डायबिटीज शब्द सुनते ही बहुत से लोग घबरा जाते हैं। कई शोध और अध्ययनों के बावजूद इसका उपयुक्त इलाज (diabetes treatment) अभी तक नहीं मिला है। शरीर में इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आपको लाइफस्टाइल (healthy lifestyle for diabetes) में बदलाव करना पड़ता है। यदि आपके खान-पान या रहन-सहन में जरा भी चूक होती हैं, तो यह रक्त शर्करा के स्तर में परिवर्तन ले आता है।
बहुत सारे लोग डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए केवल आहार (diabetic diet) और व्यायाम (exercise for diabetes) पर जोर देते हैं। मन चाहा परिणाम न मिलने पर दवा का भी सहारा लेना पड़ता है। लेकिन क्या आपने सोचा हैं कि आपका स्लीपिंग पैटर्न भी रक्त शर्करा को प्रभावित (sleeping pattern affects diabetes) कर सकता है? इसी संबंध में हुए एक शोध में सामने आया है कि अच्छी नींद आपके डायबिटीज लेवल को नियंत्रित कर सकती है।
जब स्वस्थ रक्त शर्करा को बनाए रखने की बात आती है, तो डायबेटोलोजिया (Diabetologia) में प्रकाशित नए शोध से संकेत मिलता है कि आपकी नींद की गुणवत्ता (quality sleep) इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने यह नींद की अवधि, समय और गुणवत्ता, लोगों के रक्त शर्करा के उतार-चढ़ाव के स्तर को चैक किया।
ऐसा करने के लिए, उन्होंने दो सप्ताह के अध्ययन के लिए लगभग 1,000 स्वस्थ वयस्कों को एकत्र किया। दो हफ्तों के दौरान, प्रतिभागियों ने मूवमेंट-ट्रैकिंग डिवाइस पहने जो उनकी नींद की गुणवत्ता और ग्लूकोज पर निगरानी रखता था। यह रोज सुबह नाश्ता करने के बाद उनके रक्त शर्करा को रिकॉर्ड करते थे।
भोजन करने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में परिवर्तन को “पोस्टप्रांडियल ग्लाइसेमिक कंट्रोल” के रूप में जाना जाता है। बेहतर पोस्टप्रांडियल ग्लाइसेमिक नियंत्रण बनाए रखना स्वस्थ रक्त शर्करा संतुलन का संकेत है।
निष्कर्ष बताते हैं कि देर से सोने या खराब नींद की गुणवत्ता के परिणामस्वरूप ग्लाइसेमिक नियंत्रण कम हो सकता है। साथ ही साथ यह रक्त शर्करा के स्तर को भी बढ़ा सकता है। दूसरी ओर, जल्दी सोना और बेहतर नींद की गुणवत्ता, अधिक रक्त शर्करा नियंत्रण और स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर से जुड़ी थी। इसका प्रभाव दोनों तरफ से देखा गया। नाश्ते के बाद स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर के कारण प्रतिभागियों ने बेहतर नींद का अनुभव किया।
अधिकांश वयस्कों को हर रात नियमित समय पर 7 या अधिक घंटे की अच्छी गुणवत्ता वाली नींद की आवश्यकता होती है।
पर्याप्त नींद लेना केवल कुल घंटों की नींद ही नहीं है। नियमित समय पर अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेना भी महत्वपूर्ण है। ताकि आप जागने के बाद खुद को फ्रेश और रिलैक्स महसूस करें।
यदि आपको अक्सर सोने में परेशानी होती है या यदि आप सोने के बाद भी थकान महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
जब आपके शरीर को नींद की जरूरत होती है (sleep improves immunity), तो आपकी प्रतिरक्षा कोशिकाओं और प्रोटीन को आराम मिलता है। जो उनके रास्ते में आने वाली किसी भी चीज़ से लड़ने के लिए आवश्यक होता है – जैसे सर्दी या फ्लू। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के विशेषज्ञों के मुताबिक, उचित नींद किसी भी वैक्सीन को और अधिक प्रभावी बना सकती है, जो स्पष्ट रूप से एक प्लस पॉइंट है।
पर्याप्त नींद न लेने से उच्च रक्तचाप या दिल के दौरे जैसी हृदय स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि नींद की कमी आपके शरीर में कोर्टिसोल छोड़ने का कारण बन सकती है। यह एक तनाव हार्मोन है जो आपके दिल को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की तरह, आपके हृदय को भी शक्तिशाली और ठीक से काम करने के लिए आराम की आवश्यकता होती है।
बिस्तर पर करवटें लेने से नहीं, बल्कि क्वालिटी स्लीप से आपका मूड अच्छा होता है। यदि आप अच्छी नींद लेते हैं, तो आप फ्रेश महसूस करते हुए जागते हैं। आराम करने से आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। जब आपकी ऊर्जा बढ़ती है, तो जीवन की छोटी-छोटी चुनौतियान आपको उतना परेशान नहीं करतीं। जब आप नाराज नहीं होते हैं, तो आप उतने गुस्से में नहीं होते हैं। अगर आप नाराज या गुसा नहीं होना चाहते तो रोज एक तय समय पर नींद को पूरी करें।
तो लेडीज, डायबिटीज ही नहीं, बल्कि कई अन्य परेशानियों का भी इलाज है नियमित और अच्छी नींद।
यह भी पढ़ें: आपकी फिटनेस को नुकसान पहुंचा सकती है कम बोन डेंसिटी, यहां जानिए कैसे
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।