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उम्र के हर दशक के साथ बढ़ जाता है ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम, जानिए इससे बचाव के उपाय

आपने सुना होगा कि 30 के बाद आपकी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। मगर इससे बचाव की तैयारी आपको अपनी उम्र के 20वें वर्ष से ही शुरू कर देनी चाहिए।
बढ़ती उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस से रहें सावधान! चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 18 Oct 2021, 17:30 pm IST
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ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसा रोग है, जिसमें हड्डियां बताशे की तरह भुरभुरी होकर टूटने और बिखरने लगती हैं। अमूमन यह स्थिति महिलाओं में 45 के बाद और पुरुषों में 55 के बाद आती है। पर आपका आहार और लाइफस्टाइल इस जोखिम को बढ़ा भी सकता है और घटा भी सकता है। जानना चाहती हैं कैसे? तो इसे पढ़ती रहें। 

क्या आपके एजिंग पेरेंट्स को उठने-बैठने जैसी सामान्य क्रियाओं में भी तेज दर्द का सामना करना पड़ता है? क्या वे अकसर जोड़ों और हड्डियों में दर्द की शिकायत करते हैं? तो ये सभी ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) के संकेत हो सकते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस असल में हड्डियों के कमजोर होते जाने की एक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति है। जिसका जोखिम उम्र के हर दशक के साथ बढ़ता जाता है। अगर आप खुद को और अपने परिवार को इससे गंभीर बीमारी के जोखिम से बचाना चाहती हैं, तो जानिए इसके बारे में सब कुछ।  

कमर या हड्डियों के दर्द को नजरंदाज ना करें। चित्र : शटरस्टॉक

बढ़ती उम्र और बोन हेल्थ 

शरीर में कैल्शियम और अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण अक्सर बढ़ती उम्र में हड्डियों और जोड़ों में दर्द और अन्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस का संकेत हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। एक समय पर वे इतनी कमजोर हो जाती हैं कि गिरने या हल्के तनाव जैसे झुकने या खांसने से भी फ्रैक्चर हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित फ्रैक्चर आमतौर पर कूल्हे, कलाई या रीढ़ में होते हैं।

यह बढ़ती उम्र के सभी पुरुषों तथा महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। इससे अपने परिजनों को बचाने के लिए आपको इसके लक्षण और बचाव के उपाय जानना आवश्यक है। 

क्या हैं ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण? 

हड्डी के नुकसान के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते। लेकिन एक बार जब हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस से कमजोर हो जाती हैं, तो ये लक्षण दिख सकते हैं:

  • फ्रैक्चर ठीक होने के बाद भी पीठ दर्द। 
  • समय के साथ हाइट कम होना। 
  • कद का लगातार झुकते जाना। 
  • आसानी से हड्डियों के टूटने का खतरा।  
उम्र के साथ हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। चित्र:शटरस्टॉक

डॉक्टर को दिखने का सही समय 

यदि आपकी  मम्मी, मासी या परिवार की अन्य महिला अर्ली मेनोपॉज़ का अनुभव करती है, तो आप  ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। पुरुषों के लिए 45 वर्ष के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की जांच और डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है। इन मामलों में सावधानी रखने के साथ एक चिकित्सक की राय लेना बहुत आवश्यक हैं। 

यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम कर सकते हैं 

आपकी हड्डियों को जीवन भर स्वस्थ रखने के लिए अच्छा पोषण और नियमित व्यायाम आवश्यक है।

1. कैल्शियम

18 से 50 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं को एक दिन में 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। जब महिलाएं 50 साल की हो जाती हैं और पुरुष 70 साल के हो जाते हैं, तो यह दैनिक मात्रा बढ़कर 1,200 मिलीग्राम हो जाती है।

कैल्शियम के अच्छे स्रोतों में शामिल हैं:

  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
  • गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां
  • कैल्शियम सप्लीमेंट्स 
  • सोया उत्पाद जैसे टोफू
  • कैल्शियम-फोर्टिफाइड अनाज और संतरे का रस

यदि आपका आहार आपकी कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा नहीं कर रहा, तो आपको कैल्शियम की खुराक लेने पर विचार करना चाहिए। हालांकि, बहुत अधिक कैल्शियम के सेवन से लिवर में पथरी की समस्या हो सकती हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना हैं कि भारी मात्रा में कैल्शियम का सेवन हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है।

कैल्शियम और विटामिन D को बनाएं अपने डाइट का हिस्सा। चित्र:शटरस्टॉक

राष्ट्रीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा अकादमियों के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 50 से अधिक उम्र के लोगों के लिए कुल कैल्शियम का सेवन 2,000 मिलीग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।

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2.  विटामिन डी

विटामिन डी कैल्शियम को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में सुधार करता है। इसके अलावा यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। आप विटामिन डी की कुछ मात्रा सूर्य के प्रकाश से प्राप्त कर सकते हैं। मगर कई अन्य कारणों के चलते यही पर्याप्त नहीं है। 

इसके लिए विटामिन डी के आहार स्रोतों जैसे कॉड लिवर ऑयल, ट्राउट और सैल्मन आदि को भी शामिल करना चाहिए। एक सामान्य व्यक्ति को एक दिन में विटामिन डी की कम से कम 600 आईयू (IU) की आवश्यकता होती है। 

3. व्यायाम

व्यायाम आपको मजबूत हड्डियों के निर्माण और हड्डियों के नुकसान को धीमा करने में मदद कर सकता है। व्यायाम आपकी हड्डियों को लाभ देगा। आपको सबसे अधिक लाभ तब मिलेगा जब आप युवावस्था से ही नियमित रूप से व्यायाम करना शुरू करते हैं और जीवन भर इसे जारी रखते हैं।

व्यायाम आपकी हड्डियों को मजबूत रखता हैं। चित्र:शटरस्टॉक

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ वेट ट्रेनिंग को भी वर्कआउट में शामिल करें। वेट बैलेंस आपकी बाहों और ऊपरी रीढ़ में मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। कार्डियो एक्सरसाइज जैसे चलना, दौड़ना, सीढ़ी चढ़ना, रस्सी कूदना और साइकिल चलाना मुख्य रूप से आपके पैरों, कूल्हों और निचली रीढ़ की हड्डियों को प्रभावित करते हैं। अतः प्रतिदिन व्यायाम करने से हड्डियां मजबूत रहती हैं। 

तो लेडीज, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी परेशानियों से बचाव के लिए समय रहते कदम उठाना जरूरी है। सही पोषण और सही जीवनशैली के साथ आपके इसके जोखिम को कम कर सकती हैं।

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अदिति तिवारी

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