अकसर ठंड के मौसम में, देर रात जागने पर या कुछ फ्राइड खा लेने पर आपने महसूस किया होगा कि आपके गले और छाती में कफ (Cough) ज्यादा बनने लगा है। मेडिकल टर्म में इसे माइक्रोएस्पिरेशन की समस्या (microaspiration problem) कहते हैं। जो श्वास नली में म्यूकोसा के क्षतिग्रस्त होने के कारण होती है। अगर इसमें लापरवाही की जाए, तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि अगर आप या आपके परिवार में किसी को भी कफ ज्यादा (Cough in chest) बनने या श्वास संबंधी अन्य समस्याएं (Breathing problems) हैं, तो आहार का भी विशेष ध्यान रखें। क्योंकि अधिक तेल और मसालों वाले भोजन (foods that cause asthma) आपको ब्रीदिंग में समस्या (Microaspiration) दे सकता है।
फेफड़ों के स्वास्थ्य (Lungs health) को समझने और श्वास संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए हमने डॉ रवि शेखर झा से बात की। डॉ झा फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद में एडिशनल डायरेक्टर एवं यूनिट हैड पल्मोनोलॉजी हैं। आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में जिन्हें दूर कर आप अस्थमा (Asthma causes) में राहत पा सकते हैं।
डाॅ झा कहते हैं, “फेफड़े हमारे शरीर के अद्भुत आंतरिक अंग हैं, जो लगातार बाहरी वातावरण के संपर्क में रहते हैं। ये तापमान, नमी और प्रदूषकों के संपर्क में आते हैं। यही कारण है कि जब मौसम बदलता है और वातावरण में धूल, मिट्टी और प्रदूषक बढ़ने लगते हैं, तो फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं।”
डॉ झा सुझाव देते हैं, “हमें ऐसा भोजन करना चाहिए जिससे ब्लोटिंग (Bloating) और एसिड रिफ्लक्स (acid reflux) न हो। एसिड रिफ्लक्स वाले मरीज़ों को बार-बार माइक्रोएस्पिरेशन की समस्या होती है, जिसकी वजह से हमारी श्वसन नली की म्यूकोसा लगातार क्षतिग्रस्त होती रहती है। इसलिए हमें रेशेदार और बिना तेल-मसालेयुक्त भोजन करना चाहिए। अधिक तेल और मसाले कफ की मात्रा बढ़ाकर सांस लेने में दिक्कत पैदा करते हैं।”
इससे बचने के लिए सादा और सामान्य तापमान वाला भोजन करें। बहुत ज्यादा ठंडा या फैट वाला भोजन भी माइक्रोएस्पिरेशन की समस्या को बढ़ा सकता है। यही वजह है कि आप सर्दियों के दिनों में या देर रात पार्टी से लौटकर कफ का ज्यादा अनुभव करते हैं। इससे बचना जरूरी है।
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