क्या आप अपने डॉगी को चूमती (Kissing Pets) हैं? कुछ लोगों को पेट्स (Pet Dogs or cats) को किस करना पसंद होता है, तो कुछ को नहीं। एक्सपर्ट कहते हैं कि डॉगी को न चूमना ही बेहतर है। कुछ शोध बताते हैं कि कुत्ते की लार घाव भरने में सहायता कर सकती है। वहीं कुछ शोध के निष्कर्षों में सामने आया है कि यदि आप अपने पालतू पशु (Pet Dogs or cats) को चूमती हैं, तो आपको कई तरह की गंभीर बीमारियों (Pets ko choomna ho sakta hai khatarnak) का भी सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह बात पहले ही साबित हो चुकी है कि कुत्ते अपने मालिकों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आइये विशेषज्ञ से जानते हैं कि पेट्स को चूमना चाहिए या नहीं (kissing pets effect)।
शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा में अस्सिटेंट प्रोफेसर (इंटरनल मेडिसिन) डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं, ‘कुत्ते को होठों पर किस करना अस्वच्छ (unhygienic) और संभावित रूप से खतरनाक (Health Risks) हो सकता है। यह उन विकारों को भी जन्म दे सकता है, जिसके कारण व्यक्ति को बेड रिडन होना पड़ता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग (weak immune system) या गर्भवती महिलाएं जानवरों से संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। कुत्तों के मुंह जर्म्स से भरे होते हैं। इससे इंसानों के लिए उन्हें साफ करना मुश्किल हो जाता है। संक्रमण अप्रत्यक्ष रूप से दूषित बिस्तर, गंदगी, भोजन या पानी के माध्यम से या सीधे कुत्तों से लार, शारीरिक तरल पदार्थ और मल के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकता है। किसी पालतू जानवर को चूमना ओरल हेल्थ के लिए भी हानिकारक हो सकता है। बिल्लियों, कुत्तों और मनुष्यों में पेरियोडोंटल रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया भी पाए जाते हैं।’
डॉ. श्रेय श्रीवास्तव के अनुसार, पालतू पशुओं की लार में हिस्टैटिन नामक केमिकल होते हैं, जो नई स्किन सेल्स के प्रसार को बढ़ावा देकर घाव भरने में सहायता करता है। लेकिन उनके मुंह में रोग को बढ़ाने वाले कई बैक्टीरिया भी हो सकते (kissing pets effect) हैं।
1 पास्चुरेला (Pasteurella) – बिल्लियों और कुत्तों के मुंह में पास्चुरेला बैक्टीरिया रहता है, जो स्किन, लिम्फ नोड और कभी-कभी अधिक गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
2 बार्टोनेला हेन्सेले (Bartonella Henselae) : यह गंभीर स्किन और लिम्फ नोड संक्रमण का कारण बन सकता है, जिसे कैट-स्क्रैच-बुखार कहा जाता है।
3 साल्मोनेला, ई. कोली, क्लॉस्ट्रिडिया और कैम्पिलोबैक्टर (Salmonella, E. coli, Clostridia and Campylobacter) : पालतू जानवरों की आंतों में ये पाए जाने वाले बैक्टीरिया मनुष्यों में गंभीर आंतों की बीमारी का कारण बन सकते हैं।
पालतू पशु खुद को साफ़ करने के लिए अपना एनस चाटते हैं। मल के अवशेषों में मौजूद बैक्टीरिया मुंह तक पहुंच जाते हैं। इंसानों के किस करने पर ये बैक्टीरिया हमारी आंतों तक पहुंच जाते हैं। चेहरे और होंठ चाटने से यह मल आसानी से मनुष्यों और पालतू जानवरों के बीच फैल (kissing pets effect) सकता है।
कुछ मामलों मे पालतू पशु पैथोजेन्स को अंजाने में इंसान तक पहुंचा देते हैं। इससे इंसानों को आंतों की बीमारी, त्वचा की समस्याएं, ब्लाइंडनेस और मस्तिष्क संबंधी विकार हो सकते हैं। जो पालतू जानवर अपनी गुदा को चाटते हैं, वे संभावित रूप से चेहरे को चाटने के दौरान पैथोजेन के अंडे मनुष्यों तक पहुंचा सकते हैं। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, कीमोथेरेपी ले रहे व्यक्तियों, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के पेट्स के साथ ओरल संपर्क से संक्रमित होने की सबसे अधिक संभावना (kissing pets effect) होती है। स्वस्थ लोगों के संक्रमित होने की संभावना कम हो सकती है।
नियमित डीवोर्मिंग कार्यक्रम के साथ-साथ साल में एक बार पेट्स फीकल टेस्ट और एंटी पैरासाइट ट्रीटमेंट होना चाहिए। पेट्स के फीकल मैटेरियल का निपटान सही तरीके से होना चाहिए।
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