कोविड-19 पेंडेमिक के बाद से श्वसन-तंत्र से जुड़ी और विशेषकर फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ रहा है। श्वसन-तंत्र संक्रमण के मामले दुनिया भर में बढे हैं। निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में इनकी व्यापकता काफी ज्यादा है। यहां शोध, रोकथाम और उपचार के लिये धन सीमित है।
कई शोध के निष्कर्ष और लंग स्पेशलिस्ट बताते हैं कि खानपान की सही आदतों और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने से इन समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। कई फ़ूड ऐसे हैं जो बीमारी से रोकथाम करते हैं और फेफडों को स्वस्थ रखने में मदद (foods for lung health) करते हैं।
अमेरिका के नेशनल हेल्थ एग्जामिनेशन सर्वे के अनुसार, वर्ष 2016 में डेविड आर जैकब और रवि कल्हण की एक स्टडी रिपोर्ट आई। यह पब मेड सेंट्रल में भी शामिल की गयी। इसके अनुसार जिन प्रतियोगियों ने डाइटरी फाइबर से भरपूर भोजन लिया, उनके लंग्स ने बढ़िया तरीके से फंक्शन किया। उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। यदि अपने फेफड़े को सुरक्षित रखना है, तो अपने भोजन से इन पांच फ़ूड को बाहर रखना होगा।
तला-भुना भोजन (Fried Foods)
सोडा (Soda)
प्रोसेस्ड मीट (Processed Meats)
डेरी प्रोडक्ट Dairy Products
नमक वाले भोजन (Salty Foods)
पद्मश्री विजेता और डॉ. बत्राज ग्रुप ऑफ कंपनीज के फाउंडर और चेयरमैन डॉ. मुकेश बत्रा बताते हैं, ’हमारे फेफड़े अस्थमा, सीओपीडी या ब्रोंकाइटिस आदि जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के प्रति संवेदनशील होते हैं। कोविड-19 महामारी ने सांस की समस्याओं को बढ़ाया ही है। अपने फेफड़े को स्वस्थ रखने के लिए होम्योपैथी को अपनाने के अलावा, लोगों को स्वस्थ जीवनशैली रखनी चाहिये। धूम्रपान से भी सख्ती से बचना चाहिये। इनके अलावा श्वसन व्यायामों का अभ्यास करना चाहिए और फाइबर और दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लेना चाहिये।‘’
एंटीऑक्सिडेंट क्वेरसेटिन की उपस्थिति के कारण सेब फेफड़ों की किसी भी समस्या को कम करने में मदद करता है। स्टडी बताती है कि स्मोकिंग से होने वाले फेफड़ों की क्षति को भी यह कम करने में सक्षम सिद्ध हुआ है। जो लोग प्रति सप्ताह पांच या अधिक सेब खाते हैं, उनमें सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) विकसित होने का जोखिम कम होता है। पोटैशियम वाटर रिटेंशन को कम करने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और पाचन में सुधार करने में मदद कर सकता है । इसलिए फेफड़ों के फंक्शन के लिए यह जरूरी है। पोटैशियम का आम स्रोत केला है, लेकिन यह अन्य उत्पादों में भी पाया जाता है।
चुकंदर और चुकंदर के साग फेफड़ों के फंक्शन को लाभ पहुंचाते हैं। रक्तचाप को कम करने और ऑक्सीजन इन्टेक को अनुकूलित करने के लिए दिखाया गया है। जिन लोगों को सांस की समस्य है, उन्हें चुकंदर जरूर खाना चाहिए। चुकंदर विटामिन और मैग्नीशियम और पोटैशियम पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है, जो फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
कद्दू कैरोटेनॉयड्स से भरपूर होते हैं, जो फेफड़ों के फंक्शन में मददगार होते हैं। कैरोटेनॉयड्स में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो ओवरआल हेल्थ और आराम को बढ़ावा देते हैं।
टमाटर लाइकोपीन के सबसे समृद्ध प्लांट स्रोतों में से एक है।
इसमें मौजूद कैरोटीनॉयड बेहतर फेफड़ों के कार्य से जुड़ा हुआ है। टमाटर और टमाटर के प्रोडक्ट का सेवन फेफड़ों में उपस्थित एयरवेज के सूजन को कम करने से भी जुड़ा है।
पालक, केल पोय जैसे पत्तेदार साग कैरोटेनॉयड्स, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और विटामिन के समृद्ध स्रोत हैं। इन पोषक तत्वों में एंटी इन्फ्लामेटरी और एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होते हैं। ये फेफड़ों की सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
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