सालों से ऑलिव ऑयल का प्रयोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को बनाने में होता चला आ रहा है। खासकर इसका इस्तेमाल मेडिटरेनियन डाइट और यूरोपियन व्यंजनों को बनाने में किया जाता है। परंतु अपने पोषक तत्वों एवं स्वास्थ्य लाभ को लेकर अब यह सभी जगहों पर प्रचलित होता जा रहा है। ऑलिव ऑयल का कलर और फ्लेवर अलग अलग हो सकता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह कितना एसिडिक है। वही अन्य ऑयल जैसे कि सीट्स, नट्स और ग्रेन्स से निकाले जाते हैं ठीक उसी तरह ऑलिव ऑयल फल से निकाला जाता है। यदि आप कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज से बचना चाहती हैं, तो अपनी डाइट में ऑलिव ऑयल (Olive oil for heart health) जरूर शामिल करें।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित डाटा के अनुसार ऑलिव ऑयल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई और विटामिन के पाए जाते हैं। वहीं यह एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत होता है, जो कि इन्फ्लेमेशन और लंबे समय से चली आ रही बीमारी से निजात पाने में मदद करते है। ऑलिव ऑयल में मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट की बात करें तो उसके अनुसार मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड हार्ट हेल्थ के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती हैं। इसके साथ हार्ट से जुड़ी लगभग सभी बीमारियों से प्रोडक्ट करती हैं।
साइंसडायरेक्ट फार्मोकोलॉजिकल रिसर्च द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार ऑलिव ऑयल में मौजूद पोषक तत्व दिल से जुड़ी बीमारियों में कई तरह से फायदेमंद हो सकते हैं। यह इन्फ्लेमेशन को कम करता है और शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी नियंत्रित रखता है।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार एंटी इन्फ्लेमेटरी इनग्रेडिएंट्स का कंजंक्शन कैंसर की संभावना को कम कर देता है। ऑलिव ऑयल में भी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है। वही ऑलिव ऑयल में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कैंसर पैदा करने वाली ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2011 में किए गए एक रिव्यु के अनुसार ऑलिव ऑयल का कंसम्पशन ब्रेस्ट कैंसर ऑल डाइजेस्टिव सिस्टम मैं होने वाले कैंसर की संभावना को बहुत कम कर देता है।
कई स्टडीज का कहना है कि बॉडी में यदि सीआरपी (c-reactive protein) लेवल हाई हो तो इंफ्लामेशन होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को अपनी डाइट में शामिल करें, इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड जैसे कि ओलियोकैंथल सीआरपी लेवल को कम करते हैं। ऑलिव ऑयल का सेवन शरीर में इन्फ्लेमेशन को बढ़ने से रोकता है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार अल्जाइमर दुनिया का सबसे कॉमन न्यूरोजेनरेटिव डिजीज है जो कि आगे चलकर डिमेंशिया जैसी बीमारी का कारण बन सकता है। पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार अल्जाइमर ब्रेन में बीटा एमाइलॉयड नामक प्रोटीन को बिल्ड कर देता है। ऐसे में स्टडीज की माने तो ऑलिव ऑयल से युक्त पदार्थों का सेवन डिमेंशिया होने की संभावना को कम कर देता है। परंतु अभी इस बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गई है।
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