ह्यूमिडिटी बन सकती है इन 7 समस्याओं का कारण, जानें इससे कैसे करना है डील

ह्यूमिडिटी में अत्यधिक पसीना आता है और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। इतना ही नहीं ह्यूमिडिटी की वजह से सेहत संबंधी कई समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।
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ह्यूमिडिटी की वजह से सेहत संबंधी कई समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 28 Jun 2024, 01:10 pm IST
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बारिश के मौसम (monsoon) में वातावरण में ह्यूमिडिटी यानी की नमी बढ़ जाती है, जिसके कारण व्यक्ति की नियमित दिनचर्या पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। खासकर ह्यूमिडिटी गर्मी को बढ़ा देती है, जिससे कि अत्यधिक पसीना आता है और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। इतना ही नहीं ह्यूमिडिटी की वजह से सेहत संबंधी कई समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।

मॉनसन शुरू हो चुका है और वातावरण में बढ़ती नमी को देखते हुए हेल्थ शॉट्स ने ह्यूमिडिटी से होने वाली समस्यायों (Humidity effects on health) के बारे में जानने के लिए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ एम के सिंह से बात की। डॉक्टर ने कुछ समस्याओं के बारे में बताने के साथ ह्यूमिडिटी (humidity) से डील करने के कुछ उपाय भी बताएं हैं (health issue in humidity), तो चलिए जानते हैं इस बारे में (how to deal with humidity)।

पहले समझें क्या है ह्यूमिडिटी (what is humidity)?

नमी हवा में वॉटर वेपर या गैस के रूप में पानी की मात्रा को मापती है। नमी के उच्च स्तर का मतलब है, कि हवा में बहुत अधिक जल वाष्प (water vapor)है। हवा आपकी त्वचा पर दबाव महसूस कर सकती है और आपके नियमित दिनचर्या को मुश्किल बना सकती है।

Humidity ke karan samsya ho sakti hai
अगर इसका इलाज न किया जाए, तो हीट एक्जॉशन हीट स्ट्रोक बन सकती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

नमी की स्थिति में, हवा में हाइड्रोजन और नाइट्रोजन के साथ-साथ ऑक्सीजन भी होती है और हमारे फेफड़ों को हवा से ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यही कारण है कि हम वातावरण में ह्यूमिडिटी के बढ़ने पर इतने सुस्त महसूस करते हैं। वहीं शारीरिक गतिविधियों को करते वक्त आसानी से थक जाते हैं।

अब जानें ह्यूमिडिटी के बढ़ने से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान

1. हीट रैश (heat rash)

वातावरण में ह्यूमिडिटी के बढ़ने से अधिक पसीना आता है और हवा न चलने के कारण यह पसीना त्वचा पर बना रहता है। जब पसीना त्वचा के नीचे फंस जाता है, तो अत्यधिक पसीना आने से हीट रैश हो सकता है। रैश वाले हिस्से में लाल रंग के उभरे हुए बंप्स नजर आते हैं, जिसके कारण खुजली और चुभन महसूस हो सकती है।

2. हीट एक्जॉशन (heat exhaustion)

अत्यधिक पसीना आने के कारण बॉडी में फ्लड की निरंतर कमी हीट एक्जॉशन का कारण बन सकती है। अगर आपको गर्मी में समय बिताने के बाद कमजोरी या चक्कर महसूस होता है, तो आप हीट एक्जॉशन से पीड़ित हो सकती हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो हीट एक्जॉशन हीट स्ट्रोक बन सकती है।

3. हीट स्ट्रोक (hyperthermia)

हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर अत्यधिक गर्म हो जाती है, जिससे आंतरिक तापमान 104°F या उससे अधिक हो जाता है। हीट स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को अचानक पसीना आना बंद हो सकता है, उसका संतुलन बिगड़ सकता है, वह भ्रमित हो सकते हैं, और बेहोश हो जाते हैं। हीट स्ट्रोक के लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

