युवा ही नहीं, बल्कि स्कूल जाने वाले किशोर और किशोरियां भी स्मोकिंग की लत का शिकार हो रहे हैं। किसी भी तरह का धूम्रपान अनहेल्दी लाइफस्टाइल की श्रेणी में सबसे ऊपर आता है। स्मोकिंग केवल लंग्स को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि यह कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के खतरे को भी बढ़ा देती है। स्मोकिंग से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है, ये तो आप जरुर जानती होंगी। परंतु क्या आपको मालूम है स्मोकिंग डायबिटीज (Smoking cause diabetes) का भी कारण बन सकती है। जी हां! स्मोकिंग की अधिकता आपकी बॉडी में ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर डायबिटीज का शिकार बना सकती है। इसलिए इसके प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है।
हेल्थ शॉट्स ने स्मोकिंग और डायबिटीज के कनेक्शन पर कई रिसर्च पढ़ी। जिनमें दोनों का ही कनेक्शन सामने आया है। यदि आपको डायबिटीज है और आप स्मोकिंग कर रही हैं, तो इससे आपका शुगर लेवल काफी बढ़ सकता है। साथ ही साथ यह डायबिटीज की स्थिति को और भी बदतर कर सकता है। यदि आपको डायबिटीज नहीं है, तो भी स्मोकिंग डायबिटीज के जोखिम को कई गुना बढ़ा देती है।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजलि मुखर्जी ने स्मोकिंग और डायबिटीज के कनेक्शन को लेकर कुछ जरूरी बातें बताई हैं। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं आखिर स्मोकिंग किस तरह डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती है (smoking and diabetes)।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा 30 से 40 प्रतिशत तक अधिक होती है।
धूम्रपान से बीमारी का प्रबंधन करना और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि निकोटीन का उच्च स्तर इंसुलिन की प्रभावशीलता को कम कर सकता है, जिससे धूम्रपान करने वालों को ब्लड शुगर को रेगुलेट करने के लिए अधिक इंसुलिन की आवश्यकता होती है।
स्मोकिंग आपकी सेल्स के सामान्य कार्यों को बाधित कर डायबिटीज का कारण बन सकती है। सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स आपके शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और पूरे शरीर में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे आपका इंसुलिन कम प्रभावी हो सकता है।
जब सिगरेट के धुएं के केमिकल्स शरीर में ऑक्सीजन से मिलते हैं, तो यह प्रक्रिया सेल डैमेज का कारण बन सकती है, जिसे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहा जाता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लेमेशन दोनों ही डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
पब मेड सेंट्रल द्वारा स्मोकिंग और डायबिटीज के खतरे को लेकर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनमें पेट की चर्बी बढ़ने का खतरा अधिक होता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है, भले ही आपका वजन अधिक न हो। बेली फैट डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती है।
अल्कलाइन डाइट और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन निकोटीन की क्रेविंग्स को काम करता है, जिससे कि आपको स्मोकिंग छोड़ने में मदद मिलती है। डाइट में भरपूर मात्रा में फल सब्जियां और दाल जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
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यदि आप स्मोकिंग छोड़ना चाहती हैं और आपको बार-बार स्मोक करने की क्रेविंग होती है, तो ऐसे में आपको शुरुआत में देरी करना शुरू करना चाहिए। क्रिविंग होने पर फौरन सिगरेट लाइट न करें, जितना हो सके इंतजार करें, और इसमें देरी करें। अगले दिन और लंबा इंतजार करें, ऐसा करने से एक समय के बाद आप कंट्रोल करना सीख जाती हैं।
यदि आप लंबे समय से स्मोकिंग कर रही हैं, अचानक से स्मोक करना छोड़ देती हैं, तो ऐसे में सिर दर्द हो सकता है। साथ ही साथ मूड पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है और ऊर्जा में कमी महसूस होती है। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद लें, इससे सिगरेट की क्रेविंग्स कम होती है। निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी में भाग लेने के बाद आपको निकोटिन गम और पैच दिए जाएंगे जो इसे अवॉइड करने में आपकी मदद करेंगे।
स्मोकर्स अक्सर स्मोकिंग “सिर्फ एक” पर निर्भर रहते हैं। हर रोज वे खुद से वादा करते है। ये अखिरी है, परंतु इस प्रकार वे कभी भी सिगरेट से पूरी तरह परहेज नहीं कर पाते। इसलिए खुद को मूर्ख बनाना बंद करें और इस रणनीति से पूरी तरह से दूर रहें। सिगरेट छोड़ने का एक निश्चय करें, और उस दिन से सिगरेट को हाथ भी न लगाएं।
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