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पेट्स को चूमना आपकी सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसके स्वास्थ्य जोखिम

अपना प्यार जताने के लिए हम अपने पेट्स को गले लगा लेते हैं। उनके होंठों को चूम लेते हैं। पेट्स भी हमें बदले में चाटते हैं। क्या आप जानती हैं कि पेट्स किसिंग कई तरह की गंभीर बीमारियों को आमंत्रित भी कर सकता है। इसके बारे में विस्तार से विशेषज्ञ से जानें।
Published On: 20 Sep 2023, 11:00 am IST
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pets ka aapko chatna ya aapko unhen kiss karna swasthya ke liye khatarnak hai.
पेट्स को चूमना, उनके साथ बेड शेयर करना या फिर उनके साथ खाना-खाना कई तरह की गंभीर बीमारियों का आमन्त्रण देना हो सकता है। चित्र : पिक्साबे

क्या आप अपने डॉगी को चूमती (Kissing Pets) हैं? कुछ लोगों को पेट्स (Pet Dogs or cats) को किस करना पसंद होता है, तो कुछ को नहीं। एक्सपर्ट कहते हैं कि डॉगी को न चूमना ही बेहतर है। कुछ शोध बताते हैं कि कुत्ते की लार घाव भरने में सहायता कर सकती है। वहीं कुछ शोध के निष्कर्षों में सामने आया है कि यदि आप अपने पालतू पशु (Pet Dogs or cats) को चूमती हैं, तो आपको कई तरह की गंभीर बीमारियों (Pets ko choomna ho sakta hai khatarnak) का भी सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह बात पहले ही साबित हो चुकी है कि कुत्ते अपने मालिकों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आइये विशेषज्ञ से जानते हैं कि पेट्स को चूमना चाहिए या नहीं (kissing pets effect)।

कमजोर इम्यून सिस्टम वाले हो सकते हैं प्रभावित (Kissing Pets effect on weak immune system)  

शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा में अस्सिटेंट प्रोफेसर (इंटरनल मेडिसिन) डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं, ‘कुत्ते को होठों पर किस करना अस्वच्छ (unhygienic) और संभावित रूप से खतरनाक (Health Risks) हो सकता है। यह उन विकारों को भी जन्म दे सकता है, जिसके कारण व्यक्ति को बेड रिडन होना पड़ता है।

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग (weak immune system) या गर्भवती महिलाएं जानवरों से संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। कुत्तों के मुंह जर्म्स से भरे होते हैं। इससे इंसानों के लिए उन्हें साफ करना मुश्किल हो जाता है। संक्रमण अप्रत्यक्ष रूप से दूषित बिस्तर, गंदगी, भोजन या पानी के माध्यम से या सीधे कुत्तों से लार, शारीरिक तरल पदार्थ और मल के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकता है। किसी पालतू जानवर को चूमना ओरल हेल्थ के लिए भी हानिकारक हो सकता है। बिल्लियों, कुत्तों और मनुष्यों में पेरियोडोंटल रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया भी पाए जाते हैं।’

कौन-कौन से बैक्टीरिया और रोग हो सकते हैं (bacteria and pathogens from pets)

डॉ. श्रेय श्रीवास्तव के अनुसार, पालतू पशुओं की लार में हिस्टैटिन नामक केमिकल होते हैं, जो नई स्किन सेल्स के प्रसार को बढ़ावा देकर घाव भरने में सहायता करता है। लेकिन उनके मुंह में रोग को बढ़ाने वाले कई बैक्टीरिया भी हो सकते (kissing pets effect) हैं।

1 पास्चुरेला (Pasteurella) – बिल्लियों और कुत्तों के मुंह में पास्चुरेला बैक्टीरिया रहता है, जो स्किन, लिम्फ नोड और कभी-कभी अधिक गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।

2 बार्टोनेला हेन्सेले (Bartonella Henselae) : यह गंभीर स्किन और लिम्फ नोड संक्रमण का कारण बन सकता है, जिसे कैट-स्क्रैच-बुखार कहा जाता है।

3 साल्मोनेला, ई. कोली, क्लॉस्ट्रिडिया और कैम्पिलोबैक्टर (Salmonella, E. coli, Clostridia and Campylobacter) : पालतू जानवरों की आंतों में ये पाए जाने वाले बैक्टीरिया मनुष्यों में गंभीर आंतों की बीमारी का कारण बन सकते हैं।

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pet ko kiss karne par gambheer skin problem ho sakte hain.
पेट्स किसिंग गंभीर स्किन और लिम्फ नोड संक्रमण का कारण बन सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

कितना खतरनाक है पशुओं का अपना एनस चाटना (Pets Licking Anus) 

पालतू पशु खुद को साफ़ करने के लिए अपना एनस चाटते हैं। मल के अवशेषों में मौजूद बैक्टीरिया मुंह तक पहुंच जाते हैं। इंसानों के किस करने पर ये बैक्टीरिया हमारी आंतों तक पहुंच जाते हैं। चेहरे और होंठ चाटने से यह मल आसानी से मनुष्यों और पालतू जानवरों के बीच फैल (kissing pets effect) सकता है

पेट्स से हो सकते हैं मस्तिष्क संबंधी विकार (Kissing pets effect on mental health) 

कुछ मामलों मे पालतू पशु पैथोजेन्स को अंजाने में इंसान तक पहुंचा देते हैं। इससे इंसानों को आंतों की बीमारी, त्वचा की समस्याएं, ब्लाइंडनेस और मस्तिष्क संबंधी विकार हो सकते हैं। जो पालतू जानवर अपनी गुदा को चाटते हैं, वे संभावित रूप से चेहरे को चाटने के दौरान पैथोजेन के अंडे मनुष्यों तक पहुंचा सकते हैं। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, कीमोथेरेपी ले रहे व्यक्तियों, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के पेट्स के साथ ओरल संपर्क से संक्रमित होने की सबसे अधिक संभावना (kissing pets effect) होती है। स्वस्थ लोगों के संक्रमित होने की संभावना कम हो सकती है

यहां हैं पेट्स से सावधानी बरतने के उपाय (Prevention tips for pets owner)

नियमित डीवोर्मिंग कार्यक्रम के साथ-साथ साल में एक बार पेट्स फीकल टेस्ट और एंटी पैरासाइट ट्रीटमेंट होना चाहिए। पेट्स के फीकल मैटेरियल का निपटान सही तरीके से होना चाहिए।

apne pet ke swasthya ki jaanch saal me ek baar jaroor karayen.
साल में एक बार पेट्स फीकल टेस्ट और एंटी पैरासाइट ट्रीटमेंट होना चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक

पिस्सू और टिक्स को नियंत्रित करने के लिए उपचार

  1. पालतू पशुओं को पका हुआ, डिब्बाबंद या सूखा भोजन (kissing pets effect) खिलाना चाहिए।
  2. बच्चों के इस्तेमाल की चीज़ें पेट्स से दूर रखनी चाहिए, ताकि वह मुंह में नहीं ले सके।
    सब्जियों को पकाने से पहले अच्छी तरह धोना (Wash Vegetables with Water) जरूरी है।
  3. पशुओं के एनस और उनके मल को साफ़ करने पर पर्याप्त रूप से हाथ धोना (Wash Hands) जरूरी है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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