जोखिम भरा हो सकता है प्रेगनेंसी में प्लेटलेट्स का घटना, एक्सपर्ट से जानिए इसका कारण और निवारण
प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें से कुछ साधारण बदलाव होते है, लेकिन कुछ शरीर में चल रही परेशानी की ओर इशारा भी करते हैं। कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेटलेट्स कम (low platelets count in pregnancy) होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। जो सही समय पर ध्यान न देने पर नुकसानदेह साबित हो सकता है। इस समस्या के बारे में गहनता से जानने के लिए हमने बात की बिजनौर की ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ नीरज शर्मा से। जिन्होंने हमें इस स्थिति और इसके निवारण के बारें में गहनता से जानकारी दी।
जानिए समस्या और इसके पीछे के मुख्य कारण?
कई महिलाओं में डिलीवरी का समय पास आते ही प्लेटलेट्स कम होने की समस्या होने लगती है। लेकिन कई मामलों में यह समस्या छठें और सातवें महीनें में शुरू हो सकती है।
इसके कारणों पर बात करते हुए गायनेकोलॉजिस्ट डॉ नीरज शर्मा कहती हैं ” वैसे तो यह स्थिति प्रेगनेंसी के अन्य बदलावों में शामिल है। लेकिन सभी महिलाओं में समस्या की वजह अलग-अलग हो सकती है”। जैसे कि अगर महिला को लीवर से जुड़ी कोई समस्या है, या वह एनीमिया से ग्रस्त है। इसके अलावा अगर महिला किसी इंफेक्शन या किसी खास संक्रमण जैसे कि डेंगू या मलेरिया से ग्रस्त हो, इन कारणों से महिलाओं में प्लेटलेट्स कम होने की समस्या हो सकती है।
जानिए इसके कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है?
डॉ नीरज शर्मा के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान रुटीन चेकअप करवाना बेहद जरूरी है। क्योंकि अगर इस समस्या पर समय से ध्यान नही दिया जाए, तो बच्चे और मां दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
इसके कारण महिलाओं को प्रीमेच्योर डिलीवरी या डिलीवरी के समय ओवर ब्लीडिंग का सामना करना पड़ सकता है।
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एक्सपर्ट से जानें इस समस्या का निवारण
एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ मामलों में प्रेगनेंसी के छठें और सातवें महीनें में ही इस समस्या का पता चल जाता है। जिससे डाइट में जरूरी बदलाव करके प्राकृतिक रूप से प्लेटलेट्स बढ़ाई जा सकती है, लेकिन कई महिलाओं में डिलीवरी का समय आते ही इसका पता चल पाता है, जिसमें प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता भी हो सकती है।
तो क्या हो सकते हैं इससे बचाव के उपाय
1. प्लेटलेट्स गिरने पर बैलेंस डाइट लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें आपको सही मात्रा में सभी पोषक तत्व मिल पाएंगे।
2. डॉ नीरज शर्मा के मुताबिक इस समय हरी सब्जियों का सेवन कारगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही विटामिन सी, विटामिन बी, बी9, बी6, फोलिक एसिड वाले खाद्य पदार्थ को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
3. प्लेटलेट्स बढ़ाने में कीवि बेहद अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। चना, मटर, स्प्राउट या डार्क चॉकलेट, पनीर या अन्य डेरी प्रोडक्ट भी जरूरी है।
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कस्टमाइज़ करें4. नॉनवेज ऑपशन में अंडे या बीफ लेना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा ग्लोए का पानी भी लाभदायक है, क्योंकि प्रेग्नेंसी के अलावा एनिमिया की समस्या में इसका सेवन किया जाता है।
जानिए कब हो सकती है प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता
एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसी समस्या आने पर सबसे पहले महिला का सीटीबीटी ( क्लॉटिंग टाइम और ब्लीडिंग टाइम) देखा जाता है, अगर सीटीबीटी कम है, तो उससे बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता। लेकिन अगर महिला का सीटीबीटी बहुत ज्यादा आया है, तो उसे डिलीवरी के समय कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में प्लेटलेट्स चढ़ाना ही एकमात्र निवारण हो सकता है।
इसके अलावा अगर महिला की प्लेटलेट्स 80,000 से कम हो गई हैं, तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
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