गलत खानपान की आदत और फिजिकली एक्टिव न होने के कारण डायबिटीज की समस्या बढ़ती जा रही है। डायबिटीज होने के बावजूद जब आप अपने आहार और लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं करते, तो यह और भी ज्यादा जोखिम कारक हो सकता है। जिससे हाइपरग्लेसेमिया जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में आपका शरीर काफी कम मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूस कर पाता है। जिससे स्वास्थ्य के लिए कई खतरे पैदा हो जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप हाइपरग्लेसेमिया (hyperglycemia) के कारणों और उसे कंट्रोल करने के उपायों (Tips to control hyperglycemia) के बारे में सब कुछ जानें।
इंसुलिन वह हार्मोन है, जो शुगर को ब्लड में ट्रांसफर करता है। यदि शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाए, तो ग्लूकोज और शुगर ब्लड में अच्छी तरह नहीं घुल पाते। जिससे ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है। यह समस्या ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों में तब देखने को मिलती है, जब वे लगातार अपनी सेहत की लापरवाही करते हैं।
क्लीवलैंड क्लिनिक द्वारा प्रकाशित एक डेटा में हाइपरग्लेसेमिया यानी कि बॉडी में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर नजर आने वाले लक्षणों के बारे में बताया गया। यदि आपको भी डायबिटीज है, तो ऐसे लक्षण नजर आते ही बिना इंतजार किए डॉक्टर से मिलकर सलाह लें।
1. बिना शारीरिक गतिविधियों में भाग लिए थकान और बेचैनी महसूस होना।
2. सांस लेने में तकलीफ होना और घबराहट महसूस होना।
3. चिड़चिड़ापन महसूस करना।
4. बार-बार पेशाब लगने की समस्या।
5. बहुत छोटे अंतराल पर प्यास लगना।
6. उल्टी जैसा महसूस होते रहना।
7. इंफेक्शन और एलर्जी होना इसके साथ ही इनका लंबे समय तक बना रहना।
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कस्टमाइज़ करें8. यूरिनरी इनफेक्शन होना और खुजली होते रहना।
9. आंखों की दृष्टि का कमजोर होना और धुंधलापन नजर आना।
10. अचानक से वजन में गिरावट आना।
1. जब आपका शरीर नेचुरल इंसुलिन को प्रभावी तरीके से प्रयोग नहीं कर पाता।
2. आपका शरीर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को बॉडी इंसुलिन बैलेंस नहीं कर पाती। इस कंडीशन में भी हाइपरग्लेसेमिया होने की संभावना बनी रहती है।
3. जब आपकी डायबिटीज मेडिसिन और अन्य इंसुलिन डोज आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित नहीं कर पाते।
4. यदि आपको डायबिटीज है और आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, तो यह स्थिति पैदा हो सकती है।
5. इमोशनल और मेंटल स्ट्रेस भी आपकी इस समस्या का कारण बन सकता है।
6. फिजिकल स्ट्रेस जैसे कि कोल्ड एंड कफ, फ्लू, इन्फेक्शन इत्यादि होने से हाइपरग्लेसेमिया की स्थिति पैदा होने की संभावना बनी रहती है।
7. जब आप किसी अन्य हेल्थ कंडीशन को लेकर स्टेरॉइड्स ले रही होती हैं।
8. यदि आप प्रेगनेंट हैं तो जेस्टेशनल डायबिटीज होने से भी यह स्थिति पैदा हो सकती है।
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार इस समस्या से बचने के कुछ जरूरी और प्रभावी उपायों के बारे में बताया गया है। यदि आप इस परिस्थिति से बचना चाहती है तो इन 5 चीजों को जरूर याद रखें।
1. शारीरिक गतिविधियों में भाग लें – खुद को जितना हो सके उतना फिजिकली एक्टिव रखने की कोशिश करें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की आदत बनाएं और योगा सेशन में भाग ले सकती। यह आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है, और हाइपरग्लेसेमिया जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को कम कर देता है।
2. खानपान की आदतों को संतुलित रखें – एक उचित खानपान लेना बहुत जरूरी है। साथ ही अपने आहार से जुड़ी जरूरी जानकारी रखने की कोशिश करें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह से एक डायबिटीज मील प्लान जरूर तैयार करें।
3. हेल्दी वेट मेंटेन करें – ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए एक हेल्दी वेट मेंटेन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए संतुलित खानपान और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी है।
4. धूम्रपान न करें – ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने और हाइपरग्लेसेमिया जैसी स्थिति को पैदा होने से रोकने के लिए धूम्रपान को बिल्कुल नजरअंदाज करें। यदि आप स्मोकिंग नहीं करती है, तो बहुत अच्छी बात है। परंतु यदि आपको स्मोकिंग की आदत है तो इसे फौरन छोड़ना उचित रहेगा।
5. अल्कोहल की मात्रा सीमित करें – अल्कोहल आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा को बढ़ा देता है। इसके साथ ही यह लो ब्लड शुगर लेवल का भी कारण हो सकता है। इसलिए एक सीमित मात्रा में ही अल्कोहल का सेवन करें। यदि आप इसे पूरी तरह अनदेखा कर सकती हैं, तो यह और भी ज्यादा फायदेमंद रहेगा।
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