विजयादशमी सहित करवा-चौथ, दीपावली, छठ जैसे त्योहार नजदीक हैं। इसी के साथ शुरू हो गया है वार्षिक सफाई का भी सीजन। इस सीजन में हम घर के कोने-कोने की सफाई करते हैं। असल में यह जरूरी भी है। अध्ययन बताते हैं कि बाहर से ज्यादा प्रदूषण कई बार घर के अंदर (Indoor Pollution) मौजूद होता है। जो आपकी और आपके परिवार की सेहत को बाहर के प्रदूषण (Indoor pollution effect on health) से भी ज्यादा प्रभावित करते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इनसे छुटकारा पाने के सही तरीके जानती हों।
साफ- सफाई का संदेश देने वाले त्योहारों में हम अपने घर के हर कोने की सफाई करते हैं। इन कोनों में काफी धूल जमी रहती है। इन्हें साफ करने के लिए हम तरह-तरह के केमिकल क्लीनर का प्रयोग करते हैं। फिर भी घर पूरी तरह साफ और स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं हो पाता है।
क्या आप जानती हैं कि ये केमिकल सेंट्रल नर्वस सिस्टम को बाधित कर सकते हैं और कार्सिनोजेन्स भी हो सकते हैं। साथ ही हम अपने घर को धूल-मिटटी से बचाने के लिए घर को बंद रखते हैं। पर हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि बंद घर में भी प्रदूषण मौजूद हो सकते हैं। इसलिए अंदर घर के पोलूशन की सफाई जरूरी है।
साफ दिखने वाले घर में भी हो सकते हैं प्रदूषक
वैलनेस एक्सपर्ट श्रुति परमार कहती हैं, “आप जिस घर के अंदर सांस लेती हैं, वह हवा आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकती है। दुखद ये कि इसे हमें देख भी नहीं पाते हैं। कई बार घर के अंदर की हवा बाहर की हवा से भी ज्यादा प्रदूषित हो चुकी होती है। अपने घर की हवा को अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए खतरा न बनने दें। खासकर अगर आपके परिवार में किसी को अस्थमा या फेफड़ों की कोई अन्य बीमारी है।
दरअसल हम अपने घरों में इलेक्ट्रिक एनर्जी से चलने वाले सामान जैसे फ्रिज, एसी, टीवी, लैपटॉप, ट्यूब लाइट, मिक्सी, ओवन आदि का दिन-रात प्रयोग करते रहते हैं। इनसे निकलने वाली गैस अपेक्षाकृत वायुरोधी होती है। इससे अंदर की हवा स्थिर हो जाती है और प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ जाता है। खाना बनने के दौरान भी हानिकारक गैस निकलती हैं। तेल ज्यादा गर्म होने पर भी हमारी सांस के लिए अनुकूल नहीं रह पाता है।”
श्वास संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है इनडोर पॉल्यूशन
इनडोर हवा गुणवत्ता (Indoor Air Quality) स्वास्थ्य और कल्याण दोनों से जुड़ी हुई है। पूरा परिवार घर के अंदर बहुत समय व्यतीत करता है। प्रदूषण के कारण अस्थमा और फेफड़े की बीमारी से पीड़ित लोगों की दिक्कत बढ़ जाती है।
घर के अंदर हम जो हवा सांस में ले रहे हैं, उसका हानिकारक प्रदूषकों (Pollutant) से मुक्त होना जरूरी है। इससे न सिर्फ श्वसन संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होगा, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
यहां हैं घर के अंदर मौजूद प्रदूषण से मुक्ति पाने के 5 टिप्स
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कस्टमाइज़ करें1 खिड़की दरवाज़े खोल दें
सप्ताह में किसी एक दिन सूर्य की रोशनी आने के बाद एसी बंद कर सभी खिड़की- दरवाज़े थोड़ी देर के लिए खोल दें। साथ ही इन पर जमी धूल भी झाड़ें। हल्के गीले कपड़े से उस स्थान की धूल को भी साफ़ करें, जहां रोज सफाई नहीं हो पाती है। सूखे कपड़े से नहीं पोछें। कूलर आदि के पानी को भी बदलें। धूल की सफाई करते समय मास्क जरूर पहनें। एलर्जी होने की स्थिति में बचाव हो सकेगा।
2 गर्म पानी से धोएं बिस्तर की चादरें
सप्ताह में एक दिन बिस्तर की चादर, फर्नीचर को ढकने वाले कवर को गर्म पानी में धोएं। उन्हें अच्छी तरह सुखाएं। धोने योग्य सॉफ्ट टॉयज को भी सप्ताह में एक बार गर्म पानी में धोएं और उन्हें अच्छी तरह सुखाएं।
3 फर्नीचर और पर्दों की करें वैक्यूम क्लीनर से सफाई
सप्ताह में एक बार फर्नीचर, पर्दे और कालीनों को अच्छी तरह से वैक्यूम करें।
एयर प्यूरीफायर से भी अंदर की हवा साफ करने की कोशिश कर सकती हैं।
4 ट्रिकल वेंटिलेशन का उपयोग करें
अपने घर में वेंटिलेशन बढ़ाएं। खिड़की खोलने से बाहरी हवा में कारों और ट्रकों, औद्योगिक प्रदूषण और गंदगी अंदर आने की संभावना बनी रहती है। इसलिए ट्रिकल वेंटिलेशन का उपयोग करें, जो हवा को फ़िल्टर करता है। यह खिड़कियों में समायोजित हो जाता है। यह ताजी हवा को अंदर आने देता है और इनडोर प्रदूषकों को बाहर निकालने में मदद करता है।
5 हाई पोटेंशियल वाले पार्टिकुलेट एयर फ़िल्टर लगाएं
घर में हाई पोटेंशियल वाले पार्टिकुलेट एयर फिल्टर लगाएं। इससे अंदर का प्रदूषण खत्म होगा और एयर कंडीशनर भी अधिक प्रभावी हो पाएगा।
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