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बढ़ने लगी है मच्छरों की तादाद, एक्सपर्ट से जानिए डेंगू के निदान और उपचार का सही तरीका

देश भर में अचानक डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। मगर अभी तक इसके लिए कोई उचित दवा उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए आपको जानना चाहिए डेंगू के निदान और उपचार का सही तरीका।
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डेंगू का सही समय पर निदान और उपचार बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक
Dr. S.S. Moudgil Updated: 27 Oct 2023, 17:48 pm IST
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डेंगू एक वायरल संक्रमण है जिसमें व्यापक लक्षणों की स्थिति यथा बिना किसी लक्षण से आरम्भ होकर खतरनाक जानलेवा मृत्यु तक पहुंच सकती है। यह आम तौर पर मलेरिया की तरह एक मच्छर के काटने से फैलता है | इसे हड्डी तोड़ बुखार (Haddi tod bukhar) भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें तेज बुखार (104 डिग्री F तक) व मांसपेशियों और जोड़ों में भयंकर असहनीय दर्द देखा जाता है। इन दिनों देश भर में डेंगू मरीजों (Dengue cases) की तादाद बढ़ने लगी है। आपको भी इस समय में विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।

इस समय सबसे ज्यादा फैलता है डेंगू

यह अक्सर मानसून और उसके बाद के महीनों, जुलाई से अक्टूबर तक अधिक होता है। इस समय वायुमंडल में नमी मच्छरों की उत्पत्ति और प्रजनन का कारण बनती है।

सबसे पहले 1780 के आसपास इसाई मिशनरियों ने इसे मद्रास रेजीडेंसी में चिह्नित किया था। इस तरह के लक्षणों वाले बुखार को अफ़्रीकी देशों में भी उसी समय पाया गया था। लेकिन इसका निदान पहली बार 1963-64 में बंगाल व उड़ीसा में किया गया था।

2019 में देखा गया था डेंगू का विकराल रूप

इस रोग का भयानक विश्वव्यापी संक्रमण 2019 में देखा गया। अनुमान है कि उस वर्ष लगभग 4.2 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित हुए थे। जो पिछले 20 वर्षों में हुए कुल संक्रमण से आठ गुना थे।

2019में डेंगू सबसे ज्यादा फैला था। चित्र: शटरस्टॉक

यहां हैं डेंगू के कारण

जैसा पहले कह चुके हैं यह वायरस से होता है। डेंगू वायरस के चार संस्करणों (Variants) की पहचान हुई है। यथा DEN1, से DEN2,3 व 4।इस लिए यह बार-बार हो सकता है। कभी एक प्रकार के वायरस से कभी दूसरे प्रकार के वायरस से। इसलिए यह न सोचें कि एक बार डेंगू से ठीक होने के बाद, आपको यह दोबारा नहीं होगा।

कैसे फैलता है डेंगू का संक्रमण

यह एक मच्छर जिसे टाइगर मच्छर का नाम दिया गया है, के काटने से फैलता है। यह नाम इसलिए दिया गया है कि इस मच्छर के शरीर व टांगो पर चीते की तरह सफेद धारियां पाई जाती हैं। यह मच्छर आम तौर पर सुबह या देर शाम को सूरज ढलने से पहले काटता पाया गया है।

जब संक्रमित मच्छर एक स्वस्थ मनुष्य को काटता है, तो उसके रक्त में वायरस छोड़ देता है। इसी तरह जब संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह क्रम चलता रहता है।

डेंगू बुखार के लक्षण

मच्छर काटने चार से दस दिन के भीतर लक्षण प्रकट होने लगते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेंगू को तीन समूहों में वर्गीकृत किया है –

1 बिना लक्षण वाला डेंगू 2 चेतावनी के संकेतों के साथ होने वाला डेंगू 3 गंभीर किस्म का डेंगू।
लक्षण – 104 तक तेज बुखार, आंखों में दर्द। सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते मतली और उल्टी होना।

यहां डेंगू के लक्षण बताए गए हैं। चित्र-शटरस्टॉक.

