कैंसर जैसी बीमारी एक बड़े खतरे के रूप में वैश्विक स्तर पर तेजी से फैल रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि हर प्रकार के कैंसर के लक्षण एक-दूसरे से अलग होते हैं। जिससे मरीज कई दफा लंबे वक्त तक अंजान रहता हैं। ऐसे में इस बीमारी से जूझ रहे मरीज को विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है, जो परिवार से बेहतर कहीं और नहीं मिल सकती।
परिवार के सदस्यों का स्नेह मरीज़ के उपचार में मददगार साबित होता है। दरअसल, कैंसर पीड़ित को चिकित्सक, भावनात्मक और शारीरिक सहयोग की आवश्यकता होती है। अगर आप भी किसी अपने पारिवारिक सदस्य की कैंसर की बीमारी में देखभाल कर रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखें।
अगर घर में कोई व्यक्ति कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहा है़, तो कोशिश करें कि हर वक्त उनके सामने चिंता से घिरे रहने की बजाय घर में सकारात्मक माहौल बनाए रखें। परिवार के सभी सदस्य उनके साथ समय बिताएं और उन्हें स्ट्रेस फ्री रखने की कोशिश करें।
दरअसल, कैंसर के मरीजों को भावनात्क सहयोग की आवश्यकता होती है, जो बीमारी को जल्द ठीक करने में मुख्य रोल अदा करता है।
कैंसर के मरीज की देखरेख के लिए एक सूची बना लें, जिसमें दवाओं से लेकर थेरेपी तक हर चीज़ का बराबर रिकार्ड रखें। किसी भी प्रकार की कोताही मरीज के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसके अलावा मरीज की रूटीन गतिविधियों को भी उसमें ज़रूर लिख लें। साथ ही मरीज को सभी दवाएं समय पर दें।
डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ कैंसर के मरीज के लिए परिवार का स्नेह और देखभाल आवश्यक है, जो मरीज को हिम्मत और हौंसला प्रदान करने का काम करता है। परिवार के सदस्यों को पहले की तरह ही मरीज के साथ उठना बैठना और रहना है। घर के बच्चों या बुजुर्गों को उनसे दूर या अलग रखने की अवश्यकता नहीं है। जहां तक संभव हो कैंसर पेशेंट को अपने साथ घर से बाहर भी लेकर जाएं।
इसके अलावा उन्हें डेली रूटीन बिल्ड करने में मदद करें। जहां तक हो सके उनकी दिनचर्या के कार्यों को करने में उनकी मदद करें। कई बार मरीज की अत्यधिक देखभाल और सहानुभूति तनाव का कारण सिद्ध हो सकती है। मरीज को ध्यान और योग के लिए प्रेरित करें या फिर उनके किसी पसंदीदा काम जैसे संगीत, पेंटिंग यां बेकिंग आदि के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।
कैंसर से जूझ रहे मरीज की डाइट में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। इलाज के दौरान पैकेज्ड फूड्स से बचें और घर का तैयार किया हुआ खाना ही खाएं। ताकि दवाओं और थेरेपी के कारण शरीर में आने वाली कमजोरी दूर हो सके। अगर कैंसर के मरीज हेल्दी डाइट लेंगे तो कोशकाएं भी स्वस्थ रहेंगी और शरीर को भी एनर्जी मिलेगी।
दरअसल, कैंसर पेशेंटस में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे उनके शरीर में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में मरीज को दिनभर में 3 बड़े मीलस के स्थान पर 6 छोटे मील खाने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं, मरीज के शरीर को हाइड्रेट रखना भी जरूरी है।
कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकता है। कैंसर मौत का कारण नहीं बल्कि महज एक बीमारी है, जिसका इलाज सही उपचार और पारिवारिक समर्थन के साथ आसानी से किया जा सकता है। ज़रूरत हैं, तो सिर्फ एक योद्धा के समान अपने हौंसलें और हिम्मत के दम पर कैंसर की इस जंग को जीतने की।
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