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पर्याप्त पानी पीना जेट लैग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। चित्र शटरस्टॉक

4. डिहाइड्रेशन (dehydration)

नमी के कारण अत्यधिक पसीना आ सकता है और आपकी बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है। डिहाईड्रेशन तब होता है जब आपकी बॉडी में आवश्यकता से कम पानी होता है। हाई ह्यूमिडिटी (उच्च आर्द्रता का मतलब 75% से ज़्यादा आर्द्रता होता है) पसीने को आपकी त्वचा पर टिका देता है, इसलिए आपका शरीर प्रभावी रूप से ठंडा नहीं हो पाता।

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नतीजतन, जब आपका शरीर अपने तापमान को नियंत्रित करने की कोशिश करता है, तो आपको पसीना आता रहता है, जिससे आपकी बॉडी से फ्लूइड लॉस होता रहता है। शरीर को सही से फंक्शन करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, इस बात का ध्यान रखें।

5. मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना (muscles tension)

ह्यूमिडिटी के कारण आपको ज़्यादा गर्मी लगती है और बहुत ज़्यादा पसीना आता है, ऐसे में आपकी बॉडी बहुत ज़्यादा इलेक्ट्रोलाइट्स खो देती है जिसकी वजह से ऐंठन महसूस हो सकता है। इलेक्ट्रोलाइट्स मिनरल्स होते हैं, जो आपके शरीर को हाइड्रेशन, मांसपेशियों के कार्य, तंत्रिका तंत्र और रक्त pH को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इलेक्ट्रोलाइट का कम स्तर आपके शरीर के लिए मांसपेशियों के कार्य को नियंत्रित करना मुश्किल बना देता है, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होती है।

6. थकान (fatigue)

गर्म तापमान के साथ नमी आपको सुस्त बना देती है, वहीं आपको नींद महसूस होता रहता है। जब गर्मी और नमी होती है, तो आपका शरीर ठंडा होने के लिए ओवरटाइम करता है। अपने तापमान को नियंत्रित करने के प्रयास के दौरान बॉडी एनर्जी रिलीज करती है, जिसकी वजह से आपको थकान महसूस हो सकता है।

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अधिक गर्मी उनके स्वास्थ्य के लिए जाेखिमकारक हो सकती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

7. बेहोशी (faint)

जब शरीर हाई ह्यूमिडिटी में बहुत अधिक गर्म हो जाती है, तो ऐसे में यह हिट रिलीज करने के लिए ब्लड वेसल्स को फैलाती है। जब ब्लड वेसल्स बहुत अधिक फैल जाते हैं, तो डिहाइड्रेशन हो सकता है, इसके साथ ही ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कई बार व्यक्ति ह्यूमिडिटी में बेहोश हो जाता है।

जानें ह्यूमिडिटी से कैसे करना है डील

ह्यूमिडिटी होने पर अपने कमरे को पैक करके न रखें, खिड़की दरवाजे खुले रखें ताकि हवा पास हो सके। यदि मुमकिन हो तो डीह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। ये बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है, और हवा से मॉइश्चर रिमूव करने में मदद करता है। इसके अलावा ह्यूमिडिटी बढ़ने पर हाइड्रेशन मेंटेन करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीती रहें। साथ ही साथ हाइड्रेटिंग फल एवं सब्जियों और कूलिंग सलाद का सेवन करें। अधिक मसालेदार भोजन से बचें क्योंकि यह बॉडी में हिट को बढ़ा सकता है।

साथ ही साथ ह्यूमिडिटी में ठंडे पानी से शॉवर लेने से भी आपको मदद मिलती है। वहीं हल्के सूती कपड़े पहनें इससे आपको इरिटेशन नहीं होगी। अपने घर में पेड़ पौधे लगाए, इससे ह्यूमिडिटी को मेंटेन रखने में मदद मिलती है।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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