हाइपरटेंशन दुनिया भर में 30% से अधिक वयस्क आबादी को प्रभावित करता है, जो एक अरब से भी ज्यादा है। लंबे समय तक उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन, जिसे ब्लड प्रेशर के रूप में भी जाना जाता है, कोरोनरी आर्टरी रोग, स्ट्रोक, दिल की विफलता, आर्टरी फाइब्रिलेशन, दृष्टि हानि, क्रोनिक किडनी रोग और यहां तक कि मनोभ्रंश जैसी गंभीर चिकित्सा स्थितियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग द्वारा शुरू किया गया, वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) हर वर्ष 17 मई को मनाया जाता है। 14 मई, 2005 को शुरू की गई, द वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग, 2006 से हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के रूप में समर्पित की जा रही है। 2005 में इस दिवस की थीम ‘उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता’ (‘Awareness of high blood pressure) थी।
हर वर्ष की तरह 2021 के लिए इसकी थीम है ”Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer” जिसका मतलब है कि अगर आप अपने ब्लड प्रेशर पर सही तरह से नजर रखेंगे और नियंत्रित करेंगे तो आप एक लंबा और सुखद जीवन जी पाएंगे।
यह दिवस प्रत्येक वर्ष विभिन्न विषयों के माध्यम से, हाइपरटेंशन लीग न केवल उच्च रक्तचाप के बारे में बल्कि इसके कारकों और रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हाइपरटेंशन, जिसे उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त वाहिकाओं में लगातार खून का दबाव बढ़ता है। यह वाहिकाओं में रक्त को हृदय से शरीर के सभी भागों में ले जाती है।
हर बार जब दिल धड़कता है, तो रक्त को वाहिकाओं में पंप करता है। ऐसे में रक्त ले जाने वाली आर्टरी में दबाव जितना अधिक होगा, हृदय को पंप करना उतना ही कठिन होता है।
कोविड – 19 संक्रमण की गंभीरता किसी व्यक्ति के पहले से मौजूद स्वास्थ्य पर अत्यधिक निर्भर करती है। साथ ही, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य स्थितियां उसके जोखिम को और प्रभावित कर सकती हैं।
ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) द्वारा जारी किये गये एक दस्तावेज के अनुसार, यह कहा गया था कि “अधिकांश (80%) कोविड-19 से संक्रमित लोगों में श्वसन संक्रमण (बुखार, गले में खराश, खांसी) के हल्के लक्षण पाए जाते हैं और वे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
मगर मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक सहित अधिक गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं। इसलिए इन रोगियों को अतिरिक्त देखभाल की सलाह दी जाती है।”
महामारी के दौरान उच्च रक्तचाप के प्रबंधन और नियंत्रण के बारे में ठोस कदम उठाने की ज़रुरत है। साथ ही, नियमित अंतराल पर रक्तचाप की जांच करने की भी आवश्यकता है।
संतुलित आहार का सेवन करें, जो प्रतिरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना न भूलें।
तनाव को दूर करने और अपने शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए योग, ध्यान और अरोमाथेरेपी जैसे तनाव से राहत के तरीकों का विकल्प चुनें।
लंबे समय तक सामान्य रक्तचाप के स्तर का अनुभव करने के बावजूद, जब तक आपका डॉक्टर आपको ऐसा करने के लिए न कहे, तब तक अपनी दवाओं को छोड़ें या बंद न करें। ऐसा करने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
हमेशा अपने रक्तचाप के स्तर पर नज़र रखें और अपने डॉक्टर की सलाह को न भूलें।
धूम्रपान, शराब पीने और खराब स्लीप साइकिल जैसी अनहेल्दी जीवनशैली की आदतों से बचें।
एक स्वस्थ वजन स्वस्थ रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। स्वस्थ वजन सुनिश्चित करने के लिए, सुनिश्चित करें कि आप व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
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