“फिजियोथेरेपी” इस शब्द का जिकर आप सभी ने कभी ना कभी जरुर सुना होगा। यह एक प्रकार की तकनीक है जिसमें किसी प्रकार के चोट, बीमारी या डिसेबिलिटी के बाद बॉडी मूवमेंट और फंक्शन को वापस से रिस्टोर किया जाता है। इस प्रक्रिया को करने के लिए एक सर्टिफाइड फिजियोथेरेपिस्ट की आवश्यकता होती है, हर कोई फिजियोथैरेपी नहीं दे सकता। हालांकि, फिजियोथैरेपी के फायदे केवल शरीर तक ही सीमित नहीं हैं, यह आपके मेंटल हेल्थ को भी इंप्रूव करने में मदद करती है।
बहुत से लोगों को फिजियोथेरेपी के उचित प्रभाव और फायदों की की जानकारी नहीं होती, पर इसपर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पिंपरी, पुणे के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ सुल्तान रफाई से बात की। डॉक्टर ने बताया कि किस प्रकार फिजियोथैरेपी आपके मेंटल हेल्थ को फायदे (Physiotherapy benefits for mental health) प्रदान कर सकती है, तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।
फिजियोथेरेपी अक्सर शारीरिक सुधार और पुनर्वास से जुड़ी होती हैं, इसके लाभ सिर्फ शरीर तक ही सीमित नहीं हैं यह मस्तिष्क के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। फिजियोथैरेपी विशेष रूप से मस्तिष्क को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वास्थ्य देखभाल के लिए यह समग्र दृष्टिकोण शारीरिक और संज्ञानात्मक कल्याण के बीच संतुलन बनाए रखता है।
फिजियोथेरेपी में अनुरूप व्यायाम, तकनीक और हस्तक्षेप शामिल हैं जो समग्र स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को बढ़ावा देते हैं। जब व्यक्ति इन अभ्यासों में संलग्न होते हैं, तो उनका मस्तिष्क विभिन्न तरीकों से उत्तेजित होता है। सबसे पहले, प्रक्रिया कंसंट्रेशन और कोऑर्डिनेशन की मांग करती है, जो स्मृति और समस्या-समाधान जैसे संज्ञानात्मक स्किल्स को बढ़ावा देती है।
इसके अलावा, मस्तिष्क शारीरिक चुनौतियों को अपनाता है, तंत्रिका प्लास्टिसिटी को ट्रिगर करता है। वहीं यह मस्तिष्क की नए कनेक्शन को बनाने की क्षमता को बढ़ाता है। यह न्यूरोप्लास्टिसीटी संज्ञानात्मक विकास और चोटों के बाद रिकवरी की आधारशिला है।
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न्यूरोलॉजिकल स्थितियों या मस्तिष्क की चोट में, फिजियोथेरेपी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह मस्तिष्क को पुनः प्रशिक्षित करने में सहायता करती है, जिससे मरीज को खोए हुए मोटर स्किल्स, स्पीच और कॉग्निटिव फंक्शंस को वापस पाने में मदद मिलती है। शरीर और मस्तिष्क दोनों पर ध्यान केंद्रित कर, फिजियोथेरेपी व्यक्ति को स्वस्थ और पूर्ण, अधिक स्वतंत्र जीवन जीने में मदद करती है।
फिजियोथेरेपी स्वास्थ्य के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है, जो न केवल शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है। यह तालमेल समग्र स्वास्थ्य और पुनर्प्राप्ति की खोज में शारीरिक और संज्ञानात्मक कल्याण को एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित करता है।
क्रॉनिक पेन यानी कि लंबे समय से चला आ रहा शारीरिक दर्द मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हुए दिमागी बीमारी का कारण बन सकता है। डिप्रेशन और एंजायटी जैसी स्थितियां शारीरिक दर्द की स्थिति में अधिक और तेजी से ट्रिगर हो सकती हैं। ऐसे में फिजियोथेरेपी आपके क्रॉनिक पेन को काम करता है और आपको बेहतर महसूस करने में मदद करता है। इस प्रकार इसका शारीरिक प्रभाव आपके मस्तिष्क संबंधी परेशानियों को धीरे-धीरे कम कर देता है और आपकी स्थिति को शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही रूप से बेहतर बनाता है।
फिजियोथेरेपी एक एक्टिव एक्सरसाइज बेस्ड थेरेपी है, जिसमें व्यक्ति थेरेपी पूरा करने के बाद अधिक एक्टिव और एनर्जेटिक हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति को पैर या हाथ में चोट है और वह लंबे समय से स्थाई रह रहे हैं, ऐसे में फिजियोथेरेपी उन्हें एक्टिव होने में मदद करती है। जिससे कि वे शारीरिक गतिविधियों में भाग ले पाते हैं, जो की मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। शारीरिक गतिविधियां डिप्रैशन, एंजायटी जैसी मानसिक स्थितियों से उभरने में व्यक्ति की मदद करती है। इसके अलावा शारीरिक गतिविधियां सेल्फ सेटिस्फेक्शन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने से नींद की गुणवत्ता बढ़ जाती है साथ ही तनाव से राहत मिलता है। इतना ही नहीं स्टैमिना और ऊर्जा शक्ति में भी सुधार होता है और मूड बेहतर होता है। वहीं शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है। यह सभी स्थितियां मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने में आपकी मदद कर सकती हैं।
फिजियोथेरेपी मरीज को बेहतर होने और रिकवरी का होप देती है। यदि कोई व्यक्ति शारीरिक चोट का शिकार हो चुका है और उन्हें शारीरिक गतिविधियों को करने में कठिनाई होती है तो ऐसे में फिजियोथेरेपी उन्हें धीरे-धीरे एक्टिव होने में मदद करती है। वे अपनी बॉडी को मूव कर पाते हैं इससे मस्तिष्क को एक पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। जो आपको हार न मानने की हिम्मत देती है।
अक्सर मरीज बेड पर पड़े पड़े शारीरिक परेशानी के साथ-साथ मानसिक रूप से भी बीमार होने लगते हैं। ऐसे में फिजियोथेरेपी भावनात्मक और मानसिक दोनों रूप से आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकती है।
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