ओवर वर्क, पार्टी, बिंज वाॅच या सोशल मीडिया स्क्रॉलिंग… कारण चाहें जो भी हो। अगर आप देर रात तक जागती हैं, तो आप खुद अपनी आंखों को नुकसान पहुंचा रहीं हैं। शुरूआत में भले ही इनका असर नजर न आए मगर बढ़ती उम्र में ये आपकी आंखों की राेशनी छीन सकते हैं। इसलिए इसे डायबिटीज और स्मोकिंग जितना ही खतरनाक माना जा रहा है। यहां हम उन बुरी आदतों (bad habits for eyes) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी आंखों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहीं हैं।
अक्सर 30-40 साल की उम्र में लोग अपनी आंखों पर बहुत कम ध्यान देते हैं। जब तक देखने में दिक्कत आनी न शुरू हो जाए, लोग अपनी आंखों पर कोई ध्यान नहीं देते। जबकि हकीकत यह है कि इस वक्त ही आपको सबसे ज्यादा आंखों पर ध्यान देना चाहिए। कभी-कभी आंखों को दुरुस्त रखने के लिए न केवल खानपान पर बल्कि अपनी कुछ आदतों पर भी आपको ध्यान देना चाहिए। यहां जानते हैं उन आदतों के बारे में जो आपकी आंखों को कमजोर बना देती हैं।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ जिन्हें आंखों में दिक्कत हो रही है या फिर कोई मेडिकल हिस्ट्री है, तभी आंखों का ध्यान रखने की जरूरत है। असल में आंखों की सही समय पर देखभाल भविष्य में आपकी आंखों में आने वाली विजन प्रॉब्लम से आपको बचा सकती है।
ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आंखों की रोशनी को हमेशा बचाए रखने के लिए किन-किन आदतों को बदलने की जरूरत है और कौनसे टिप्स फॉलो करने चाहिए..
ऐसा नहीं है कि आप सिर्फ फैशन के लिए ही चश्मा पहनें, बल्कि सनग्लासेज आपकी आंखों की सुरक्षा भी करते हैं। दरअसल, ज्यादा समय तक अल्ट्रावायलेट (पराबैंगनी) किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आंखों में कॉर्निया और लेंस पर नुकसान पहुंच सकता है। फिर अंत में यह मोतियाबिंद और आंखों के कैंसर का कारण बनता है।
इसलिए ऐसा सनग्लास चुनें, जो अल्ट्रावाइलेट ए और अल्ट्रावायलेट किरणों से आपकी आंखों का 99 या 100 फीसदी तक बचाव करे। इस बात का खास ध्यान रखें कि बाहर बादल होने के बाद भी उन्हें पहनें।
अब लोगों का स्क्रीम टाइम लगातार बढ़ रहा है, इससे आंखों पर स्ट्रेन भी बढ़ रहा है. अगर आप लैपटॉप पर पूरे दिन काम करते हैं तो अपने कंधे के हिसाब से कम्प्यूटर रखें और 20-20-20 रूल को फॉलो करें और अपनी आंखों को आराम दें। अगर आप आंखों की सही से प्रोटेक्शन करते हैं तो आप आंख में होने वाली 90 फीसदी दिक्कतों को दूर कर सकते हैं।
अभी तक आपको लगता था कि सिगरेट फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है, लेकिन ये आंखों के लिए भी हानिकारक है। स्मोकिंग यानी धूम्रपान से मोतियाबिंद और आंखों में धब्बे होने वाली दिक्कतों का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही अक्सर तंबाकू का धुंआ यहां तक कि दूसरे के द्वारा की जा रही स्मोकिंग का धुंआ भी आंखों को रुखा बना देता है।
हर रोज जरूरत के हिसाब से नींद लेने से भी आंखों में दिन भर होने वाले तनाव से उबरने में मदद मिलती है। आंखों को आराम देने के अलावा, अच्छी मात्रा में ली गई नींद आंसुओं की आपूर्ति को फिर से भर देती है। जिससे आंखें हाइड्रेट रहती हैं। इसलिए, जो लोग प्रतिदिन उचित मात्रा में नींद लेते हैं, उनकी आंखों में ड्राई आई जैसी दिक्कतें बहुत कम होती है।
हर रोज एक्सरसाइज करने से शरीर के कई अंगों का फायदा मिलता है, जिसमें आंखे भी हैं।दरअसल, वॉक, जॉगिंग, योग आदि करने से हाई ब्लड प्रेशर, हाई कॉलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी दिक्कत नहीं होती। अगर शरीर में ये दिक्कत होती है, तो इससे आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है और आंखों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
कई लोग फैशन के चक्कर में आंखों में टैटू बनवाकर या लिड लिफ्ट के जरिए आंखों को दिक्कत में डालते हैं और इससे आंखों से जुड़ी दिक्कत होने का डर बढ़ जाता है। इसके अलावा आंखों के डॉक्टर की सलाह बिना लैंस आदि का इस्तेमाल करना भी खतरना है और इससे आपकी रोशनी को लेकर दिक्कत हो सकती है।
बता दें कि शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्ल्ड प्रेशर आपके शरीर की संचार प्रणाली को प्रभावित करते हैं। अगर आपकी आंखों में सही से खून का संचार नहीं हो पाता है, तो इससे आपके आंखों में देखने की शक्ति प्रभावित होगी और इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा या धुंधला दिखना जैसी दिक्कत हो जाएगी।
जी हां, नेत्र विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप मेकअप का सामान जैसे कि मस्कारा, आईशेडो और आईलाइनर किसी के साथ शेयर करते हैं, तो इससे आंखों में इंफेक्शन हो सकता है। अगर आपकी आंखों में खुजली या लालपन रहता है, तो तुरंत इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।
अगर आप कुछ भी खेल रहे हैं, तो भी आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बिना प्रोटेक्शन बॉल या रैकेट से आंखों में इंजरी हो सकती है। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप आई गियर, चश्मे या हेलमेट के जरिए खेल के दौरान होने वाली दिक्कतों से बचें।
अगर आप अपने लैंस को अच्छे से साफ नहीं करते हैं और अच्छे से नहीं रखते हैं, तो आपको आंखों में इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए, ध्यान रखें कि इसका इस्तेमाल करते वक्त हाथ धुले हों और उन्हें साफ करने के बाद अच्छे से रखें।
आंखों में लैंस लगाकर सोना, नहाना और तैरना इंफेक्शन को बढ़ावा देता है। अगर आप लैंस का इस्तेमाल करते हैं और आपकी आंखों में दर्ज, विजन की दिक्कत होती है, तो लैंस न पहनें और डॉक्टर से संपर्क करें।
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