डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जो दुनियाभर में तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, दुनिया भर में इस समय लगभग 42.2 करोड़ लोग डायबिटीज यानी मधुमेह से पीड़ित हैं। यह एक जीवन शैली जनित रोग है, जो लोगों के गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होता है। हालांकि, यह वंशानुगत भी हो सकता है और कोविड-19 के दौरान घरों में बंद होने, सामाजिक अलगाव और अन्य कारणों से और भी बड़ी है।
कारण चाहे जो भी हो, असल बात यह है कि डायबिटीज किसी पर भी दोतरफा मार करती है। यह एक ऐसा गंभीर रोग है, जो कई अन्य गंभीर रोगों के जोखिम को भी बढ़ता है। यदि इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह आपके लिए कई अन्य रोगों का जोखिम बढ़ा देता है।
हम आपको डायबिटीज के 5 स्वास्थ्य जोखिमों के जरिए यह बता रहे हैं, कि यह बीमारी कैसे आपको हमेशा जोखिम में रखती है।
गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव की वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इससे गर्भवती स्त्री में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। यदि गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज यानी गर्भावधि मधुमेह हो जाए, तो इसकी वजह से प्रेगनेंसी में कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं।
मां का शुगर लेवल ज्यादा होगा तो इसका असर उसके अंदर पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। इतना ही नहीं, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को पीलिया (जॉन्डिस) हो सकता है। साथ ही कुछ समय के लिए सांस की तकलीफ भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में इस बात की भी आशंका रहती है कि बच्चा बड़ा होने पर भी मोटापे से ग्रस्त रहे और उसे भी डायबिटीज हो जाए।
हृदय रोग, कोरोनरी हृदय रोग सहित, डायबिटीज के साथ लोगों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। विशेषज्ञों के अनुसार जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है, उनकी तुलना में डायबिटीज वाले लोगों को हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने की संभावना चार गुना तक अधिक हो सकती है।
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विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग हार्ट अटैक या स्ट्रोक के उच्च जोखिम में होते हैं, क्योंकि उनमें उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और अधिक वजन या मोटापे जैसे अन्य जोखिम कारक होने की अधिक संभावना होती है।
डायबिटीज के चलते किडनी रोग का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है, डायबिटिक नेफ्रोपैथी (diabetic nephropathy) किडनी की ऐसी बीमारी है, जो डायबिटीज की वजह से होती है। किडनी शरीर की सारी अशुद्धियों के निष्कासन में मदद करती है। जो बाद में मूत्र मार्ग से शरीर से निकल जाती हैं। जब किडनी में किसी प्रकार की समस्या आ जाती है, तब ये खून को शुद्ध नहीं कर पाती। जिसके परिणामस्वरूप शरीर में खराब पानी जमा होने लगता है।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी, डायबिटिक लोगों में होने वाली आम बीमारी है। देखा गया है कि 4 में से हर 1 डायबिटिक व्यक्ति को ये समस्या हो सकती है।
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कस्टमाइज़ करेंमधुमेह से पीड़ित लोगों को वैसे भी संक्रमणों, खास कर इन्फ्लूएंज़ा और निमोनिया का खतरा रहता है। साथ ही डायबिटीज के मरीजों को आमतौर पर श्वसन संबंधी गंभीर वायरस संक्रमणों को भी झेलना पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, ‘एच1एन1 फ्लू तथा सार्स कोरोना वायरस और मर्स कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों में मौत के मामलों में मधुमेह एक बड़े जोखिम के रूप में सामने आया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ‘जब मधुमेह के रोगियों में वायरल संक्रमण होता है, तो ब्लड शुगर की मात्रा में उतार-चढ़ाव और मधुमेह से जुड़ी अन्य जटिलताओं के कारण उनके उपचार में मुश्किलें आती हैं। ऐसे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है, जिससे कोरोनावा यरस का जोखिम अधिक बढ़ सकता है।
शुगर के रोगियों में, रक्त प्रवाह में ब्लड शुगर लेवल हाई होने के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसलिए, इन्फेक्शन से लड़ने की शरीर की क्षमता कम हो जाती है। इससे व्यक्ति को संक्रमण होने का खतरा होता है। लंबे समय में, हाई ब्लड शुगर रक्त परिसंचरण को प्रभावित करती है। इसलिए ऑक्सीजन और पोषक तत्व ऊतकों को पोषण देने में विफल होते हैं, जिससे समस्याएं बढ़ती हैं।
इसके अलावा, अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे तंत्रिका क्षति (परिधीय न्यूरोपैथी जैसी स्थिति) या हाथ और पैर जैसी चरम सीमाओं तक रक्त प्रवाह को कम करती हैं, यह भी संक्रमण के जोखिमों को बढ़ाता है।
जी हां, डायबिटीज को बढ़ाने और नियंत्रण में लेने की कुंजी हमारे ही हाथ में है। जिस तरह खराब जीवनशैली से यह बढ़ती है, उसी तरह जीवनशैली में सुधार करके इस स्थिति को कंट्रोल में किया जा सकता है। इसके लिए निम्न कदम उठाए जा सकते हैं।
तो लेडीज, अब तो आप जान ही गई होंगी कि डायबिटीज आपको किस तरह मल्टीपल नुकसान पहुंचाती है। इसलिए बेहतर है कि अपनी जगह से उठें, थोड़ी एक्सरसाइज, संतुलित भोजन और अच्छी नींद को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं।
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