ज्यादा मीठा खाना खराब कर सकता है आपका पेट, यहां जानिए चीनी के साइड इफेक्ट्स

चीनी का अत्यधिक सेवन करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है। इससे शरीर में मोटापे और हृदय रोगों के अलावा इनडाइजेशन की भी समस्या बढ़ जाती है। पता लगाते हैं कि शुगर इनटेक का बढ़ना स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार से नुकसानदरायक है।
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ज्यादा चीनी खाने से हाई ब्ल्ड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 5 Nov 2024, 04:00 pm IST
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मनीषा गोयल
इनपुट फ्राॅम

बड़ी तादाद में लोगों को खाना खाने के बाद मीठा खाने की क्रेविंग होने लगती है। कोई टॉफी, कोई गुड, तो कोई आइसक्रीम या अन्य मिठाई खाकर खुद को संतुष्ट कर लेते हैं। मगर कभी आपने सोचा है कि दिन भर में बिना सोचे समझे स्वीट्स और प्रोसेस्ड फूड खाने से उसका स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। दरअसल, कई फूड्स में जहां मीठा प्रत्यक्ष दिखता है, तो कुछ फूड्स के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से हम और आप इसका सेवन करते हैं। पहले जान लेते हैं कि शुगर का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसमें कैसे कटौती की जा सकती है (Sugar effect on stomach)।

चीनी का सेहत पर प्रभाव (Effects of sugar on health)

हेल्थ हार्वर्ड की रिपोर्ट के अनुसार बहुत ज़्यादा चीनी खाने से मोटापा, हृदय रोग और मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। केचप और सलाद ड्रेसिंग समेत प्रोसेस्ड फूड में मौजूद चीनी की मात्रा को पहचानना बेहद मुश्किल लगता है। आहार में चीनी का सेवन कम करने से भूख और ज़्यादा मीठे खाद्य पदार्थों की क्रेविंग से बचा जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस के अनुसार वयस्कों और बच्चों को अपने डेली शुगर इनटेक के 10 फीसदी हिस्से को कम करना चाहिए। इसके अलावा कुल खपत से 5 फीसदी कम करने से शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि ज्यादा मात्रा में मीठे का सेवन करने से मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा डायबिटीज़, हृदय रोगों और डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ने लगता है। अधिक चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए पानी भरपूर मात्रा में पीएं, मेडिटेशन करें और मीठे के लिए खजूर, सौंफ और फलों का सेवन करने जैसे हेल्दी विकल्पों को चुनें।

Sugar intake ke nuksaan
चीनी का अत्यधिक सेवन करने से मोटापे और हृदय रोगों के अलावा इनडाइजेशन की भी समस्या बढ़ जाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

यहां जानिए चीनी के नुकसान (Sugar side effects on health)

1. डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ाएं

कभी कभार कैंडी या कुकीज़ का सेवन करने से शरीर को इंस्टेंट एनर्जी की प्राप्ति होती है। मगर जब सेल्स में शुगर का अवशोषण बढ़ जाता है, तो उसके बाद शरीर में शुगर के स्तर में गिरावट आती है और बेचैनी महसूस होने लगती है। हर थोड़ी देर में मीठा खाने से तनाव का जोखिम बढ़ सकता है। बीएमसी साइकेटरी की रिपोर्ट के अनुसार ज्यादा चीनी के सेवन से गट माइक्रोबायोटा में बदलाव आ सकता है और डिप्रेशन की स्थिति पैदा होने लगती है।

2. ब्लोटिंग और गैस की समस्या

कई प्रकार की शुगर ब्लोटिंग और गैस का कारण साबित होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार स्मॉल इंटेस्टाइन में फ्रुक्टोज और सुक्रोज शुगर्स के ब्रेकडाउन के लिए एंजाइम नहीं पाए जाते हैं। इससे ये शुगर्स लार्ज इंटेस्टाइन में ज्यों की त्यों पहुचंकर हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें पैदा करते है। इससे इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ब्लोटिंग और पेट में ऐंठन बढ़ जाती है। साथ ही डाइटरी शुगर का अत्यधिक सेवन गट इंफ्लामेशन का कारण साबित होता है।

Bloating kaise badhti hai
स्मॉल इंटेस्टाइन में फ्रुक्टोज और सुक्रोज शुगर्स के ब्रेकडाउन के लिए एंजाइम नहीं पाए जाते हैं। इससे ये शुगर्स लार्ज इंटेस्टाइन में ज्यों की त्यों पहुचंकर हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें पैदा करते है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. हृदय रोगों का खतरा

ज्यादा चीनी खाने से हाई ब्ल्ड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ जाता है। जामा इंटरनल मेडिसिन के रिसर्च के अनुसार वे लोग जिन्हें दिनभर में 17 फीसदी से 21 फीसदी कैलोरी की प्राप्ति चीनी से होती है, उनमें हृदय रोग से मरने का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में 38 फीसदी बढ़ जाता है।

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4. वज़न का बढ़ना

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार एडिड शुगर से मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है। जूस, कैचअप और एसिडिक बैवरेजिज़ में फ्रुक्टोज़ की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे भूख बढ़ने लगती है और मीठा खाने की क्रेविंग का सामना करना पड़ता है। इससे शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ स्टोर होने लगती हैं, जो मोटापे की समस्या को बढ़ाता है।

sugar craving poshak tatvon ki kami ke karan ho sakti hai.
एडिड शुगर से मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है। जूस, कैचअप और एसिडिक बैवरेजिज़ में फ्रुक्टोज़ की उच्च मात्रा पाई जाती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

5. डायबिटीज़ की समस्या

सिडेंटरी लाइफस्टाइल और ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ा रहा है। लंबे वक्त तक चीनी का सेवन करने से इंसुलिन रज़िस्टेंटस को बढ़ाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट आूफ हेल्थ के अनुसार शुगर रिच बैवरेजिज़ का सेवन करने वाले लोगों में डायबिटीज़ का खतरा तेज़ी से बढ़ने लगता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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