जेठ पूर्णिमा (Jyeshth purnima 2022) को देश के कई हिस्सो में लोग उपवास (Fasting) करते हैं। इसे वट पूर्णिमा (Vat Purnima) भी कहा जाता है। इससे पहले अभी कुछ दिन पहले ही महिलाओं ने वट सावित्री व्रत ( vat savitri vrat 2022) किया था। वहीं सावन महीने (Sawan Fasting) में भी बहुत सारे उपवास रखने का लोक में चलन है। हालांकि इन सभी की अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं। पर क्या आप जानती हैं कि सप्ताह में एक दिन या शॉर्ट टर्म फास्टिंग (Short term fasting) न केवल आपकी विल पॉवर (Willpower) बढ़ाती है, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद (Fasting health benefits) है। जानना चाहती हैं कैसे, तो बस इसे अंत तक पढ़ती रहें।
अगर आप वजन घटाना चाहती हैं, तो फास्टिंग आपकी मदद कर सकती है। एक तय अवधि तक भूखे रहने का मेटाबॉलिज़्म पर सकारात्मक असर पड़ता है। जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है। नेशनल लाइब्रेरी फॉर मेडिसिन के अनुसार, शॉर्ट टर्म फास्टिंग करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। बेहतर मेटाबॉलिज़्म वेट लॉस की कुंजी है। अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि जब आपका मेटाबॉलिज़्म बेहतर तरीके से काम करता है, तब आप आसानी से वजन कम कर पाती हैं।
लेप्टिन और घ्रेलिन शरीर के दो महत्वपूर्ण हार्मोन हैं, जो शरीर में एनर्जी बनाए रखने और भूख लगने के लिए जिम्मेदार होते हैं। क्लिनिकल न्यूट्रिशन 2006 की रिपोर्ट के अनुसार, 24 घंटे फास्टिंग करने या अल्टरनेटिव फास्टिंग करने से लेप्टिन और घ्रेलिन हार्मोन बैलेंस रहते हैं।
इम्युनिटी में सुधार करने के लिए आपने कई तरह की चीजों का सेवन किया होगा। खासतौर से विटामिन सी वाले सिट्रस फ्रूट। पर क्या आप जानती हैं कि छोटी अवधि के उपवास भी आपका इम्यून सिस्टम बूस्ट करने में आपकी मदद कर सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक स्टडी के अनुसार, शॉर्ट टाइम के लिए कैलोरी कम करने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है। साथ ही रोज होने वाले इन्फेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।
रिसर्च के अनुसार फास्टिंग करने से आपके शरीर में ब्रेन ड्राइव न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर नामक प्रोटीन बनता है। यह आपकी ब्रेन हेल्थ को प्रमोट करता है। इसके लिए आप सप्ताह में एक दिन उपवास यानी फास्टिंग कर सकती हैं।
दरअसल टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त 10 लोगों पर स्टडी की गई, जिसमें पता चला कि शॉर्ट टर्म फास्टिंग करने से ब्लड में शुगर का लेवल कम होता है। इसमें यह भी पाया गया कि इससे इंसुलिन कम होने में भी मदद मिलती है। पर अगर आपका ब्लड शुगर लेवल पहले से ही असंतुलित है तो आपको डॉक्टर की सलाह के बाद ही फास्टिंग करनी चाहिए।
वैसे तो हर किसी का फास्टिंग करने का अपना तरीका होता है, लेकिन हम आपको ऐसे ही कुछ फास्टिंग के तरीके बताने जा रहे हैं जो आपके शरीर के लिए बेहद लाभदायक हैं-
फास्टिंग के दौरान जूस पीना एक हेल्दी विकल्प हो सकता है। व्रत या उपवास के दौरान सब्जियों और फलों का रस पीने से आपका एनर्जी लेवल बना रहता है और शरीर को जरूरी पोषण मिलता रहता है। इस तरह की फास्टिंग बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने के साथ हाइड्रेट रखने में भी मदद करती है।
हालांकि भारत में कुछ उपवास निर्जल रखे जाते हैं, यानी इनमें पानी भी नहीं पीना होता है। पर इससे बेहतर है कि आप अपनी फास्टिंग के दौरान पानी पीती रहें। यह तरीका आपकी सेहत के लिहाज से ज्यादा बेहतर होगा। इससे आपकी बॉडी डिटॉक्सिफाई होती रहती है। शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर आ जाते हैं।
फास्टिंग को हेल्दी फास्टिंग बनाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप कैलोरी कंट्रोल करें। आप हर दिन जितनी कैलोरी लेती हैं व्रत के दौरान उससे कम कैलोरी लें। ऐसा न हो कि आप दिन भर भूखी रहें और रात में फलाहार के नाम पर कैलोरीज की ओवरडोज ले लें। वरना वज़न कम होने की बजाए और बढ़ने लगेगा।
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कस्टमाइज़ करेंनोट: यदि आप शुगर की मरीज हैं, तो फास्टिंग न करें। इससे ब्लड शुगर लेवल डाउन हो सकता है। अधिक मीठे फल खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। चिकित्सक की परामर्श के बाद ही फास्टिंग करने के बारें में सोचें।।
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