कोविड-19 (COVID-19) के कारण दुनिया भर में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी हैं। पिछले 2 सालों में कोविड-19 ने उन लोगों को सबसे अधिक प्रभावित किया, जो मोटापे से पीड़ित थे। दरअसल मोटापा हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है। इसकी वजह से हमें कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। मोटापे के कारण पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक होती हैं। और यह आपके जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने का भी कारण हो सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे मोटापा आपकी इम्युनिटी (Obesity effect on immunity) को प्रभावित करता है।
साल 2020 में यूरोपीय देशों में कोविड-19 के कारण मोटे लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए। मरने वालों में भी उनकी संख्या अधिक थी। अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में किए गए रिसर्च के अनुसार, ओबेसिटी अपने-आप में एक जटिल बीमारी है। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और वे इन्फेक्शन के अधिक शिकार होते हैं। लेकिन मोटापे को एक कारक जरूर माना गया।
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इस संबंध में हमने बात की पुणे के आदित्य बिड़ला हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ. रंजीत कुमार यादव से। डॉ. रंजीत ने बताया कि जब मोटापे से ग्रस्त लोग हॉस्पिटलाइज होते हैं, तो अक्सर देखा जाता है कि उनमें इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है।
वे इंफेक्शन के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों जैसे कि सेप्सिस, न्यूमोनिया, बैक्टरीमिया आदि रोगों के शिकार हो जाते हैं। यदि उन्हें किसी शारीरिक समस्या के कारण कैथेटर लगा होता है, तो उसके कारण उन्हें इंफेक्शन और घाव भी अधिक होते हैं।
मोटे लोगों को बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। मोटापे के कारण डायबिटीज, हर्ट डिजीज, हाई ऐंड लो ब्लड प्रेशर की समस्या, स्लीपिंग डिसऑर्डर जैसे रोग भी हो जाते हैं। इन सभी रोगों से हमारा इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है और हमारा शरीर कमजोर हो जाता है।
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मोटापे से ग्रस्त लोगों में यह भी देखा गया है कि उनमें हेपेटाइटिस बी वैक्सीन का रेस्पॉन्स रेट कम होता है। इसका मतलब साफ है कि उनके शरीर में एंटीबॉडीज का प्रॉडक्शन उतना नहीं हो पाता है, जितना रोग से लड़ने के लिए होना चाहिए।
मोटे लोगों में व्हाइट एडिपोज टिश्यू का लेवल हाई होता है। व्हाइट एडिपोज टिश्यू का प्रमुख काम है इन्फ्लेमेटरी प्रोसेस को रेगुलेट करना। जब यह अधिक मात्रा में मौजूद होता है, तो क्रोनिक इन्फ्लामेशन के कारण बॉडी किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से लड़ नहीं पाता है।
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शरीर में फैट अधिक जमा होने केे कारण साइटोकिंस अधिक मात्रा में बनने लगते हैं। जो आर्टरीज की दीवारों को मोटा बना देते हैं। इससे ब्लड फ्लो में समस्या पैदा होती है और कई हार्ट डिजीज का जोखिम भी बढ़ जाता है। मोटापे के कारण टाइप 2 डायबिटीज भी हो जाता है, जो सीधे-सीधे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है।
डाइट और एक्सरसाइज इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं। यदि हेल्दी डाइट लिया जाए और नियमित तौर पर व्यायाम किया जाए, तो बॉडी वेट लॉस करता है। खानपान पर ध्यान देने से निश्चित तौर पर बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ती है। अपने भोजन में विटामिन बी-6, विटामिन सी और विटामिन ई को शामिल करें।
साथ ही खूब फिजिकल एक्सरसाइज करें। दिन भर में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीएं। पानी न सिर्फ शरीर की गंदगी को बाहर निकालता है, बल्कि रोगों सेे लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है।
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