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मोटापा भी हो सकता है आपके जल्दी-जल्दी बीमार होने का कारण, हम बता रहे हैं कैसे

यदि आप ओबेसिटी की शिकार हैं, तो सावधान हो जाइए। यह आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर रहा है।
Updated On: 29 Oct 2023, 08:22 pm IST
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cancer ka karan ban sakta hai motapa
मोटापा कैसे कैंसर का कारण बनता है। चित्र : शटरस्टॉक

कोविड-19 (COVID-19) के कारण दुनिया भर में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी हैं। पिछले 2 सालों में कोविड-19 ने उन लोगों को सबसे अधिक प्रभावित किया, जो मोटापे से पीड़ित थे। दरअसल मोटापा हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है। इसकी वजह से हमें कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। मोटापे के कारण पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक होती हैं। और यह आपके जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने का भी कारण हो सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे मोटापा आपकी इम्युनिटी (Obesity effect on immunity) को प्रभावित करता है।

क्या कहती है स्टडी

साल 2020 में यूरोपीय देशों में कोविड-19 के कारण मोटे लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए। मरने वालों में भी उनकी संख्या अधिक थी। अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में किए गए रिसर्च के अनुसार, ओबेसिटी अपने-आप में एक जटिल बीमारी है। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और वे इन्फेक्शन के अधिक शिकार होते हैं। लेकिन मोटापे को एक कारक जरूर माना गया।

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इस बारे में क्या कहते हैं डॉक्टर?

इस संबंध में हमने बात की पुणे के आदित्य बिड़ला हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ. रंजीत कुमार यादव से। डॉ. रंजीत ने बताया कि जब मोटापे से ग्रस्त लोग हॉस्पिटलाइज होते हैं, तो अक्सर देखा जाता है कि उनमें इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है।

वे इंफेक्शन के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों जैसे कि सेप्सिस, न्यूमोनिया, बैक्टरीमिया आदि रोगों के शिकार हो जाते हैं। यदि उन्हें किसी शारीरिक समस्या के कारण कैथेटर लगा होता है, तो उसके कारण उन्हें इंफेक्शन और घाव भी अधिक होते हैं।

जल्दी होता है वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन

मोटे लोगों को बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। मोटापे के कारण डायबिटीज, हर्ट डिजीज, हाई ऐंड लो ब्लड प्रेशर की समस्या, स्लीपिंग डिसऑर्डर जैसे रोग भी हो जाते हैं। इन सभी रोगों से हमारा इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है और हमारा शरीर कमजोर हो जाता है।

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हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के प्रति रेस्पॉन्स

मोटापे से ग्रस्त लोगों में यह भी देखा गया है कि उनमें हेपेटाइटिस बी वैक्सीन का रेस्पॉन्स रेट कम होता है। इसका मतलब साफ है कि उनके शरीर में एंटीबॉडीज का प्रॉडक्शन उतना नहीं हो पाता है, जितना रोग से लड़ने के लिए होना चाहिए।

व्हाइट एडिपोज टिश्यू का हायर लेवल

मोटे लोगों में व्हाइट एडिपोज टिश्यू का लेवल हाई होता है। व्हाइट एडिपोज टिश्यू का प्रमुख काम है इन्फ्लेमेटरी प्रोसेस को रेगुलेट करना। जब यह अधिक मात्रा में मौजूद होता है, तो क्रोनिक इन्फ्लामेशन के कारण बॉडी किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से लड़ नहीं पाता है।

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अधिक होता है हार्ट डिजीज का जोखिम

शरीर में फैट अधिक जमा होने केे कारण साइटोकिंस अधिक मात्रा में बनने लगते हैं। जो आर्टरीज की दीवारों को मोटा बना देते हैं। इससे ब्लड फ्लो में समस्या पैदा होती है और कई हार्ट डिजीज का जोखिम भी बढ़ जाता है। मोटापे के कारण टाइप 2 डायबिटीज भी हो जाता है, जो सीधे-सीधे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है।

सही डाइट, पानी और एक्सरसाइज है मोटापे से बचने का मूलमंत्र

डाइट और एक्सरसाइज इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं। यदि हेल्दी डाइट लिया जाए और नियमित तौर पर व्यायाम किया जाए, तो बॉडी वेट लॉस करता है। खानपान पर ध्यान देने से निश्चित तौर पर बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ती है। अपने भोजन में विटामिन बी-6, विटामिन सी और विटामिन ई को शामिल करें।

साथ ही खूब फिजिकल एक्सरसाइज करें। दिन भर में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीएं। पानी न सिर्फ शरीर की गंदगी को बाहर निकालता है, बल्कि रोगों सेे लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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