मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज कई चीजों को खाने से कतराते हैं। खासकर, आम को लेकर उनके मन में कई सवाल रहते हैं। आम बेहद स्वादिष्ट पर मीठा फल है। इसलिए डायबिटीज के मरीज हमेशा इसी उलझन में रहते हैं कि वे इसे खाएं या नहीं। इसलिए आज हम इस पर पुख्ता जानकारी लेकर आए हैं। भले ही फल स्वास्थ्यवर्द्धक हैं, लेकिन कुछ फलों में मिठास इतनी ज्यादा होती है कि वे रक्त शर्करा का स्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ा देते हैं।
एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन में आम को स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी बताया गया है, क्योंकि इसमें कुछ बायोएक्टिव होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। आयोवा डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आम में बीटा-कैरोटीन की मात्रा अधिक होती है। आम में लगभग 20 विभिन्न खनिज और विटामिन होते हैं, जो कई बीमारियां जैसे – कैंसर, सूजन, हृदय संबंधी समस्याएं और अन्य तरह की परेशानियों से आपकी रक्षा करता है।
आम में फाइबर और मैंगिफरिन होता है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर शरीर में हो रहे रक्त प्रवाह में चीनी को अवशोषित करने की दर को धीमा कर देता है। आम में एंटीऑक्सीडेंट तनाव प्रतिक्रिया को कम करने का गुण भी होता है। जो ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में मदद करता है।
एनसीबीआई के एक अध्ययन से साबित हुआ है कि आम के छिलके के अर्क में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त शर्करा के समग्र प्रभाव को कम करने में मदद करता हैं।
मोटे लोगों में डायबिटीज का खतरा ज्यादा देखने को मिलता है। मोटापे से ग्रस्त 20 वयस्कों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि 12 सप्ताह तक ताजे आम के आधे भाग के सेवन से रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, आम मोटापे से ग्रस्त लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी कम कर सकता है। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जो ब्लड ग्लूकोज के स्तर में सुधार करते हैं। टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे को भी कम किया जा सकता है। ऐसे में मधुमेह रोगी अपनी स्वास्थ्य स्थिति और शुगर लेवल के अनुसार डॉक्टरी सलाह के बाद
आम को आहार में शामिल कर सकते हैं।
तो आप फिलहाल बिना किसी चिंता के आम के मौसम का आनंद लें। बस ध्यान रखें कि एक बार में आधे आम से ज्यादा न खाएं।
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