मानसून में जब हम त्वचा संक्रमण (Skin infection) , पेट की बीमारियों (Stomach diseases) और अन्य समस्याओं से जूझ रहे होते हैं, तभी प्रकृति हमें एक ऐसा फल देती है, जिसके सेवन से इन सभी समस्याओं से बचा जा सकता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं नीम के फल (Neem Fruit) यानी निंबोलियों (Nimboli) की। अपने औषधकीय गुणों के कारण नीम का पेड़ बहुत खास माना जाता है। पर आज हम इस पर लगने वाले छोटे से फल निंबोलियों के सेवन से होने वाले फायदे पर बात करेंगे।
बरसात के मौसम में नीम के पेड़ पर गुच्छों में यह छोटा सा फल देखा जा सकता है। पीले रंग का यह फल एक अनोखे स्वाद वाला बेहद खास फल होता है।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर भावुक मित्तल के अनुसार नीम के पेड़ का प्रत्येक भाग, चाहे वह पत्ते, टहनियां, छाल, बीज, जड़, फल या फूल हों, का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचार में सूजन, बुखार संक्रमण, त्वचा रोग और दंत विकारों से लेकर कई मुद्दों के लिए किया जाता है।
एंटीबैक्टीरियल, एंटीकार्सिनोजेनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीसेप्टिक, एंटीमाइरियल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर, नीम आपकी लगभग सभी स्वास्थ्य चिंताओं के लिए एक बेहतरीन औषधि है।
अगर आप मानसून के मौसम में नीम की निंबोली का सेवन करती हैं या फिर नीम के पत्तों से नहाती हैं तो आपके शरीर में बैक्टेरिया या इन्फेक्शन आदि के प्रवेश करने का रिस्क काफी कम हो जाता है। नीम के हर पदार्थ में एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं जो आपकी स्किन में बैक्टीरिया की ग्रोथ होने से बचाता है।
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अगर आपको कहीं चोट लग गई है तो उस छेद से बैक्टीरिया आपकी स्किन के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। जिस कारण आप इंफेक्शन का शिकार हो सकती हैं। लेकिन अगर आप वहां पर निंबोली का लेप लगा लेती हैं और साथ ही सेवन भी करती हैं, तो बैक्टीरिया को अंदर घुसने का रास्ता नहीं मिल पाता। नीम में वाउंड हीलिंग गुण भी होते हैं जो आपके घाव को जल्द से जल्द ठीक होने में मदद करते हैं।
अगर आप अपनी स्किन के लिए किसी एंटी एजिंग सुपरफूड को ढूंढ रहीं हैं, तो निंबोली आपके काम आ सकती है। इसमें एंटी एजिंग इफेक्ट्स होते हैं। जो आपकी स्किन को बूढ़ा होने से तो बचाते ही हैं साथ में यह गुण आपकी स्किन को सूर्य द्वारा होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं।
अगर आप नीम की किसी चीज को अपनी स्किन पर पैक के रूप में अप्लाई करती हैं या निंबोलियो को खाती हैं तो इससे आपको रिंकल से मुक्ति मिलेगी। आपकी स्किन टाइट होगी, स्किन से लालपना खत्म होगा और स्किन से वॉटर लॉस की समस्या भी नहीं देखने को मिलेगी।
अगर आपको एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्किन स्थितियां हैं, तो इसमें भी निंबोली का सेवन करना आपके लिए काफी लाभदायक हो सकता है। यह आपकी स्किन को अंदर से पोषण देती हैं और खून साफ करती हैं। जिससे स्किन पर होने वाली इस तरह की समस्याओं से निजात मिलती है।
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कस्टमाइज़ करेंमुंह में होने वाले छाले या माउथ अल्सर पेट की खराबी के कारण होते हैं और बहुत ही कष्टदायक होते हैं। पर जब आप निंबोलियों का सेवन करती हैं तो इसका मीठा स्वाद और गुण माउथ अल्सर को कम करने में मदद करते हैं।
अपने औषधियों गुणों के कारण नीम फल या निंबोलियां बहुत ही खास होती हैं। पर अगर आप प्रेगनेंट महिला हैं, या आपको किडनी और लीवर की समस्या है, तो आप को इस का सेवन नहीं करना चाहिए।
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