अक्सर छोटे बच्चों में दांत से नाखून छाबते रहने की समस्या देखने को मिलती है। वहीं यदि इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह बड़े होने के बाद भी आदत में शामिल हो जाती है। वहीं कई बार बड़े उम्र के व्यक्ति में भी यह समस्या देखने को मिलती है। जो सेहत के लिए नुकसानदेह होने के साथ ही सामाजिक रुप से भी शर्मिंदगी का कारण बनती है। लोग इसे गंभीरता से नही लेते परंतु असल में यह एक गंभीर समस्या। इसलिए आज हम आपकी जानकारी के लिए लेकर आए हैं इस समस्या से जुड़े कुछ जरूरी तथ्य। जानेंगे इससे होने वाले नुकसान साथ ही इससे बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय।
दांतों से नाखून चबाने से टीथ इनेमल कम होने लगता है। ऐसे में यह दांतों की सेंसटिविटी का कारण बनता है। और दांत कमजोर होने लगते हैं।
आपके नाखून के अंदर डर्ट और माइक्रोऑर्गेनिज्म छिपे होते हैं। ऐसे में दांत से नाखून चबाने से बैक्टीरिया मसूड़ों को संक्रमित कर देता है और यह मसूड़ों के सूजन का कारण बनता है।
नाखून चबाने की आदत से समय के साथ आपके दांत जगह से घिसकने लगते हैं। ऐसे में इसके कारण मलोकलुजन यानी कि दांतों के बीच असामान्यता नजर आने लगती है। साथ ही दो दांतों के बीच का गैप भी बढने लगता है।
नियमित रूप से दांत से नाखून चबाने की आदत से आप अपने दांत को दूसरे दांतो से पीसना शुरू कर देती हैं। वहीं यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि आपके तमाम कोशिशों के बाद भी इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण इनेमल एरोजन और दातों में कीड़े लगने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं जबड़ों में दर्द महसूस होता रहता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार यह आदत बैक्टीरिया, फंगस और वायरस जैसे अन्य सभी संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं से शरीर एवं त्वचा को होने वाले नुकसान की संभावना को बढ़ा देती है। ऐसे में नाखून के आसपास की त्वचा जैसे कि क्यूटिकल्स सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। टीथ बाइटिंग की आदत इनग्रोन नेल्स का कारण बनती है। इसके साथ ही नाखून के आसपास की स्किन से खून निकलना भी बिल्कुल आम है। इतना ही नहीं क्यूटिकल एरिया में सूजन और दर्द रहता है। साथ ही नाखून और आसपास की त्वचा काफी मोटी होने लगती है। इसी के साथ नाखून का ग्रोथ भी कम हो जाता है और कभी खबर नाखून बेजान पड़ने लगते हैं और कुछ समय के बाद स्किन से अलग हो जाते हैं।
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अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन ने नाखून चबाने की बुरी आदत को छोड़ने के कुछ प्रभावी उपाय सुझये हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
नाखून को समय-समय पर ट्रिम करती रहें। जब नाखून छोटे रहेंगे तो इसे चबाने में मुश्किल आएगी और दर्द महसूस होगा।
इस नेल पॉलिश को आमतौर पर नाखून चबाने वाले व्यक्ति की आदत को छुड़वाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं यह अधिकांश मेडिकल शॉप पर उपलब्ध होती है। ऐसे में यदि आपके बच्चे और परिवार में किसी को भी यह आदत है तो आप इस नेल पॉलिश का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंयदि आपको नाखून चबाने की बुरी आदत है वहीं जब आप इसे कंट्रोल करना चाहती हैं तो आपको बेचैनी महसूस होती है। ऐसे में जिस वक्त आपको नाखून चबाने की क्रेविंग्स हो, तो आप स्ट्रेस बॉल से खेल सकती हैं। या अपने मन पसंदीदा स्नैक्स खा सकती हैं। इसके साथ ही कई अन्य ऐसी गतिविधियां भी हैं जो आपके हाथ को आपके मुंह से दूर रखने में मदद करेंगी।
आमतौर पर बच्चे इसे अपनी आदत बना लेते हैं। परंतु बढ़ती उम्र के साथ कई बार एंग्जाइटी, किसी का डर और स्ट्रेस उनकी इस आदत को ट्रिगर करने लगती हैं। वहीं यह बड़ो पर भी लागू होती है। इसलिए सबसे जरूरी है अपने ट्रिगर्स को पहचानना और जब आप इन्हें पहचान लें तो ऐसी स्थिति में अपने हाथों को अन्य चीजों में व्यस्त रखने की कोशिश करें। ताकि आपके हाथ आपकी दांतो तक न पहुंच पाएं।
आमतौर पर इस आदत को एक दिन में छोड़ना मुश्किल है। वहीं यदि यह आदत आपके बच्चे को है तब तो इसे अवॉयड करना और भी ज्यादा कठिन होता है। ऐसे में अपनी सुरक्षा के लिए हाथ एवं नाखून को अच्छी तरह साफ रखें। साथ ही बच्चों के हाइजीन के प्रति अधिक सचेत रहने की जरूरत है। वहीं यदि आप चाहे तो नेल बाइटिंग को अवॉयड करने के लिए ग्लोव्स पहन कर रख सकती हैं।
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