सर्वाइकल कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है पैप स्मीयर टेस्ट, एक्सपर्ट से जानिए क्यों है इसकी जरूरत

पैप स्मीयर टेस्ट न सिर्फ सर्वाइकल कैंसर का समय रहते पता लगाने में मदद करता है, बल्कि यह कैंसर का कारण बनने वाले अन्य ट्रिगर प्वॉइंट्स को समझने में भी विशेषज्ञों की मदद करता है।
Pap test kyu hai zaruri
प टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने और उसकी रोकथाम करने में मदद मिलती ही है। चित्र: अडोबी स्टॉक
Dr. Uday Bhaskar Rao Sirikonda Updated: 31 Jan 2023, 12:00 pm IST
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भारत में कैंसर पीड़ित महिलाओं का ग्राफ तेज़ी से बढ़ रहा है। आलम ये है कि 6 से 29 प्रतिशत महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से ग्रस्त हैं। सर्वाइकल कैंसर का शुरुआत में पता चलना सबसे ज्यादा मायने रखता है। दरअसल, शुरूआती दौर में इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है और इसके ठीक होने की संभावना रहती है। हालांकि, इसका पता नहीं चल पाने की स्थिति में सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकता है। इसका इलाज करना बेहद मुश्किल हो सकता है। आइए जानते है, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए पैप टेस्ट क्यों है ज़रूरी (Pap smear test for cervical cancer) ।

एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) जैसे टीकों का उपयोग करके सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है, जो सर्वाइकल कैंसर को जन्म देने वाले अलग.अलग प्रकार के एचपीवी से बचाने में मदद करता है। इस एक्सपर्ट आर्टिकल में डॉ उदय भास्कर राव सिरिकोंडा, लैब प्रमुख, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स बता रहे हैं। पैप टेस्ट की आवश्यकता के बारे में विस्तार से।

Cervical cancer ka khatra
20 साल की उम्र की महिलाओं के लिए समय.समय पर पैप टेस्ट कराने की जरूरत की एक बड़ी वजह उम्र है। अक्सर, इस उम्र में सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

जानिए कैसे सर्वाइकल कैंसर से बचाने में मददगार है पैप स्मीयर टेस्ट 

1. समय पर हो सकती है मर्ज की पहचान 

आमतौर पर 35 से 44 वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर अधिक पाया जाता
है। लिहाजा इस उम्र की महिलाओं के लिए पैप टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। हालाँकि, सर्वाइकल
कैंसर की वजह बनने वाले बदलावों की शुरुआत बहुत पहले से ही हो सकती है। इसी वजह से
महिलाओं को 21 साल की उम्र से ही समय.समय पर पैप टेस्ट जरूर कराना चाहिए।

20 साल की उम्र की महिलाओं को हर तीन साल में एक बार पैप कराने का सुझाव दिया जाता है। इससे उनकी सर्वाइकल कोशिकाओं में संभावित तौर पर होने वाले किसी भी तरह के बदलाव का पता लगाया जा सकता है। जिससे शुरुआती दौर में उसका इलाज करने में मदद मिल सकती है। इस तरह समय रहते कैंसर की रोकथाम की जा सकती है।

2. एचपीवी संक्रमण की पहचान 

20 साल की उम्र की महिलाओं के लिए समय.समय पर पैप टेस्ट कराने की जरूरत की एक बड़ी
वजह उम्र है। अक्सर, इस उम्र में कुछ प्रकार के संक्रमणों का खतरा अधिक होता है जिससे सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, ह्यूमन पैपिलोमावायरस एचपीवी यौन संपर्क की वजह से होने वाला संक्रमण है। जो सर्वाइकल कोशिकाओं में बदलाव और कैंसर का कारण बन सकता है।

अध्ययनों के नतीजे बताते हैं कि, दूसरे आयु वर्ग की महिलाओं की तुलना में 20 साल की महिलाओं में एचपीवी संक्रमण होने की संभावना ज्यादा होती है, जिसका मतलब यह है कि इस उम्र की महिलाओं को नियमित रूप से जांच करानी चाहिए क्योंकि उन्हें सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक हो सकता है।

3. पता चलती हैं कैंसर की अन्य वजह 

पैप टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने और उसकी रोकथाम करने में तो मदद मिलती ही है।
साथ ही इससे 20 साल की उम्र में महिलाओं के लिए समस्या पैदा करने वाली दूसरी वजहों का
पता लगाने में भी मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, पैप टेस्ट से संक्रमण अथवा यूटरिन
फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियोसिस जैसे विभिन्न कारणों से सर्वाइकल कोशिकाओं में होने वाले बदलाव
का पता लगाया जा सकता है।

इस तरह की समस्याओं का शुरुआत में ही पता लगाना ज़रूरी है। इससे 20 साल की उम्र की महिलाओं को अपने डॉक्टरों सलाह के अलावा लक्षण या जटिलताओं को कम करने में मदद मिल सकती है।

Cervical cancer se kaise bachein
20 साल की उम्र की महिलाएँ हर तीन साल में पैप टेस्ट करवाकरए प्रजनन स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को सहीण्सलामत बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकती हैं। चित्र अडोबी स्टॉक

चलते-चलते 

कुल मिलाकर देखा जाए, तो सबसे अहम बात यह है कि 21 से 29 वर्ष के बीच की महिलाओं को हर तीन साल में एक बार पैप टेस्ट करवाना चाहिए। इस टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने और उसकी रोकथाम में मदद मिल सकती है।

साथ ही इस आयु वर्ग की महिलाओं के लिए समस्या पैदा करने वाली दूसरी वजहों का पता लगाने में भी मदद मिल सकती है। 20 साल की उम्र की महिलाएँ हर तीन साल में पैप टेस्ट करवाकर, प्रजनन स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को सही.सलामत बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकती हैं।

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