कोरोना ने हम सभी के मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डाला है। फिर चाहे आपको कोविड – 19 हुआ हो या नहीं इसने हर वर्ग, हर तबके को अपनी चपेट में लिया है। जहां कुछ लोग कोविड – 19 होने के बाद लॉन्ग कोविड से परेशान हैं, तो वहीं कुछ लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घरों में बंद रहकर प्रभावित हुए हैं।
यदि आप और आपके बच्चे अभी तक कोविड-19 का शिकार नहीं हुए हैं, तो यह आपकी खुश किस्मती है। पर इसका यह अर्थ नहीं है कि आपकी इम्युनिटी अब भी पहले की तरह स्ट्रॉन्ग है। असल में लॉकडाउन में घरों में बंद रहने की वजह से आप और आपके बच्चे के शरीर को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना बहुत ज़रूरी है।
जी हां… लॉकडाउन में बंद रहने की वजह से आपका बच्चा अंदर से कमजोर हो चुका है। कारण है – धूप न मिलना, लेजी हो जाना, बंद कमरों में बस मोबाइल चलाना, खाना और सो जाना, न कोई एक्सरसाइज़ और न ही कोई गतिविधि।
दूर से देखने में यह सब मामूली सी आदतें लगती हैं, लेकिन लॉकडाउन में अपनाई गई यही आदतें आपके बच्चे को बाहर निकलने पर इन्फेक्शन की चपेट में ला सकती हैं। आजकल स्कूल कॉलेज खुल गए हैं, बच्चे घरों से बाहर निकल कर अपनी पुरानी स्कूल लाइफ में वापस लौटने लगे हैं। दिखने में यह सब नॉर्मल लगता है, लेकिन बैक टू नॉर्मल में भी बच्चे असहज और कम ऊर्जावान महसूस कर रहे हैं।
यदि आपका बच्चा आजकल स्कूल से आने के बाद जल्दी थक जाता है, कमजोरी महसूस करता है, फोकस नहीं कर पा रहा है, तो यह लॉकडाउन के आफ्टर इफ़ेक्ट्स हैं। जिसने आपके बच्चे की इम्युनिटी को वीक कर दिया है।
विटामिन डी न केवल हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है, बल्कि विभिन्न प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है। विटामिन डी के निम्न स्तर वाले लोगों को सर्दी जैसे वायरल श्वसन पथ के संक्रमण या इन्फ्लुएंजा का अधिक खतरा होता है।
नॉरएड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे फाइट या फ्लाइट हार्मोन की रिहाई के माध्यम से तनाव का हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी सीधा प्रभाव पड़ सकता है। कुछ दिनों के लिए, यह इम्युनिटी को बढ़ा सकता है, लेकिन यदि तनाव दिनों या हफ्तों तक जारी रहता है, तो हमारी प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कम कर सकता है। जिससे बीमारी का खतरा हो सकता है।
एनसीबीआई के न्यूट्रीशन डाटा के अनुसार, जब शारीरिक गतिविधि की कमी होती है, तो व्यक्ति अनहेल्दी खानपान या जंक फूड की ओर ज़्यादा रुख करता है। लॉकडाउन में यकीनन आपके बच्चों ने भी हाई कैलोरी जंक फूड खाया होगा, जो इम्युनिटी के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
बच्चे में आई विटामिन – डी की कमी को पूरा करें। यदि ज़रूरत पड़े तो किसी डॉक्टर की मदद भी ले सकती हैं। मगर घर पर विटामिन D युक्त फूड्स खिलाना सबसे सही है जैसे – रागी, ग्रेन्स, संतरे, कई तरह के बीन्स, अंडे आदि। साथ ही, बच्चों को बाहर खेलने – कूदने ज़रूर भेजें।
शारीरिक गतिविधि बहुत ज़रूरी है। इसलिए यदि आपके बच्चे को स्कूल का स्ट्रैस बहुत ज़्यादा है और वह बाहर खेलने नहीं जा पा रहा है, तो उसे कोई योगा क्लास या एक्टिविटी या सिर्फ रनिंग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंबाहर का खाना कम से कम खिलाएं, घर पर ही सब बनाएं। और उन्हें अच्छी नींद सुलाएं। सोना भी इम्युनिटी बढ़ाने में बहुत मददगार है।
यह भी पढ़ें : World liver day : सिर्फ पानी पीकर भी आप रख सकती हैं अपने लिवर का ध्यान, एक्सपर्ट से जानिए हेल्दी लिवर मंत्र