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इन 3 तरह से आपके जोड़ों और बोन हेल्थ को प्रभावित कर सकता है मोटापा

मोटापा ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, तनाव, हृदय तथा किडनी से जुड़ी समस्यायों का कारण होने के साथ ही आपकी कमजोर हड्डियों का भी कारण हो सकता है। जानिए मोटापे से होने वाली ओस्टियो अर्थराइटिस से लेकर रूमेटॉयड अर्थराइटिस तक के प्रभाव।
Updated On: 29 Oct 2023, 08:23 pm IST
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Osteoporosis mahila aur purush donon ko hota hai.
बुजुर्ग लोगों में और मेनोपॉज की उम्र तक पहुंच चुकी महिलाओं में पाई जाती है। 50 की उम्र के बाद हड्डियों में कैल्शियम सिमटने लगता है। चित्र: शटरस्टॉक

ओबेसिटी में व्यक्ति के शरीर पर अनहेल्दी फैट जमा हो जाता है। फैट की मात्रा ज्यादा होने से वजन बढ़ने जैसी समस्या सामने आती हैं। बड़े, बूढ़े से लेकर बच्चे भी इसके शिकार होते जा रहे हैं। मोटापे के कारण हाइ ब्लड प्रेशर, हृदय तथा किडनी से जुड़ी समस्या, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और तनाव जैसे स्वास्थ्य जोखिमों का खतरा बढ़ जाता है। यही नही मोटापा खुद एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, साथ ही आपकी हड्डियों को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

ज्यादातर गठिया, जोड़ों के दर्द, कमजोर हड्डियां और सूजन जेसी समस्याओं से ग्रसित लोग मोटापे के शिकार होते हैं। सात में से एक बच्चा मोटापे से पीड़ित हैं। वहीं आजकल बहुत कम उम्र में ही हड्डियों से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं। जिसका कारण कहीं न कहीं आपका मोटापा हो सकता है। आपकी हड्डियां जितना वजन उठा सकती है, यदि आपका वजन उससे ज्यादा है तो हड्डियां आपका वजन संभाल नहीं पाती और कमजोर हो जाती हैं। हम बात करेंगे मोटापा किस तरह स्वस्थ हड्डियों को नुकसान पहुंचता है।

मोटापे से हड्डियों में होती हैं ये समस्याएं

टेंडोनाइटिस
बर्साइटिस
सूजन
लालिमा
घुटनों में दर्द
कोहनी में दर्द
कमर के निचले हिस्से में दर्द
नसों में जकड़न

motape se hoti hai pith dard ki samsya
मोटापे से हो सकता है पीठ में दर्द। चित्र शटरस्टॉक।

जानिए बढ़ते वजन से होने वाली हड्डियों से जुड़ी बीमारियों के नाम

1 जोड़ों से जुड़ी समस्याएं

पब मेड के एक रिसर्च में देखा गया कि मोटापा जॉइंट्स से जुड़ी कई समस्याओं का कारण होता है। यदि आप मोटापे से ग्रसित हैं तो बढ़ती उम्र के साथ यह समस्याएं और ज्यादा बढ़ती जाती हैं। ओस्टियो अर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया के आम प्रकारों में से एक हैं। यह जोड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

बढ़ती उम्र में ओस्टियो अर्थराइटिस होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। यह आमतौर पर हाथ, घुटने, कमर और रीढ़ के जोड़ो को प्रभावित करता हैं। जबकि रूमेटॉयड अर्थराइटिस ऑटो इम्यून डिजीज है। इससे जोड़ों में सूजन की समस्या पैदा होती है, जिसके कारण असहनीय दर्द हो सकता है। मोटापे से ग्रसित लोगो में इन समस्याओं के होने की संभावना आम लोगों से कई गुना ज्यादा होती हैं।

2 ओस्टियो अर्थराइटिस की समस्या

ओस्टियो अर्थराइटिस की समस्या हड्डियों से जुड़ी बीमारियों में से एक है। यह अत्यधिक मोटापे के कारण उत्पन्न हो सकती है। यह समस्या हड्डियों को जोड़े रखने वाले कार्टिलेज को धीरे-धीरे खराब कर देती है। कार्टिलेज जॉइंट में पाए जाने वाला एक टिश्यू है, जो जॉइंट मोशन को नियंत्रित रखता है। यदि कार्टिलेज पूरी तरह खराब हो जाए तो जोड़ों की हड्डियां सीधा एक दूसरे से टकराएंगी। ओस्टियो अर्थराइटिस हड्डियों के आकार में भी बदलाव कर सकता है। साथ ही हड्डी और मांसपेशियों को जोड़े रखने वाले टिश्यू को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।

over weight se hoga jodo mein dard
मोटापे से होता है जोड़ों में दर्द। चित्र : शटरस्टॉक

3 रूमेटॉयड अर्थराइटिस

पब मेड द्वारा किये गए एक रिसर्च में देखा गया कि रूमेटॉयड अर्थराइटिस से ओस्टियो अर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। यह आमतौर पर आपके इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है। ऐसे में आपका इम्यून सिस्टम जॉइंट्स के हेल्दी टिश्यू के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जोड़ों की समस्या के साथ यह आपके हार्ट, लंग्स, नर्वस और स्किन को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।

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यह जोड़ों में सूजन पैदा करता है, जिसके कारण लोगों को असहनीय दर्द महसूस होता है। साथ ही बोन इरोजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो, रूमेटॉयड अर्थराइटिस की समस्या जीवन भर के लिए अपाहिज बना सकती है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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