करता है। दूसरी तरफ शाम की ठंडी हवा को यह घर के अंदर खींचने में भी सक्षम है।
जब बाहर की हवा घर के अंदर के टेम्प्रेचर (आमतौर पर शाम या रात में) से कम होती है, तो घर की सभी खिड़कियां खोल दें और फिर से पंखे को चला दें। ध्यान दें कि यदि खिड़कियों में जाली नहीं लगी हुई है, तो अंधेरा होने से पहले उन्हें बंद कर लें, क्योंकि मच्छर के घर में प्रवेश करने का यही समय होता है।
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हीट वेव्स से बचने के लिए सूर्य निकलने के बाद 9-10 बजे तक सभी दरवाजे और खिड़कियाें को बंद कर दें। पर्दों से भी खिड़कियों को कवर कर दें। सूर्य की रोशनी के लिए कर्टेन को आधा भी बंद किया जा सकता है। इससे घर के अंदर लंबे समय तक कूलिंग बरकरार रहेगी।
पानी में सबसे अधिक कूलिंग पावर है। इसका लाभ उठाएं। बाल्टी या किसी टब में पानी भरें और अपने पैरों को भिगो दें। गीले तौलिये से कंधों, हाथ-पैरों को पोछें। सिर पर भी गीला तौलिया रखा जा सकता है। इससे ठंडक महसूस होती है।
यदि परिवार के किसी सदस्य को सर्दी या जुकाम है, तो उन्हें ऐसा करने से मना करें। रूटीन बाथ के अलावा, दिन में एक बार शावर बाथ भी लिया जा सकता है। रात में सोने से पहले स्नान जरूर करें। इससे बॉडी टेम्प्रेचर घटता है और ठंडक महसूस होती है। स्प्रे बॉटल में पानी और गुलाब की पंखुड़ियां डालकर बीच-बीच में पूरे घर को स्प्रे करें। इससे न सिर्फ कूलिंग होगी, बल्कि पूरा घर सुगंधित हो जाएगा।
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बिना जरूरत के बल्ब, ट्यूबलाइट न जलाएं। कंप्यूटर, लैपटॉप या दूसरे इलेक्ट्रिक एप्लायेंसेज, जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है, उन्हें तुरंत बंद कर दें। उनसे निकलने वाले हॉट वेव्स कमरे के टेम्प्रेचर को बढ़ा देती हैं।
डॉ. रितु परमार बताती हैं कि हीट वेव्स के दुष्परिणाम से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है ताजा बना भोजन लेना। टेम्प्रेचर बढ़ने से खाना जल्दी खराब होता है। भोजन को अवन या गैस पर गर्म करने से गैरजरूरी हीटिंग से भी बचाव हो सकेगा।
जितना संभव हो सके, अपनी डाइट में ताजा कटे मौसमी फल और सलाद को शामिल करें। डायबिटीज पेशेंट नो शुगर या कम शुगर वाले फ्रूट्स ही खाएं।
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गर्मी में बॉडी से पसीने के रूप में शरीर का ज्यादातर पानी निकलता रहता है। हीट वेव्स से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खुद को तथा अपने परिवार को हाइड्रेटेड रखें। इस बात का ख्याल रखना सबसे ज्यादा जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य पर्याप्त मात्रा में पूरे दिन पानी पीते रहें। इन दिनों इलेक्ट्रोलाइट्स रिप्लेसमेंट ड्रिंक्स का सेवन भी जरूरी है।
वाइन, कैफीन के सेवन से बचें। ये दोनों पेय पदार्थ यूरिन को बढ़ा देते हैं, जिससे बॉडी के डिहाइड्रेट होने की संभावना बनती है।
गर्मी में तेल-मसालेदार भोजन या मांसाहार का सेवन न करें। हैवी प्रोटीन डाइट मेटाबॉलिक हीट को बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर और अधिक गर्मी महसूस करने लगता है।
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यदि टेम्प्रेचर बहुत अधिक बढ़ गया है और छुट्टी का दिन है, तो मॉल, शॉपिंग प्लेस, लाइब्रेरी, सिनेमा हॉल आदि जैसे पब्लिक प्लेस की यात्रा की जा सकती है और यहां उपलब्ध एयर कंडीशनिंग की अच्छी व्यवस्था का लुत्फ लिया जा सकता है।
यदि बाहर जाना पड़ता है, तो फेस मास्क और कपड़े का इस्तेमाल जरूर करें। सिर पर टोपी या हैट पहनकर बाहर निकलें। साथ में यदि आपने छतरी भी रखी है, तो वह और भी अच्छा है। शरीर के खुले हिस्से अधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए घर से बाहर निकलने से पहले चेहरे को हल्के रंग के कॉटन कपड़े से बांधकर निकलें। इससे कानों से गर्म हवा शरीर के अंदर प्रवेश नहीं करेगी। हाथों व पैरों को भी खुला न रखें। चेहरे पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं। धूप व धूल से स्किन खराब होने के साथ ही एलर्जिक प्रॉब्लम होने की भी संभावना रहती है।
यदि परिवार के किसी सदस्य को हीट क्रैम्प्स, हीट रैश, हीट स्ट्रोक हो गया हो, तो नींबू पानी, आम पना, इलेक्ट्रॉल पाउडर आदि का सेवन कराना तुरंत शुरू कर दें। फिर डॉक्टर को कॉल कर लें।
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