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आयुर्वेद देता है शरीर के 9 छिद्रों को लुब्रिकेट करने की सलाह, जानिए क्या हैं इनके फायदे और सही तरीका

सालों से आयुर्वेद में लोग चिकित्सीय रूप से छिद्रों को लुब्रिकेट करते चले आ रहे हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह हमारे समग्र शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
Published On: 24 Jun 2023, 08:00 pm IST
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Body oiling ke fayde
जानिए कैसे करना है सही तरह से लुब्रिकेट। चित्र : एडॉबीस्टॉक

बचपन में हम सभी ने कभी न कभी दादी, नानी और मम्मी को कान, नाक और इंटिमेट एरिया को तेल या घी से ल्युब्रिकेट करते हुए देखा होगा। आखिर इसके पीछे का क्या कारण हो सकता है? वास्तव में सालों से आयुर्वेद में लोग चिकित्सीय रूप से ऐसा करते चले आ रहे हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह हमारे समग्र शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। इसलिए कम उम्र के बच्चों के कान नाक और शरीर के अन्य छिद्रों में अक्सर तेल या घी डाला जाता है।

आज हेल्थ शॉट्स के साथ इस विषय पर विस्तार से बात करेंगे। जानेंगे किस तरह यह हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है (human body holes lubrication)।

पहले जानें इस पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

हमने इस विषय पर आयुर्वेद फ़िज़िशियन और लेखक डॉक्टर नाज़िया ख़ान से सलाह ली। उन्होंने इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

नाजिया कहती हैं कि “आयुर्वेद में नौ छिद्रों को नव-द्वार कहा गया है। इनके स्नेहन अर्थात चिकनाई और नमी बरकरार रखने के लिये गो-घृत (घी) या तिल तेल सर्वोत्तम माना गया है।

नव-द्वार के स्नेहन से वात का प्रकोप शांत होता है
कार्य-क्षमता में वृद्धि होती है
दर्द और तनाव में राहत मिलती है
मांसपेशियां सुदृढ़ होती हैं
मस्तिष्क शांत और एकाग्र होता है
दृष्टि, सुनने, सूंघने की क्षमता बेहतर होती है
बाल लम्बे और घने होते हैं।
नींद अच्छी आती है
इन छिद्रों में जमी गंदगी और मैल दूर होते हैं।
त्वचा स्निग्ध और युवा रहती है।
कुल मिलाकर इसके सेहत के लिए कई महत्वपूर्ण लाभ है इसलिए आपको इस बारे में जानकारी रखनी चाहिए।”

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छिद्रों में तेल डालने के फायदे। चित्र : एडॉबीस्टॉक

अब जानिए शरीर के ये 9 छिद्र कौन कौन से हैं

एक मुंह
दो आंखें
नाक के दो छिद्र
दो कान
एक एनस
एक योनि या पेनिस

जानिए कि इन 9 छिद्रों को कैसे करना है सही तरह से लुब्रिकेट

आंखों को लुब्रिकेटेड करें

आंखों को लुब्रिकेट करने के लिए तेल की जगह घी का इस्तेमाल करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। आयुर्वेद में माना जाता है कि यह आंखों के ड्राइनेस को कम करता है और आंखों की रोशनी को भी बढ़ावा देता है। इसके साथ ही आप नारियल के तेल या तिल के तेल से भी आंखों को ल्युब्रिकेट कर सकती हैं। हालांकि, आंखों में कुछ भी डालने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अति आवश्यक है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

कानों को करें लुब्रिकेटेड

सरसों के तेल को हल्का गुनगुना कर लें और अपने कान में इसके दो बूंद डालें। यह आपके कान को पूरी तरह से साफ रखता है और ईयर वैक्स को बैलेंस रखता है। ठंड में खासकर आपको सरसों के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।

नोस्ट्रिल्स को लुब्रिकेटेड करना है जरूरी

आप अपने नाक के छिद्रों में घी या तेल दोनों को डाल सकती हैं। यह दोनों ही इसमें कारगर होते हैं। यह नाक को सूखने नहीं देते हैं और नाक के रास्ते को पूरी तरह से साफ रखते हैं।

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मुंह को लुब्रिकेटेड करें

सुबह उठकर खाली पेट गुनगुने पानी में एक चम्मच घी डालकर पीने से शरीर के लगभग सभी टिश्यू ल्युब्रिकेट हो जाते हैं।

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Navel Oiling – नाभि में हिंग का तेल लगाने के फायदे. चित्र : शटरस्टॉक

एनस, वेजाइना और पेनिस को भी करें लुब्रिकेटेड

वेजाइना और पेनिस शरीर के संवेदनशील अंगों में एक है। इसे ल्युब्रिकेट करते वक्त साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले प्लेन घी और तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं।

नाभि को करें ल्युब्रिकेट

नाभि को ल्युब्रिकेट करने से आपके शरीर को कई महत्वपूर्ण फायदे पहुंचते हैं, जैसे कि यह आपके पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है साथ ही साथ जोड़ों के दर्द एवं त्वचा से जुड़ी समस्याओं से राहत प्रदान करता है। इतना ही नहीं यह आंख और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। आप बेली बटन को ल्युब्रिकेट करने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं।

सावधानी बरतना है जरूरी

डॉ नाज़िया सलाह देती हैं, “छिद्रों को लुब्रिकेटेड कर रही हैं तो हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस स्थिति में इन्फेक्शन का खतरा होता है। अगर किसी भी तरह का रोग है तो ऑयलिंग न करें। आंख, कान, योनि में बिना चिकित्सकीय परामर्श के किसी भी चीज को न डालें।”

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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