चेतावनी के संकेत अकसर बुखार उतरने के 2 से 3 दिन बाद दिखाई देते हैं। यथा

1-भयंकर पेट दर्द से आरम्भ होते हैं
2- दिन में 2 से 3 बार उल्टी
3- नाक व मसूढ़ों से रक्त प्रवाह
4- उल्टी में खून आना
5- सांस लेने में दिक्कत या तेज सांस
6- थकान, बैचैनी, चक्कर आना, घबराहट
7- शरीर पर काले या गहरे भूरे चकत्ते निकलना विशेषत: पीठ पर
8- कभी-कभी कंपकपी हो सकती है, जिससे मलेरिया का भ्रम हो सकता है।

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यह है डेंगू के निदान का क्रमवार तरीका

हिस्ट्री : लक्षण हेतु
शारीरिक जांच : तापमान व मसूढ़े या नाक से रक्त प्रवाह देखना
लैब टेस्ट्स
एंटीजन टेस्ट : यह तुरन्त निदान हेतु किया जाता है इसे कार्ड टेस्ट भी कहते हैं।
एंटी बॉडी टेस्ट : यह नए व पहले हो चुके संक्रमण हेतु किया जाने वाला टेस्ट है। और यह डेंगू होने के 4-5 दिन बाद ही रिजल्ट देता है।
रक्त जांच : कम्पलीट ब्लड टेस्ट इसमें भी प्लेटलेट नामक रक्तकण संख्या महत्वपूर्ण होती है। 100-150/ mm यानी हल्का संक्रमण 50-100 मध्यम संक्रमण व 50/mm से नीचे की संख्या गंभीर संक्रमण का संकेत देता है।

क्या हो सकता है डेंगू का सही उपचार

डेंगू हेतु अभी तक कोई विशेष दवा उपलब्द्ध नहीं है। इसलिए अभी तक इसके लक्षणों को देखकर इलाज किया जाता है।

बुखार हेतु – पेरासिटामोल व गुनगुने पानी से माथा पोंछकर तापमान नियंत्रित करने के उपाय किये जाते हैं। दर्द निवारक दावा एस्प्रिन या ब्रुफेन नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इनसे ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है।
उल्टी हेतु – जीवन रक्षक घोल का सेवन करते रहना चाहिए।
गंभीर संक्रमण हेतु – अस्पताल में आई वी फ्लूइड या जरूरत पड़ने पर प्लेटलेट दिए जाते हैं।
विशेष – हृदय रोग पीड़ित व्यक्ति जो एस्प्रिन या इस जैसी रक्त पतला करने वाली दवा ले रहे होते हैं, उन्हें चिकित्सक की सलाह से इन्हें बंद करना पड़ सकता है।

घरेलू उपचारों की मदद से आप डेंगू में प्‍लेटलेट्स बढ़ा सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसलिए उपचार से पहले बचाव है जरूरी

  1. इसके लिए सबसे जरूरी कदम है मच्छर हेतु रोकथाम के उपाय करना।
  2. आवास के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  3. कचरे को घर से दूर कचरे हेतु निर्धारित स्थान पर ही फेंके।
  4. कूलर, टैंक, ड्रम, बाल्टी आदि से पानी खाली करें या ढक कर रखें।
  5. कूलर का उपयोग नहीं होने का दशा में उसका पानी पूरी तरह खाली करें।
  6. घरों के आसपास पानी एकत्रित होने वाली सभी अनुपयोगी वस्तुएं जैसे -टीन के डब्बे, कांच एवं
  7. प्लास्टिक की बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर आदि नष्ट कर दें।
  8. पानी में लार्वा पाए जाने पर टेमीफोस लार्वानाशक दवा के पानी का सतह पर छिड़काव करें।
  9. फ्रीज के ‘ड्रिप-पैन’ से पानी प्रतिदिन खाली करें।
  10. त्वचा को खुला न छोड़ें। अपनी त्वचा की सतहों को ढकने और मच्छर के दंश की संभावना को कम करने के लिए लंबी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनने की कोशिश करें।
  11. डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं। इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें।
  12. बच्चों व शिशुओं का विशेष ध्यान रखें उनके खुले अंगो पर मच्छर रोधी क्रीम उपयोग करें। अगर आपके आसपास मच्छर अधिक हैं, तो सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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Dr. S.S. Moudgil

Dr. S.S. Moudgil is senior physician M.B;B.S. FCGP. DTD. Former president Indian Medical Association Haryana State. ...और पढ़ें

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