आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति सदियों पुरानी है। आयुर्वेद का अपना विज्ञान है और कई बार आपने बड़े – बड़े चिकित्सकों और एक्सपर्ट्स को कहते हुए सुना होगा कि आयुर्वेद में वैज्ञानिक प्रमाणों का अभाव है। मगर, कोरोनाकाल के बाद से सभी ने आयुर्वेद (Ayurveda) के सकारात्मक प्रभावों को पहचाना है, क्योंकि इसने बहुत सारे लोगों की मदद की है।
आयुष मंत्रालय (AYUSH) ने भी कई ऐसी आयुर्वेदिक चीजों का उल्लेख किया है, जिन्होंने कोविड से इम्यून होने में हमारी मदद की है और साइन्स ने भी इसे समझा है। आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) के उपलक्ष्य पर हम आयुर्वेद से जुड़ी उन चीजों या उपायों के बारे में बताएंगे, जिन्हें विज्ञान भी मानता है। साथ ही, ये वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित भी हैं। मगर उससे पहले जानते हैं ‘ नेशनल साइन्स डे’ के बारे में’।
नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय भौतिक विज्ञानी सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज को चिह्नित करने के लिए हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम (National Science Day theme) ‘सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण’ (Integrated Approach in Science and Technology for a Sustainable Future) है।
हल्दी एक आयुर्वेदिक मसाला है जो करी को उसका पीला रंग देता है। यह अपने औषधीय गुणों के लिए सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल किया जा रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हल्दी इम्युनिटी बढ़ाने में फायदेमंद है। साथ ही, करक्यूमिन, इसका मुख्य यौगिक, सूजन को कम करने और हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।
आयुर्वेद में किसी भी दर्द का रामबाण इलाज है गर्म तेल की मालिश और आपको जानकार खुशी होगी कि विज्ञान भी इसे मानता है। साथ ही, हॉट ऑयल मसाज वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित है। जोड़ों में दर्द से लेकर बदन दर्द तक हॉट ऑयल मसाज बहुत फायदेमंद है। इतना ही नहीं एनसीबीआई के अनुसार गर्म तेल की मालिश आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है।
आयुर्वेद में सर्दी-जुकाम से निपटने के लिए भाप लेना एक प्रभावी तरीका है। अपने नाक और श्वसन मार्ग को साफ करने के लिए भाप लेना फायदेमंद साबित हो सकता है। पब मेड सेंट्रल के अनुसार न सिर्फ श्वसन तंत्र को साफ रखता है, बल्कि फेफड़ों की बीमारी, सांस लेने की तकलीफ में भी फायदेमंद है।
आपने आजकल कई सेलेब्रिटीज को ऑयल पुलिंग के फायदे गिनाते हुए देखा होगा। मगर यह कोई नया ट्रेंड नहीं है, बल्कि सदियों पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा है। ये ओरल हेल्थ को बढ़ावा देने और मौखिक स्वच्छता बनाए रखने में मदद करती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ओग हेल्थ के अनुसार ऑयल पुलिंग मुंह से हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करती है।
अश्व यानी घोड़ा और शरीर में फुर्ती लाने के लिए अश्वगंधा सदियों पुराना आयुर्वेदिक उपाय है। अश्वगंधा का सेवन एनर्जी बूस्ट करने के लिए किया जा सकता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अनुसार आश्वगंधा आपको ऊर्जावान रखने में मदद कर सकता है और फोकस को बढ़ाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, “लाखों लोगों के लिए, आयुर्वेदिक दवाएं, पारंपरिक उपचार और पारंपरिक चिकित्सक स्वास्थ्य देखभाल का मुख्य स्रोत हैं। मगर आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करना महत्वपूर्ण है। जो महिलाएं गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं, या जो लोग बच्चे के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा का उपयोग करने की सोच रहे हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लेना चाहिए।”
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