सर्दियों का मौसम आते ही और कोविड-19 की इस नई लहर का सामना करने के लिए आपकी मम्मी च्यवनप्राश का एक बड़ा चम्मच आपको जरूर खिलाती होंगी। वह इसे सभी संक्रमणों का बड़ा रक्षक होने का दावा भी करती हैं। अपने अपार स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाने वाला च्यवनप्राश एक शक्तिशाली हर्बल इम्युनिटी बूस्टर है। लगभग सभी स्वास्थ्य संक्रमणों को दूर रखने का पूर्ण उत्तर है च्यवनप्राश। कई वर्षों से इस गहरे रंग के जैम का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा समग्र प्रतिरक्षा को मजबूत करने और किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ाने के लिए किया जाता है।
शक्तिशाली जड़ी बूटियों, मसालों, खनिजों और विटामिन सी से भरपूर है यह आयुर्वेदिक सप्लीमेंट। अपने इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव की मदद से यह विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियों की रोकथाम में व्यापक योगदान देता है। लेकिन विज्ञापन और मार्केटिंग के इस जगत में च्यवनप्राश की शुद्धता का दावा कर पाना मुश्किल हो जाता है। अगर आप भी बचपन से सोना-चांदी, हीरा-मोती जैसे च्यवनप्राश का सहारा अपनी इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए ले रहें हैं, तो इससे जुड़ी कुछ अन्य जानकारी भी प्राप्त करें।
चरक और सुश्रुत जैसी आयुर्वेदिक पत्रिकाओं में इस हर्बल उपचार के समग्र विज्ञान का उल्लेख किया जाता है। यह ज्यादातर आयुर्वेद के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह दीपन (पेट में जलन), पाचन (बेहतर मेटाबॉलिज्म), वमन (उल्टी और मतली को रोकना), शोनीतस्थपना (रक्तस्राव को रोकना), चाकुश्य (आंखों की समस्या का इलाज) करता है। इतना ही नहीं च्यवनप्राश खांसी और श्वास लेने में कठिनाई होने पर आपकी मदद करता है।
च्यवनप्राश एक टाइम टेस्टेड हर्बल फॉर्मूला है जिसे आप में से अधिकांश लोगों ने बचपन से खाना शुरू कर दिया है। पुरुष, महिला, बूढ़ा, बच्चा, यह आयुर्वेदिक पूरक सभी के लिए फायदेमंद और इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है। इसमें एक विशिष्ट मीठा, खट्टा, तीखा स्वाद होता है। यह मसालेदार अंडरटोन, भूरे काले रंग जैसा जैम आपकी सेहत का खजाना है।
कुछ महत्वपूर्ण तत्व जो च्यवनप्राश में शामिल हैं, वो हैं:
आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी आपकी इम्युनिटी और डाइजेशन को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह सर्दी खांसी सहित विभिन्न वायरल और बैक्टिरियल संक्रमण को रोकता है। यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है।
यह अपने एंटी माइक्रोबियल और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है। नीम कुष्ठ रोग, नेत्र विकार, आंतों के कीड़े, खराब पेट, भूख की कमी, हृदय रोग, मसूड़ों की बीमारी और अन्य संक्रमण के लिए प्रयोग किया जाता है।
शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से युक्त, ब्राह्मी के पत्ते सूजन को कम करने में मदद करता है। यह मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाने, चिंता और तनाव से राहत देने, रक्तचाप के स्तर को कम करने और कैंसर के खतरे को कम करने के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
केसर के धागे त्वचा के रंग को हल्का करने और रंगत निखारने में प्रसिद्ध है। इसके कांतिवर्धक गुण पित्त और वात दोषों को सामान्य करते हैं और कामोत्तेजक के रूप में कार्य करते हैं। यह तनाव और अवसाद के लक्षणों से भी राहत देता है। वजन घटाने को बढ़ावा देकर यह पीएमएस (PMS) की परेशानी को कम करता है।
एक एडॉप्टोजन के रूप में प्रसिद्ध, अश्वगंधा बांझपन, लो इम्युनिटी, गठिया, अवसाद, अनिद्रा, मानसिक विकार, आदि सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए एक शक्तिशाली उपाय है।
एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस होने के नाते, पवित्र तुलसी तनाव और मधुमेह को कम करता है। यह उच्च रक्तचाप, हृदय की स्थिति, सूजन, आदि जैसी स्थितियों से राहत देता है।
इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और मूत्रवर्धक गुण होते हैं। यह न केवल मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है, बल्कि वजन घटाने में भी सहायता करता है। हृदय और लीवर के स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है इलाइची।
अर्जुन की पत्तियां विभिन्न हृदय संबंधी परेशानियों को दूर करता है। सांस की समस्या जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस, उच्च रक्तचाप, गुर्दे में पथरी, आदि के लिए अर्जुन का सेवन एक प्रभावी उपाय है।
यह मीठा और रसीला पदार्थ फाइटोन्यूट्रिएंट का पावरहाउस है। इसे श्वसन संबंधी विकार का इलाज करने, पाचन को बढ़ावा देने, बालों और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ाने और वजन घटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह गले की खराश से भी निजात देता है।
कीमती खाद्य पदार्थों में से एक, घी आपकी ऊर्जा को बढ़ाने का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह शरीर को गर्म रखने, वजन घटाने, बंद नाक को साफ करने, पाचन बढ़ाने, मधुमेह के प्रबंधनाऔर हृदय गतिविधि को बढ़ावा देने में अत्यधिक महत्व रखता है।
इसकी प्रभावी चिकित्सीय खुराक हर व्यक्ति की उम्र, शरीर की ताकत, भूख पर प्रभाव और रोग की स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा च्यवनप्राश का सेवन सर्दियों या फ्लू के मौसम में करने की सलाह दी जाती है। इस टॉनिक में मौजूद अधिकांश जड़ी बूटियां शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए जानी जाती है। इसलिए भीषण गर्मी के दिनों में इनका सेवन करने से बचें।
इसका सेवन सुबह खाली पेट या भोजन से पहले किया जा सकता है। अगर दिन में दो बार लिया जाए, तो इसे खाने के 30 मिनट पहले या खाने के 2 घंटे बाद भी ले सकते हैं।
हालांकि कई स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज में यह बेहद फायदेमंद बताया गया है। फिर भी इसका निर्धारित मात्रा में सेवन करना आवश्यक है। यदि आप डॉक्टर के सलाह के बिना अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह अपच, ब्लोटिंग, पेट में सूजन और लूज मोशन का कारण बन सकता है।
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