सर्द–गर्म है आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए खराब, जानिए क्या हो सकता है इससे बचाव का उपाय

सर्दियों में (High temperature in cold weather) ऐसा अक्सर होता है कि रातें तो खूब ठंडी होंगी लेकिन दिन में तेज धूप के कारण हमें गर्मी से भी जूझना पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी गर्म कपड़े उतार देते हैं, तो यह आपको सेहत संबंधी कई परेशानियां दे सकता है।
cold and flu sore throat ka karan ban sakte hain
सर्दी-जुकाम में गला खराब हाेना सबसे कॉमन है। चित्र : अडोबीस्टॉक
Published On: 20 Jan 2025, 06:14 pm IST

अंदर क्या है

  • टेम्परेचर चेंजेज से होने वाली समस्याएं
  • सर्द-गर्म से क्यों जूझता है शरीर?
  • सर्द-गर्म से कैसे बचें

सर्दियां अपने आप में कई स्वास्थ्य समस्याएं लिए आती हैं। लेकिन यही समस्याएं और बढ़ जाती हैं जब सर्दियों में बार बार तापमान में बदलाव (High temperature in cold weather) होने लगे। ऐसा अक्सर होता है कि रातें तो खूब ठंडी होंगी लेकिन दिन में तेज धूप के कारण हमें गर्मी से भी जूझना पड़ता है। मौसम के ऐसे चेंजेज का असर हमारे शरीर पर बुरी तरह से पड़ता है। आज हम उन्हीं बुरे प्रभावों के बारे में बात करने वाले हैं और ये भी बताएंगे आपको कि इस परिस्थिति से कैसे बचना है ताकि आप किसी बीमारी के शिकार न हों।

टेम्परेचर चेंजेज से होने वाली समस्याएं ( Problems caused by temperature changes in winter)

1. इम्यून सिस्टम पर असर (Temperature changes affects immune system)

ऑक्सफोर्ड एकेडमिक्स की एक रिपोर्ट  कहती है कि बार बार टेम्परेचर में हो रहा बदलाव हमारे इम्यून सेल्स को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसा इसलिए होता है कि हमारा इम्यून सिस्टम कन्फ्यूज हो रहा होता है कि किस तरह से ऐसी परिस्थिति में शरीर का बचाव करना है जिसकी वजह से इम्यून सेल्स कमजोर होती हैं।
आपने अक्सर घरों में सर्द-गर्म (High temperature in cold weather) हो जाने की वजह से सर्दी जुकाम की समस्या का जिक्र सुना होगा। ऐसा इसलिए ही होता है क्योंकि तापमान में बार बार बदलाव की वजह से हमारा इम्यून सिस्टम समझ ही नहीं पाता कि कब बचाव करना है जिस वजह से सर्दी अचानक शरीर पर हावी हो कर समस्याएं दे देती है।

2. स्किन हेल्थ को खतरा ( Temperature changes affect skin health)

बहुत ज्यादा सर्दी से स्किन सूखी पड़ती है और फिर दिन में अगर तेज धूप हो जाए तो इसमें और इजाफा हो जाता है।

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मौसम में बार बार बदलाव का असर हमारी स्किन पर भी पड़ता है। चित्र – अडोबीस्टॉक

जर्नल ऑफ मेडिकल आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार बार बार हो रहे टेम्परेचर चेंजेज से हमारी स्किन सेल्स के काम पर असर पड़ता है और वो हमारी स्किन की सुरक्षा नहीं कर पाती। इस वजह से इन्फेक्शन के खतरे भी बढ़ते हैं। रिपोर्ट कहती है कि सर्दियों में स्किन की सूजन और खुजली बढ़ सकती है खासकर यदि आपकी स्किन पहले से ही एक्जिमा या सोरायसिस जैसी समस्याओं का शिकार हो।

3. पाचन तंत्र पर असर ( Impact on digestion)

वेल बिंग न्यूट्रीशन की एक रिपोर्ट  के अनुसार, सर्दियों में दिन और रात के अलग अलग टेम्परेचर (High temperature in cold weather) बुरी तरह से पाचन पर असर करते हैं जिनकी वजह से पेट की समस्याएं होने लगती हैं। ऐसा पाचन और मेटनोलिज़्म के धीमा हो जाने के कारण होता है। दरअसल, सर्दियों में अक्सर लोग ज्यादा कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ खाते हैं। जब तापमान में बार- बार उतार चढ़ाव होगा तो शरीर में एनर्जी की जरूरत भी बार बार बदलेगी। ऐसे में कभी ज्यादा खाने की इच्छा होगी और कभी एकदम नहीं। इसका सीधा असर पाचन पर पड़ेगा।

