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एक्सपर्ट से जानिए इस मौसम में कैसे रखना है अपने डायबिटिक पेरेंट्स के खानपान का ध्यान

आम दिनों के मुकाबले बदलते मौसम में डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है।
Updated On: 17 Oct 2023, 05:05 pm IST
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डायबिटीज में खानपान का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। चित्र-शटरस्टॉक।
डायबिटीज में खानपान का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। चित्र-शटरस्टॉक।

हम सभी अपने खान पान को ले कर काफी सतर्क रहते है खासकर तब जब गर्मी का मौसम हो क्योंकि हमारे देश मे गर्मी का मौसम काफी लोगो के लिए असहनीय हो जाता है। वैसे तो गर्मियों के दिनों मे छोटी-मोटी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती रहती हैं, जो ज्यादातर हमारे खान पान से या फिर उच्च तापमान के कारण होती है और ऐसे मे वो लोग जिन्हे डायबिटीज (मधुमेह) की शिकायत है उन्हें अपने खाने-पीने पर ज्यादा कंट्रोल रखना पड़ता है।

तेजी से बढ़ रही है डायबिटीज की समस्या

मधुमेह रोग एक ग्लोबल समस्या है और भारत मे ये समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है, 2017 में मधुमेह से ग्रस्त लोगों की संख्या 72 मिलियन थी और ऐसा अनुमान लगाया गया है कि ये संख्या वर्ष 2035 में 109 मिलियन हो जायेगी, तो मधुमेह के नये केसेस की संख्या कम करने के लिए उचित खानपान और अच्छी जीवनशैली का होना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। चित्र: शटरस्टॉक
डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। चित्र: शटरस्टॉक

गर्मी के मौसम में हर व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो जाती है, पानी का लॉस पसीना व मूत्र के रूप मे होता है, जिससे हमारे शरीर के टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं। आम तौर पर किसी स्वस्थ व्यक्ति को 3-3.5 लीटर प्रतिदिन पानी पीना चाहिए, किंतु गर्मी के दिनों में तथा क्लाईमेट कंडीशन के अनुसार ये मात्रा बढ़ भी जाती है।

जानिए क्यों जरूरी है पानी पीते रहना

गर्मी के दिनों मे डिहाईड्रेशन (निर्जलीकरण) होना आम बात है, लेकिन यदि बात करें मधुमेह के रोगियो की, तो उनमें डिहाईड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। जो कि कभी-कभी घातक भी सिद्ध हो सकता है, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा के कारण शरीर मे पानी कम हो जाता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

क्या हो सकते हैं पानी न पीने के खतरे 

निर्जलीकरण रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है और बार-बार पेशाब आने का कारण भी बन सकता है। यदि पर्याप्त सावधानी नहीं बरती जाती है, तो व्यक्ति को हीट स्ट्रोक भी हो सकता है। ज्यादा तापमान होने के कारण शरीर की इंसुलिन बनाने और उसे ठीक तरीके से उपयोग करने की क्षमता भी कम हो जाती है और इसी कारण इंसुलिन की आवश्यकता भी ज्यादा होती है। 

पानी पीते रहना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक
पानी पीते रहना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

जिन व्यक्तियों को इंसुलिन लेने की सलाह दी जाती है, उन्हें काफी सावधान रहना चाहिए। अक्सर ये देखा गया है कि लोग जब कहीं बाहर जा रहे होते हैं, तो अपनी कार, कैरी बैग या पर्स मे इंसुलिन रख लेते है और ये गर्मी के दिनों मे काफी नुक्सानदेय हो जाता है। 

इंसुलिन हीट सेंसिटिव होती है और इसलिए इस हमेशा ठंडे तापमान में ही रखना चाहिए। गलत तरीके से स्टोर की गयी इंसुलिन लेना भी आपको दिक्कत मे डाल सकता है। 

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

शरीर में पानी की कमी के लक्षण

 सिर दर्द , थकान, हाथ पैरों मे झनझनाहट, चक्कर आना, मुंह सूखना

सीवियर डीहाईड्रेशन के लक्षण  

रक्तचाप का कम हो जाना। 

रक्त शर्करा का बढ़ जाना। 

अधिक यूरिनेशन 

बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का लक्षण है। चित्र- शटरस्टॉक।
बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का लक्षण है। चित्र- शटरस्टॉक।

क्या है डिहाइड्रेशन से बचने के उपाय 

-गर्मी के मौसम मे तरल पदार्थो (fluid) का सेवन बढ़ायें।  

– खुद को हाईड्रेट रखने के लिए ग्रीन टी, ब्लैक टी, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, दाल का पानी, सब्जियों का सूप, व्हेय वॉटर, इंफ्यूज्ड वॉटर का नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकती हैं, क्योंकि ये सभी हेल्दी ऑप्शंस हैं। 

-आहार में ऐसे फल, सब्जियां और सलाद को शामिल करें, जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, शर्करा की मात्रा कम हो, जिनका ग्लाईकेमिक इंडेक्स (GI) और ग्लाईकेमिक लोड (GL) भी कम हो। जैसे- खीरा, ककड़ी, टमाटर, प्याज, तरबूज, पपीता, अमरूद, संतरा, सेब, जामुन। सब्जियां जैसे- सेलेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां, शिमला मिर्च, लौकी, करेला आदि। 

-गर्मी की थकावट (heat exhaustion) से सावधान रहें। 

– रक्त शर्करा को नियमित रूप से मॉनिटर करें। 

– एक्सरसाइज के दौरान अपने शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करें, बाहर दौड़ने जाने के बजाय घर मे ही योग या व्यायाम करें, आप वतानुकूलित जिम मे व्यायाम कर सकते हैं, या फिर सुबह जल्दी उठकर/ सूरज ढलने के बाद बाहर वाक् पे जा सकते है या व्यायाम कर सकते हैं। 

– गर्मी के दिनों मे ढीले, हल्के रंग के और आरामदायक कपड़े पहनें। 

– अपने पैरो की देखभल करें, नंगे पैर बाहर न जाएं क्योंकि मधुमेह के रोगियों को इंफेक्शन होने का खतरा और लोगो की अपेक्षा ज्यादा होता है। 

-यदि कहीं बाहर जा रहे है तो इंसुलिन को किसी कूलर में स्टोर करें। सीधे उसे किसी ठंडे बैग या आइस बैग मे न रखें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
Dt. Anshika Srivastava
Dt. Anshika Srivastava

Dt. Anshika Srivastava is Founder of Nutri Hub. Chief Clinical Nutrition Consultant.

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