जब आप किसी बीमारी से लड़ते हैं तो अपने आप को मरीज न समझें, बल्कि आप फाइटर हैं। और जब आप उस पर जीत हासिल कर लेते हैं तो आप हो जाते हैं अचीवर। ये कहना है कैंसर अचीवर विभा रानी का। विभा रानी स्तन कैंसर से लड़ाई जीतने के बाद उन महिलाओं भी जागरुकता पैदा कर रहीं हैं, जो इस दुष्ट बीमारी से अब भी लड़ रहीं हैं। एक विजेता ही बता सकता है दुश्मन से मुकाबले की असली रणनीति।
ब्रेस्ट कैंसर अवेरनेस मंथ की शुरुआत करने का मुख्य कारण लोगो को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक करना रहा है। साथ ही उनकी समस्याओं का निदान करने और एक इस बीमारी से मुकाबले को एक सकारात्मक माहौल तैयार करना भी है।
विभा रानी एक ब्रेस्ट कैंसर अचीवर हैं। वह बताती हैं कि उन्होंने कैंसर के शब्दकोश से तीन शब्द निकालें है और उनकी जगह तीन नए शब्द जोड़े हैं। जो कैंसर से जुड़ें व्यक्ति में एक सकारात्मक भाव के साथ- साथ एक नयी ऊर्जा प्रदान करते हैं।
1.कैंसर सर्वाइवर (Cancer Survivor) की जगह कैंसर अचीवर (Cancer Achiever)
2.कैंसर मरीज (Cancer Patient) की जगह कैंसर फाइटर (Cancer Fighter)
3. और जो लोग कैंसर से हार गए उन्हें भी कैंसर वॉरियर (Cancer Warrior) कहा जाए।
कैंसर से जुड़े लोगों को पॉजिटिव एनर्जी की बहुत जरूरत होती है और इन शब्दों के जरिए हम उन्हें पॉजीटिव एनर्जी देते हैं। साथ ही उनके मन में बैठे ब्रेस्ट कैंसर के प्रति डर को खत्म करने की कोशिश करते हैं।
विभा रानी कहती हैं, “ब्रेस्ट कैंसर आज विश्व में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है, परन्तु इससे घबराने की बजाए सचेत रहें। एहतियात बरतें, साथ ही सही डॉक्टर से सही इलाज करवाएं। यह एक बीमारी है और चिकित्सकीय उपचार से ही खत्म होगी। इसीलिए किसी भी प्रकार के अंधविशवासों के चक्करों में न पड़ें। यह आपके ब्रेस्ट कैंसर को जड़ से खत्म करने में कहीं भी मदद नहीं करता है।”
विभा रानी जो खुद एक ब्रेस्ट कैंसर अचीवर है वह बताती है कि “कैंसर के दौरान सकारात्मक होना बेहद आवश्यक है। क्योंकि यह आपके साथ आपके परिवार और दोस्तों को भी आपकी समस्या से चिंतित बना देता है। इस दौरान आपका खुश रहना उन्हें भी खुश रखता है।
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में बहुत लंबा समय लगता है। अधिक पैसे भी खर्च होते हैं, परन्तु अगर इस समय किसी चीज की जरूरत होती है तो वह है आपके हिम्मत से कम लेने की। साथ ही धैर्य बनाए रखना भी जरूरी है। आपका धैर्य आपको इस लड़ाई में आपकी मदद करता है।
ब्रेस्ट कैंसर औरतों को ही होती है, ऐसा नहीं है। कुछ पुरष भी इसके शिकार होते हैं। पर ज्यादा मामले औरतों के ही है। कभी-कभी महिलाएं इस बात से कतराने लगती हैं कि अब उनके ब्रेस्ट को काट दिया जाएगा। अब उनकी खूबसूरती खत्म हो जाएंगी ,कृप्या इस रूढ़िवादी विचारधारा से उठ कर अपने कीमती जीवन को बचाने के बारे में सोचें।
ब्रेस्ट कैंसर का यह मतलब नहीं होता कि आपके ब्रेस्ट को रिमूव कर दिया जाएगा, बल्कि जिस प्रकार का कैंसर आपके ब्रेस्ट में होगा डॉक्टर आपका इलाज उसी प्रकार से करेंगे। कुछ केस में ब्रेस्ट में सिर्फ छोटी सी गांठ होती है और डॉक्टर ऑपरेशन करके उस गांठ को निकाल देते हैं। इसीलिए शुरुआत के समय में ही इलाज करवाना आपके लिए फायदेमंद होता है। उस समय ब्रेस्ट कैंसर का खतरनाक रूप देखने को नहीं मिलता है।
तो लेडीज, इस ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ में सबसे पहले आत्म परीक्षण करें। आपके दोस्तों में, परिवार में या जान-पहचान वाली किसी महिला को अगर आपकी मदद की जरूरत है तो उनकी मदद करें।
डॉक्टर पुरुष है या स्त्री इस बात को दिमाग से निकाल दें। अगर मर्ज लगा है तो उसका इलाज करवाना ही आपकी पहली जिम्मेदारी है। ध्यान रखें कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए गायनेकोलॉजिस्ट के पास न जाकर ओंकोंलॉजिस्ट के पास जाएं।