उम्र के साथ, हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। महिलाएं विशेष रूप से ऑस्टियोपोरोसिस या एंडोक्राइन रोग जैसी स्थितियों के लिए अतिसंवेदनशील हो जाती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे- ख़राब जीवनशैली, जेनेटिक्स, आहार आदि। नए एडिथ कोवान विश्वविद्यालय (ईसीयू) के शोध के अनुसार, हर दिन सिर्फ एक कप पत्तेदार हरी सब्जियां खाने से मांसपेशियों की कार्यक्षमता बढ़ सकती है।
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित किए गए अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने सब्जियों से मुख्य रूप से नाइट्रेट युक्त आहार का सेवन किया, उनकी मांसपेशियों के कार्य में बढ़ोतरी हुई।
शोधकर्ताओं ने मेलबर्न के बेकर हार्ट एंड डायबिटीज इंस्टीट्यूट औसडायब में 12 साल की अवधि में 3,759 ऑस्ट्रेलियाई लोगों के डेटा की जांच की। उन्होंने पाया कि जो लोग अच्छी मात्रा में नाइट्रेट लेते हैं, उनकी मांसपेशियां 11% ज्यादा मजबूत थी उन लोगों की तुलना में जो लोग नाइट्रेट नहीं लेते हैं। साथ ही, 4 प्रतिशत तेज चलने की गति भी दर्ज की गई।
हरी सब्जियां कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो हड्डियों को मजबूती देता है। उनमें उच्च मात्रा में विटामिन K भी होता है जो मसल मास में सुधार के लिए आवश्यक है। ये हड्डियों में ओस्टियोकॉलिन के उत्पादन के लिए आवश्यक है।
ईसीयू के इंस्टीट्यूट फॉर न्यूट्रिशन रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. मार्क सिम ने कहा कि ”हमारे अध्ययन से पता चला है कि नाइट्रेट युक्त सब्जियों में उच्च आहार किसी भी शारीरिक गतिविधि के मुकाबले आपकी मांसपेशियों की ताकत को बढ़ा सकता है।”
वे कहते हैं कि ”हरी सब्जियां मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से हड्डियों की शक्ति आगे की जिंदगी में बेहद काम आती है। हम फिर भी रोज़ एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।
डॉ. सिम कहते हैं कि “हमें हर दिन विभिन्न प्रकार की सब्जियां खानी चाहिए। कम से कम उन में से एक पत्तेदार साग होना ही चाहिए, जो मस्कुलोस्केलेटल और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम के लिए बेहद ज़रूरी है।”
शोध में पाया गया कि नाइट्रेट युक्त सब्जियां, जैसे लेट्यूस, पालक, केल और चुकंदर ने भी सबसे बड़ा स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया।
हरी पत्तेदार सब्जियां आंखों के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं। पत्तेदार साग में आवश्यक कैरोटिनॉइड होते हैं जिन्हें ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन कहा जाता है। ये आंखों के महत्वपूर्ण घटक हैं जो ब्लू लाइट द्वारा क्षति को रोकते हैं।
ये चयापचय में सुधार कर पाचन तंत्र दुरुस्त रखती हैं। इनमे फाइबर और आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाकर मेटाबोलिज्म सुधारती हैं।
शरीर में आयरन के निम्न स्तर के परिणामस्वरूप ऊर्जा की कमी हो सकती है। पत्तेदार साग जैसे केल, ब्रोकली और पालक लोहे के उत्कृष्ट स्रोत हैं। वे विटामिन-C से भी समृद्ध हैं जो आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के अलावा इम्यूनिटी को भी बढ़ा सकते हैं।
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