4. मानसिक समस्याएं ( Temperature changes affect Mental health)

अमेरिकी साइकेट्रिक एसोसिएशन की एक रिपोर्ट  कहती है कि दोनों ही सूरतों में यानी गर्मी और सर्दी मेंटल हेल्थ पर असर डालती है। दरअसल टेम्परेचर में बदलाव की सूरत में हमारा शरीर अंदर का टेम्परेचर ठीक और अनुकूल बनाए रखने के लिए ज्यादा एनर्जी का इस्तेमाल करने लगता है जिससे हमारे अंदर मानसिक थकान और तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार ये मूड स्विंग्स के तौर पर भी झलकता है। ऐसे लोग जो पहले से ही तनाव, एंजाइटी या डिप्रेशन जैसी समस्या से ग्रस्त हैं, टेम्परेचर में बदलाव उनमें ये समस्याएं और बढ़ा सकता है।

5. हार्ट हेल्थ पर असर ( Impacts on Heart Health)

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लैंसेट की एक रिपोर्ट कहती है कि बार बार टेम्परेचर में बदलाव का सीधा असर हमारे हार्ट पर पड़ता है। जब शरीर को ज्यादा ठंड या गर्मी का झेलना पड़ता है, तो दिल पर दबाव बढ़ता है। ठंडी हवा के कारण हमारी ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय को खून पंप करने में मुश्किल होने लगती है।

High temperature in cold weather
सर्द- गर्म की वजह से हार्ट पर भी दबाव पड़ता है। चित्र अडोबी स्टॉक

दरअसल, ठंडे मौसम में हमारी ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं। लेकिन फिर अगर मौसम में बदलाव हुआ और गर्मी होने लगी तो ये वापस अपनी जगह पर आ जाती हैं। ब्लड वेसल्स में हो रहे आर बार इस परिवर्तन का असर हमारे ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है जो हमारे हार्ट पर दबाव डालता है। यही वजह है कि मौसम में बदलाव का असर हार्ट पर पड़ता है। कई बार ये हार्ट अटैक का भी कारण बन सकता है।

सर्द–गर्म से होने वाली समस्याओं से कैसे बचा जाए (Prevention tips during High temperature in cold weather)

1. हाइड्रेशन ( Hydration)

सर्दियों में जब बार बार मौसम में बदलाव (High temperature in cold weather) हो रहा हो, ऐसे वक्त में शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है। ताकि हम किसी भी समस्या से बच सकें और हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे तरीके से होता रहे। शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए पानी पीने की आदत डालें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।

2. स्वस्थ आहार (Healthy diet)

मौसम में बार बार बदलाव की सूरत में हेल्दी खाना बहुत जरूरी है। शरीर में जब एनर्जी रहेगी तभी वो मौसम में हुए बदलावों से होने वाली समस्याओं से लड़ सकेगा। ऐसी सूरत में विटामिन C, जिंक, और प्रोटीन से भरपूर खाना खाएं ताकि आपका इम्यून सिस्टम मजबूत रहे। इसके साथ ही सर्दी में गर्मी देने वाली चीजों जैसे अदरक, लहसुन, शहद को खाने में शामिल करें।

3. व्यायाम ( Exercise)

नियमित व्यायाम से शरीर का टेम्परेचर स्टेबल रहता है और उस पर बाहरी टेम्परेचर का असर कम होता है, इसलिए नियमित व्यायाम को अपनी आदतों में शामिल करें। व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है जिससे हमें हार्ट की कोई प्रॉब्लम नहीं होती।

4. मौसम के अनुसार कपड़े ( clothes according to weather)

ऐसे वक्त में जब बार बार मौसम बदले, आप भी मौसम के अनुसार ही चलिए। जब बहुत धूप हो तो हल्के कपड़े और जब सर्दी हो तो उससे बचने के लिए उचित कपड़े पहनिए।

5. स्किन केयर ( Skin Care)

सर्दियों में स्किन की केयर बहुत जरूरी है। मौसम में बार बार बदलाव (High temperature in cold weather) हो रहे हों तो ये जरूरत और बढ़ जाती है। ऐसे में स्किन को हमेशा मॉइश्चराइज रखें। ध्यान रखें कि आपको बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाने से भी बचना है।

6. मेंटल हेल्थ का ख्याल ( Mental Health Care)

अभी हमने पढ़ा कि मौसम में बार बार बदलावों से दिमाग़ के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। ये असर अक्सर तनाव, मूड स्विंग के तौर पर बाहर आते हैं। इसलिए इनसे बचने के लिए योग और मेडिटेशन जैसी चीजें अपनी आदतों में शामिल करिए।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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