लूज मोशन, दस्त य डायरिया किसी भी उम्र में परेशान कर सकता है। फिर चाहे आपकी उम्र 60 साल से ऊपर हो या फिर 16। पेट खराब होना पूरी दिनचर्या को खराब कर देता है। इसके साथ ही कमजोरी, शरीर में पानी की कमी शारीरिक समस्याओं को उत्पन्न कर देती है, जिसमें पेट में दर्द और ऐंठन होना सबसे आम है। वैसे तो इसको किसी गंभीर बीमारी के रूप में नहीं देखा जाता। अस्वस्थ जीवन शैली और बाहर का अस्वस्थ खाना इसके पीछे का कारण बन सकता है। बदलते मौसम में भी धूप लग जाने के कारण इस प्रकार की समस्या होने लगती हैं।
किसी भी समस्या में चिकित्सा सलाह लेना सबसे पहला कदम होना चाहिए। हालांकि डायरिया जैसी बीमारी में कुछ घरेलू नुस्खे भी बहुत काम आ सकते हैं। सदियों से इन नुस्खों को आजमाया जा रहा है, जिसमें से कुछ दादी-नानी के जमाने से चले आ रहे हैं। चलिए डॉ प्रतिभा तिवारी से डायरिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।
डायरिया एक पाचन संबंधित समस्या है जिसमें मल पतला होने लगता है और बार-बार मल त्याग की समस्या हो जाती है। डॉ प्रतिभा कहती हैं, “डायरिया को गंभीर बीमारी के रूप में नहीं देखा जाता है। यह कुछ घंटों या दिनों के लिए असहज हो सकता है। जिसके बाद लक्षणों में सुधार होने लगता है। हालांकि कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जिसमें लंबा वक्त लग जाता है। ज्यादातर मामलों में दस्त की समस्या अपने आप दूर हो जाती है। पर इसमें घरेलू उपाय भी काफी असरदार हैं।”
तीव्र डायरिया तब होता है जब स्थिति 1 से 2 दिनों तक रहती है। वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण आपको दस्त का अनुभव हो सकता है। यह इस पर निर्भर करता है कि आपने क्या खाया। वहीं दूसरी ओर क्रॉनिक डायरिया का अर्थ यह है कि 3 से 4 हफ्ते से अधिक समय तक दस्त रहते हों। क्रोनिक के कुछ सामान्य कारणों में irritable bowel syndrome (IBS) inflammatory bowel diseases (आईबीडी), सीलिएक रोग जैसी स्थितियां शामिल हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार आपको कई स्थितियों और परिस्थितियों के कारण पेट से जुड़ी समस्याओं या डायरिया का सामना करना पड़ सकता है। जिसमें :
लगातार मल त्याग के कारण हमारा शरीर बहुत तेजी से शरीर में मौजूद तरल पदार्थ खो देता है। जिसके कारण निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ जाता है। यदि आप जल्द से जल्द इस समस्या का इलाज नहीं कराती हैं, तो यह आपके शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। निर्जलीकरण के लक्षण में शामिल है।
केला पोटैशियम में उच्च होता है। जो आपके शरीर में पोटैशियम इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करने में सक्षम है। यदि आप इसे डायरिया में इस्तेमाल करती हैं तो आपको ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट की आवश्यकता नहीं पड़ती। केला आपके दस्त रोकने में बेहद मददगार है। यदि आपको केला पसंद नहीं तो आप दही के साथ इसकी स्मूदी बनाकर भी सेवन कर सकती हैं। यह आपके शरीर में पानी की कमी और पोटेशियम की मात्रा दोनों बराबर कर देगा।
पेट खराब होने की स्थिति में बार बार मल त्याग होने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसके कारण कमजोरी होना स्वभाविक है। नमक चीनी का घोल इन हालातों में आपके शरीर में पानी की कमी पूरी कर कमजोरी दूर करने में सक्षम है। इस उपाय को आजमाने के लिए आप को बराबर मात्रा में पानी में नमक और चीनी का घोल तैयार करना है और इसे थोड़ी थोड़ी देर में पीना है।
डॉक्टरों द्वारा नारियल पानी डायरिया के समस्या में पीने की सलाह दी जाती है। दरअसल नारियल पानी में भी केले की तरह पोटैशियम पाया जाता है हालांकि इसमें पोटैशियम के साथ-साथ सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स भी मौजूद होते हैं यह शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये लूज मोशन की वजह से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
भले ही आप ने इसका इस्तेमाल हमेशा तड़का लगाने के लिए किया हो लेकिन इसका सेवन आपको दस्त से जल्दी राहत दिलाने में मदद कर सकता है। मम्मी अक्सर पेट खराब होने पर राई का सेवन कराती है। इसके लिए एक चौथाई राई को पानी में भिगो दें और फिर राई छानकर पानी पी लें।
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