हमारें शरीर को स्वस्थ बनाएं रखने के लिए आयरन एक बेहद आवश्यक मिनरल है। इसकी कमी के कारण खून में हीमोग्लोबिन की कमी भी हो सकती है और हीमोग्लोबिन की कमी शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होने का कारण भी हो सकती है। जिससे एनिमिया जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा बनने लगता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वयस्कों की तरह बच्चों के लिए भी आयरन की सही मात्रा का होना बेहद आवश्यक है। अन्यथा आयरन की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि बच्चों की डाइट में आयरन की कितनी मात्रा होनी चाहिए? नहीं, तो परेशान न हों हेल्थ शॉट्स के इस लेख में आज हम आपको बताएंगे कि बच्चों की डाइट में आयरन क्यों और कितना आवश्यक है?
सही ग्रोथ और मजबूत शरीर के लिए बच्चों की डाइट में आयरन की सही मात्रा जरूर होनी चाहिए। जानिए आयरन की कमी बच्चों के लिए किस प्रकार नुकसानदायक हो सकती है –
आयरन एक आवश्यक तत्व है, जो मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों की सही ग्रोथ में मदद करता है। मायों क्लिनिक के मुताबिक बच्चों में आयरन की कमी उनकी ग्रोथ में रुकावट ला सकती है, जिसके कारण उन्हें एनिमिया होने का खतरा भी हो सकता है।
इम्युनिटी सिस्टम स्वस्थ बनाएं रखने के लिए सभी पोषक तत्वों का होना आवश्यक है। क्योंकि एक बेहतर इम्युनिटी सिस्टम ही बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है।
पबमेड सेंट्रल की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि आयरन की कमी बच्चे के इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने का कारण हो सकती है। इसके कारण बच्चें को कोल्ड या फ्लू होने का खतरा बना रहता है।
शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास के लिए भी आयरन बेहद आवश्यक है। पबमेड सेंट्रल की एक अन्य रिसर्च के अनुसार आयरन की कमी बच्चें के ब्रेन पर असर डाल सकती है। इसके कारण बच्चें को कुछ भी सीखने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही उनकी मोटर स्किल्स की ग्रोथ में भी कमी आ सकती है।
ऑफिस ऑफ डायट्री सप्लिमेंट के अनुसार अगर बच्चे की उम्र 1 से 3 साल के बीच है, तो उसकी डेली डाइट में 7 मिलीग्राम तक आयरन होना जरूरी है। वही अगर बच्चें की उम्र 4 से 8 साल के बीच है, तो आयरन की मात्रा 10 मिलीग्राम तक होनी चाहिए।
इसके साथ ही 9 से 13 साल की उम्र तक मात्रा करीब 8 मिलीग्राम तक होनी चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि आयरन की ज्यादा मात्रा भी बच्चे के लिए नुकसानदेह हो सकती है, इसलिए 14 साल की उम्र तक बच्चें को 40 मिलीग्राम से ज्यादा आयरन नही देना जरूरी है।
मां के दूध का सेवन करने वालें बच्चें को 6 महीने की उम्र तक मां के दूध से आयरन मिल जाता है लेकिन उसके बाद धीरे धीरे डाइट में आयरन देना आवश्यक होता है।
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मौसम के सभी फल और सब्जियों को डाइट में देने के साथ पत्तेदार सब्जियों की मात्रा ज्यादा रखें। क्योंकि हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे कि पालक, मेथी, ब्रोकली में आयरन की मात्रा अधिक पायी जाती है। जिससे यह बच्चों की डाइट के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।
फिश, मीट और बीफ के साथ रेड मीट भी आयरन का बेहतरीन स्त्रोत है। नेशनल इंस्टिटूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक बच्चों की डाइट में आयरन बढ़ाने के लिए रेड मीट बेहतर ऑपशन है।
जिन बच्चों में आयरन की कमी डाइट के जरिए पूरी नहीं हो पाती, उनके लिए आयरन सप्लिमेंट एक अच्छा ऑपशन हो सकता है। नेशनल इंस्टिटूट ऑफ मेडिसिन के मुताबिक बच्चों में आयरन की कमी के लक्षण नजर आते ही डॉक्टर की सलाह पर सप्लिमेंट देना शुरू करें। बच्चों को पाउडर, सिरप के माध्यम से आयरन दिया जा सकता है।
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