अगर आप वर्क फ्रॉम होम कर रहीं हैं तो निश्चित ही आपने घड़ी देखना छोड़ दिया होगा। लॉकडाडन और वर्क फ्रॉम होम ने न सिर्फ वर्किंग डेज और वीकेंड्स का भेद मिटा दिया है। बल्कि इससे कई बार आप यह भी भूल जाती हैं कि आप कितनी देर से एक ही जगह पर लगातार बैठी हैं।
हो सकता है कि आप काम को एन्जाॅय करती हों और थकावट भी न महसूस होती हो। लेकिन आपका शरीर थकता है और उसक दुष्प्रभाव शरीर के कई हिस्सों पर नजर आता है। इसलिए जरूरी है कि इन परेशानियों से पहले ही आप ये जान लें कि कब आपको कुर्सी छोड़ कर उठ जाना है।
एक ही जगह पर बैठे रहना यानी शारीरिक निष्क्रियता न केवल आपके वजन में इजाफा करती है, बल्कि यह आपकी उम्र पर भी असर डालती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसीन के एक अध्ययन में पाया गया कि लंबे घंटों तक बैठे रहना महिलाओं में असमय मृत्यु का जोखिम बढ़ा देता है।
अध्ययन में सामने आया कि महिलाओं को काम करने, ड्राइविंग करने, सोफे पर लेटने, टीवी देखने या अन्य गतिहीन कामों में लगे रहने के अधिक घंटे, हृदय रोग और कैंसर को बढ़ावा दे सकते है। जबकि जो महिलाएं नियमित रूप से व्यायाम करती हैं और ज्यादा सक्रिय रहती हैं, उनकी आयु में बढ़ोतरी होती है।
अपने वर्कप्लेस के वर्किंग आवर जानने के साथ ही आपको अपने शरीर के वर्किंग आवर भी पता होने चाहिए। कई शोधों से सिद्ध हुआ है कि जो व्यक्ति एक ही जगह पर पूरा दिन बैठे रहते हैं वो कई बीमारियों को निमंत्रण देते हैं।
कितना बैठना है ज्यादा बैठना . चित्र: शटरस्टॉकऐसा सामने आया है कि जो लोग 4 घंटे से कम बैठते है वे: लो रिस्क की श्रेणी में आते हैं।
तो वही दिन में 4 से 8 घंटे बैठना: मीडियम रिस्क की श्रेणी में और 11 घंटे से ज्यादा बेठना: हाई रिस्क में।
अगर आप मीडियम रिस्क श्रेणी में हैं, तो भी आपको सावधान हो जाना चाहिए। शारीरिक निष्क्रियता तोड़ने के लिए जरूरी है कि आप अपने दैनिक जीवन में इन उपायों को आजमाएं।
दंत चिकित्सक आपके दांतों को एक बार में दो मिनट, दिन में दो बार और रोज़ाना ब्रश करने की सलाह देते हैं। पांच मिनट तक आप साइड लेग लिफ्ट्स, स्क्वाट्स या सिर्फ चल सकती हैं। ताकि, अपने घर में आपके पैरों की थोड़ी कसरत हो जाये।
अपने स्मार्टफोन पर अलार्म सेट करें और इसे दिन के दौरान हर 30 से 60 मिनट के लिए बंद करने के लिए सेट करें। जब यह बजेगा तो आप उठकर कुछ देर चलेंगी, एक-दो घर के काम करें जिससे आपके पैरों की समय-समय पर एक्सरसाइज़ हो सके।
जब भी आप फोन पर हों, खड़े होने की आदत डालें। बात करते समय घर में या बाहर, हो सके तो चलने की कोशिश करें। यदि आप फोन पर 10 मिनट या उससे अधिक समय तक रहती हैंं, तो आपके मित्र या परिवार के सदस्य के साथ एक वार्तालाप एक त्वरित कसरत में बदल सकता है।
सुबह तैयार होने के दौरान मेकअप टेबल पर बैठने के बजाय, खड़ी हो जाएं। वैकल्पिक रूप से बैठे और फिर बार-बार खड़ी होकर मेकअप करें। इससे आप तैयार भी हो जाएंगी और पैरों की कसरत भी हो जाएगी।
प्रत्येक दिन 10 से 15 मिनट के लिए, अपनी कुर्सी के बजाय एक एक्सरसाइज़ बॉल पर बैठें। यह आपको अपने शरीर को स्थिर करने के लिए, मुख्य मांसपेशियों का उपयोग कर, मजबूत करेगा और आपकी शारीरिक मुद्रा को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
यहां आपको अपना टीवी समय देने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसका बेहतर उपयोग करें।| जब भी ब्रेक आये तो लेग लिफ्ट, बाइसेप्स या ट्राइसेप्स कर्ल या क्रंचेज करें। ऐसा करने से एक घंटे के शो के अंत तक, आप 20 मिनट की कसरत पूरी कर सकते हैं।
पड़ोसी को बुलाने या सहकर्मी को फोन करने के लिए, फोन उठाने के बजाय, उनसे खुद मिलने चली जाएं। रिश्ते भी बन जायेंगे और कसरत भी हो जाएगी।
आप जहां भी जा रही हैं, वहां हमेशा सबसे लंबा रास्ता चुनें। सबसे दूर के सुपरमार्केट स्थान पर, या गाड़ी को मॉल से दूर पार्क करें, ताकि आप थोड़ा चल सकें।
अंत में हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि अगर पैरों को कसरत करवानी है तो काम करने के बहाने ढूंढें। बिना वजह बैठे रहने से आप ज्यादा थकान महसूस करेंगी और यह आपके शरीर के लिए भी घातक हो सकता है।