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World No Tobacco Day 2024 : स्मोकिंग आपकी मुस्कान को लगा सकती है ग्रहण, जानिए दांतों पर इसके साइड इफेक्ट्स

अगर आप स्मोकिंग को कूल और फैशनेबल समझ रहे हैं, तो दांतों पर होने वाले इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जान लेना जरूरी है। जानें विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर धूम्रपान के दांतों पर होने वाले नुकसान
Published On: 31 May 2024, 12:16 pm IST
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डॉ दिवाकर वशिष्ट
इनपुट फ्राॅम
Jaante hai smoking ke side effects
शराब और धूम्रपान के सेवन से महिलाओं के यौन स्वास्थ्य पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव, सावधानी बरतना है आवश्यक। चित्र : अडोबी स्टॉक

अनहेल्दी खानपान शारीरिक समस्याओं के अलावा दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक साबित होता है। इससे दांतों की मज़बूती से लेकर उसकी रंगत तक सभी चीजें प्रभावित होने लगती हैं। ऐसे में वे लोग जो स्मोकिंग की लत से ग्रस्त हैं, उनके दांतों के स्वास्थ्य को कई प्रकार से नुकसान पुहंचाने लगता है। दरअसल, सिगरेट में मौजूद कैमिकल्स दांतों के पीलेपन ओैर दाग-धब्बों का कारण बनते हैं। अगर आप भी अभी तक स्मोकिंग को कूल और फैशनेबल समझ रहे हैं, तो दांतों पर होने वाले इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जान लेना जरूरी है। आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) है, जब हम किसी भी तरह के तंबाकू के निषेध का संकल्प लेते हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day 2024)

लोगों को तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों और खतरों से सचेत करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड नो टोबेको डे की थीम ‘प्रोटेक्टिंग चिल्ड्रन फ्रॉम टोबेको इंडस्टरी इंटरफेरेंस’ है। दरअसल,विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों और पर्यावरण को तंबाकू से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सन् 1987 में पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरूआत की। इस खास मौके पर हर ओर वर्कशॉप्स और सेमिनार के ज़रिए लोगों और खासतौर से नौजवानों से तंबाकू से बढ़ने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी दी जाती है।

एक के बाद एक दिनभर में कई बार धूम्रपान करने से दांत तंबाकू और निकोटीन के संपर्क में आते है। इसके चलते न केवल दांतों पर स्टेन नज़र आने लगते हैं बल्कि दांतों को पीलापन और सांसों की दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है। दरअसल, नियमित रूप से धूम्रपान करने से केमिकल कंपाउंड दांतों के संपर्क में आने लगते हैं। इससे दांतों के अलावा ओरल हेल्थ को भी नुकसान उठाना पड़ता है।

smoking se hone waale nuksaan
धूम्रपान से दांतों के टूटने और माउथ कैंसर की समस्या का भी जोखिम बढ़ जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

खतरनाक है स्मोकिंग और किसी भी तरह का तंबाकू सेवन

इस बारे में बातचीत करते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, डॉ दिवाकर वशिष्ट ने बताया कि स्मोकिंग से दांतों और मसूड़ों के स्वास्थ्य को नुकसान का सामना करना पड़ता है। इससे ब्लड में ऑक्सीजन का प्रवाह कम होने लगता है, जिससे मसूढ़ों में ब्लीडिंग और दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा धूम्रपान से दांतों के टूटने और माउथ कैंसर की समस्या का भी जोखिम बढ़ जाता है। दरसअल, स्मोकिंग से दांत तंबाकू के संपर्क में आते है, जिससे मुंह को तापमान बढ़ जाता है और बर्निंग सेंसेशन का सामना करना पड़ता है।

जानिए आपके दांतों को कैसे नुकसान पहुंचाती है स्मोकिंग (Side effects of smoking)

