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लैपटॉप की हीट बढ़ा रही है स्किन की एक खास समस्या, जानिए क्या है टोस्टेड स्किन सिंड्रोम

लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से कई तरह की स्किन संबधी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। उन्हीं में से एक है टोस्टेड स्किन सिंड्रोम, जिससे न केवल त्वचा की रंगत प्रभावित होती है बल्कि दाग धब्बों और रूखेपन का भी सामना करना पड़ता है। अगर आप भी दिनभर लैपटॉप का करती हैं इस्तेमाल, तो हो जाएं सतर्क।
Published On: 21 Mar 2025, 06:42 pm IST
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Toasted skin syndrome kise kehte hain
गर्मी के कारण रक्त वाहिकाएँ फैल जाती हैं, जिससे त्वचा में मेलेनिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है।चित्र : अडॉबीस्टॉक

दिनों दिन अपनी सुविधा के अनुसार लोग लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे न केवल लाना ले जाना आसान है बल्कि कभी बेड, कभी गाड़ी, तो कभी टेबल पर रखकर आसानी से काम किया जा सकता है। लैपटॉप से निकलने वाली हीट जहां शरीर के लिए सहनशील होती है, तो वहीं त्वचा के नुकसान का कारण साबित हो सकती है। दरअसल, इससे निकलने वाली गर्मी ​​से टोस्टेड स्किन सिंड्रोम का जोखिम बढ़ा सकती है, जिससे त्वचा की रंगत खराब हो सकती है। भले ही आप अक्सर लंबे समय तक हीटिंग पैड का उपयोग करते हों। यदि आप खुद को गर्मी पैदा करने वाले उपकरणों के संपर्क में आने से नहीं रोकते हैं, तो आप त्वचा कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जानते हैं टोस्टेड स्किन सिंड्रोम के कारण और इससे बचने के उपाय भी (Toasted Skin Syndrome) ।

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम क्या है (What is Toasted Skin Syndrome)

त्वचा विशेषज्ञ डॉ शिफा यादव कहती हैं टोस्टेड स्किन सिंड्रोम (Toasted Skin Syndrome) या एरिथेमा एब इग्ने एक त्वचा की स्थिति है जो लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में त्वचा टोस्टेड दिखने लगती है। आमतौर पर इसका असर पैर, जांघ या पीठ के निचले हिस्से जो लगातार गर्मी के स्रोत के संपर्क में रहते हैं, उनका रंग खराब होने लगता है। इसके चलते त्वचा पर लाल, भूरे या फिशनेट पैटर्न नज़र आने लगता है। इसके अलावा समय के साथ त्वचा रूखी, खुरदरी और मोटी भी हो सकती है। कई गंभीर मामलों में टोस्टेड स्किन सिंड्रोम (Toasted Skin Syndrome) त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे कि रंजकता में बदलाव या कैंसर से पहले के घावों का विकास।

क्यूरियस में छपी रिपोर्ट के अनुसार टोस्टेड स्किन सिंड्रोम (Toasted Skin Syndrome) पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कई महिलाएं दर्द को कम करने के लिए मासिक धर्म के दौरान लैपटॉप का उपयोग करना पसंद करती हैं। 2010 में पीडियाट्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों को भी इस त्वचा की स्थिति का खतरा हो सकता है। 

Toasted skin syndrome kaise shuru hota hai
समय के साथ त्वचा पर भूरे या लाल रंग के धब्बे के साथ फिशनेट पैटर्न नज़र आने लगता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम के कारण (Causes of Toasted Skin Syndrome)

डॉ शिफा यादव बताती हैं कि टोस्टेड स्किन सिंड्रोम (Toasted Skin Syndrome) का मुख्य कारण बार बार या लंबे समय तक हीटिंग पैड, स्पेस हीटर और लैपटॉप जैसे गर्मी के स्रोतों के संपर्क में रहना या गर्म स्टोव के पास बैठना हो सकता है। जब त्वचा लम्बे समय तक गर्मी के संपर्क में रहती है, तो इससे त्वचा की गहरी परतों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके चलते त्वचा का रंग खराब हो जाता है।

विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्मी के कारण रक्त वाहिकाएँ फैल जाती हैं, जिससे त्वचा में मेलेनिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। इससे त्वचा पर काले धब्बे बनने लगते हैं। इससे जहां त्वचा की लोच में कमी आती है, तो वहीं और कोलेजन का टूटना बढ़ जाता है।

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम के लक्षण (Signs of Toasted Skin Syndrome)

  • आम तौर पर गर्मी के संपर्क में आने वाले क्षेत्रों में त्वचा के हल्के लाल होने से शुरू होते हैं।
  • समय के साथ त्वचा पर भूरे या लाल रंग के धब्बे के साथ फिशनेट पैटर्न नज़र आने लगता है।
  • शुरुआत में त्वचा पेनफुल नहीं होती है, लेकिन गर्मी के लगातार संपर्क में रहने से स्किन सूखी, खुरदरी या पपड़ीदार होने लगती है।
  • कुछ मामलों में त्वचा पर छाले या जलन हो सकती है। जैसे जैसे स्थिति बढ़ती है, त्वचा की रंगत प्रभावित होती है।
  • लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से प्रभावित क्षेत्रों में त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
Skin problem kyu badhti hai
त्वचा लम्बे समय तक गर्मी के संपर्क में रहती है, तो इससे त्वचा की गहरी परतों को नुकसान पहुंच सकता है।

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम से कैसे राहत पाएं (How to handle Toasted Skin Syndrome)

इस त्वचा की स्थिति का उपचार शारीरिक जांच के माध्यम से किया जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि त्वचा की लाल भूरे रंग के दाग धब्बे या फिशनेट पैटर्न के साथ स्थिति की पहचान करने में मदद मिलती है। कुछ मामलों मेंए यह सुनिश्चित करने के लिए बायोप्सी या त्वचा का नमूना लिया जा सकता है कि ये त्वचा कैंसर या विभिन्न प्रकार के डर्मेटाइटिस नहीं है।

टोस्टेड स्किन सिंड्रोम का इलाज कैसे करें (Tips to deal Toasted Skin Syndrome)

  • टोस्टेड स्किन सिंड्रोम का इलाज स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। शुरूआती मामलों में प्रभावित क्षेत्र को गर्मी के स्रोतों के संपर्क में आने से रोकें।
  • इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन के दौरान गर्मी के स्रोत को हटाने से त्वचा को फायदा मिलता है।
  • विशेषज्ञ कहते हैं कि लंबे समय तक गर्मी के संपर्क से बचेने के लिए हर 30 मिनट के बाद लैपटॉप जैसे उपकरणों से ब्रेक लेना सुनिश्चित करें।
  • त्वचा के रूखेपन या जलन से निपटने के लिए मॉइस्चराइज़र, क्रीम और मलहम का उपयोग करें।
  • डॉ यादव कहती हैं कि एलोवेरा युक्त क्रीम का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि यह नमी को बहाल करने और सूजन को शांत करने में मदद कर सकता है।
  • गंभीर मामलों में जैसे कि त्वचा का मोटा होना या रंजकता में परिवर्तन, लेज़र थेरेपी या कॉर्टिकोस्टेरॉइड जैसी दवाएँ निर्धारित की जाती हैं।
  • विशेषज्ञ कहते हैं कि ये सूजन को कम करने और टोस्टेड स्किन सिंड्रोम से प्रभावित त्वचा की उपस्थिति में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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