1 मसूढ़ों में संक्रमण का जोखिम

स्मोकिंग का दुष्प्रभाव मसूढ़ों पर भी नज़र आने लगता है। इसके चलते ब्लड में ऑक्सीजन की कमी बढ़ने लगती है। इसके चलते मसूढ़ों में संक्रमण का प्रभाव बढ़ने लगता है। वे लोग जो स्मोकिंग करते हैं, उनमें नॉन स्मोकर्स की तुलना में प्लाक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। धूम्रपान मसूढ़ों को कमज़ोर बनाता है और ब्लीडिंग का खतरा भी बना रहता है।

2 दांतों में पीलापन आता है

ओरल हेल्थ फाउंडेशन के अनुसार सिगरेट में मौजूद निकोटिन की मात्रा से दांतों पर दाग की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते बहुत ही कम समय में दांतों में पीलापन बढ़ जाता है। इसके अलावा कुछ दांतों का रंग ब्राउन नज़र आने लगता है। दांतों के रंग में बदलाव के अलावा दांतों में कमज़ोरी का खतरा भी बनी रहता है। वे लोग जो रोज़ाना कई बार सिगरेट का सेवन करते हैं, उनके दांत टूटने लगते हैं।

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निकोटिन की मात्रा से दांतों पर दाग की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते बहुत ही कम समय में दांतों में पीलापन बढ़ जाता है। है। चित्र: शटरस्टॉक

3 कमजोर होकर टूट सकते हैं दांत

उम्र के साथ दांतों का टूटना स्वाभाविक है। मगर सिगरेट से दांतों की चमक खोने के अलावा मज़बूती भी कम होने लगती है। इससे दांत कमज़ोर होकर एक एक कर गिरने लगते है। मसूढ़ों में ऑक्सीजन सप्लाई न होने के कारण दांतों की कमज़ोरी बढ़ने लगती है, जिससे दांतों के टूटने की समस्या बढ़ जाती है।

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4 बढ़ जाती है मुंह की दुर्गंध

वे लोग जो सिगरेट पीते है, इसके चलते उन्हें सांस की दुर्गंध से भी दो चार होना पड़ता है। दरअसल, सिगरेट में पाए जाने वाले कैमिकल कंपाउड स्लाइवा से मिलकर सांसों की दुर्गंध को बढ़ा देते है। इससे दांतों में सड़न पैदा होने लगती है, जो संक्रमण को बढ़ाने का कारण बन जाती है।

bad breath ki samasya kaise badhti hai
वे लोग जो सिगरेट पीते है, इसके चलते उन्हें सांस की दुर्गंध से भी दो चार होना पड़ता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5 माउथ कैंसर का जोखिम

अधिकतर लोग ये जानते हैं कि स्मोकिंग से थ्रोट और लंग कैंसर का खतरा बना रहता है। मगर साथ ही ज्यादा स्मोकिंग करने वाले लोगों को माउथ कैंसर का भी सामना करना पड़ता है। ओरल हेल्थ फाउनडेशन के अनुसार हर साल हज़ारों लोग माउथ कैंसर के कारण मौत के शिकार हो जाते हैं। ज्यादा स्मोकिंग से मुंह में रेड और व्हाइट स्टेन्स नज़र आने लगते हैं। इसके अलावा मुंह में जलन भी महसूस होने लगती है।

इन बातों का रखें ख्याल

दांतों और ओवरऑल हेल्थ को बनारए रखने के लिए स्मोकिंग को धीरे-धीरे कम करने का प्रयास करें।

नियमित रूप से डेंटल चेकअप के लिए जाएं। इससे दांतों में बढ़ने वाली समस्याओं का समय पर उपचार किया जा सकता है।

ब्रशिंग और फ्लॉसिंग को नियमित रूप से करना न भूलें। इससे दांतों में बढ़ने वाले बैक्टीरिया से बचा जा सकता है।

माउथ वॉश का प्रयोग करें। इससे मुंह की दुर्गंध को दूर करने में मदद मिलती है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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